क्या आपको पता है कि मच्छर जनित बीमारियां हम में संक्रमित मच्छराें के काटने से फैलती हैं? जिनमें चिकनगुनिया, डेंगू बुखार और मलेरिया बुखार आदि शामिल हैं। दुर्लभ मामलों में ही, लेकिन कभी-कभी ये संक्रमित मच्छर येलो फीवर और जीका वायरस जैसे डिजीज का कारण भी बन सकते हैं। माॅनसून के दौरान इन बीमारियों के होने का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। इसलिए, स्वस्थ रहने के लिए सभी सावधानियों का पालन करते हुए मच्छर जनित बीमारियों के कारणों को दूर करना जरूरी है। जानें, इससे बचाव के लिए एक्सपर्ट की राय-
क्या आपमें हाई ग्रेड फीवर, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, बुखार के कारण सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं? अगर ऐसा है तो आप इन गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। मच्छर जनित बीमारियां संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलती हैं। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां एक परजीवी के कारण हो सकती हैं। मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी डिजीज कई वर्षों से लोगों को ग्रस्त कर रही हैं और जीका वायरस जैसे दुर्लभ संक्रमण ने भी अब अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है। जिसके पीछे कई कारण हैं, जैसे कि शहरीकरण, यात्रा और जनसंख्या वृद्धि आदि, जिनसे मच्छरों की प्रजनन क्षमता बढ़ी है।
मच्छर जनित बीमारियां : इन लोगों को है खतरा ज्यादा
बाहर काम करने वाले लोगों में, मच्छर जनित बीमारियों वाले क्षेत्रों की यात्रा करने वाले लोगों में, लैब में मच्छर जनित बीमारियों से संक्रमित नमूनों की जांच करने वाले लोग और हेल्थ केयर वर्कर्स, जो उन संक्रमित रोगियों की देखभाल करते हैं, उनमें ये डिजीज फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए, लोगों का सतर्क रहना जरूरी है और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पर्याप्त देखभाल भी।
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जानिए मच्छर जनित बीमारियों के बारे में, लक्षण और उपचार
ये बीमारी कितनी आम है, यह निर्भर करता है कि लोग कहां और साल के कौन से मौसम में यात्रा करते हैं। नीचे कुछ सामान्य बीमारियों के बारे में बताया जा रहा है-
मच्छर जनित बीमारियां : डेंगू बुखार
डेंगू वायरस के कारण लोग मच्छर जनित इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। इसके लक्षण तीन से चौदह दिनों के बीच दिखाई देने लगते हैं। जिनमें तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और यहां तक कि त्वचा पर चकत्ते आदि शामिल हैं। इसमें रिकवरी के लिए दो से सात दिन का समय लगता है। डेंगू बुखार, डेंगू हेमोरेजिक (dengue hemorrhagic) बुखार के रूप में फैल सकता है। यह डेंगू का एक अधिक गंभीर रूप है जिसमें त्वचा के नीचे ब्लीडिंग और यहां तक कि लगातार उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। डेंगू के इलाज के लिए अधिक पानी पीना और खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। अगर बुखार कम नहीं हो रहा है, तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना होगा।
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मच्छर जनित बीमारियां : चिकनगुनिया
यह एक वायरल डिजीज है जो संक्रमित मच्छरों से मनुष्यों में फैलती है। इसके लक्षणों में बुखार, थकान, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सूजन और शरीर में दाने आदि शामिल हैं। ज्यादातर मामलों में, एक सप्ताह के भीतर रोगी की स्थिति में सुधार दिखने लगता है। हालांकि, कभी-कभी जोड़ों के दर्द को सही करने में महीनों या वर्षों तक का समय भी लग सकता है। चिकनगुनिया के लक्षण जीका और डेंगू के समान हो सकते हैं। इसलिए, इसका सटीक निदान जरूरी है क्योंकि लक्षण ओवरलैप हो सकते हैं। इसलिए, लक्षणों को अनदेखा न करें। इसके बजाय, तत्काल चिकित्सा की तलाश करें। उपचार में बहुत सारे तरल पदार्थ लेना, खुद को हाइड्रेटेड रखना, केवल डॉक्टर द्वारा अनुशंसित दवाएं लेना और अच्छी तरह से संतुलित आहार का पालन करना जरूरी है।
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मच्छर जनित बीमारियां : मलेरिया
मलेरिया को परजीवी के कारण होने वाली बीमारी के रूप में भी जाना जा सकता है। यह संक्रमित मच्छरों के काटने से परजीवी मनुष्यों में फैलता है। मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, ठंड लगना, मतली, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द , थकान, पसीना आना और सिरदर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। मच्छरों से ग्रस्त क्षेत्रों में एहतियाती उपाय के रूप में एंटी-मलेरियल दवाओं का सेवन करें। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए घरों के आसपास गंदे पानी को इकट्ठा न होने दें। बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
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मच्छर जनित बीमारियां : जीका वायरस
मुख्य रूप से एडीस मच्छरों द्वारा प्रसारित वायरस के कारण व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है, जो दिन के दौरान काट सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, शरीर में दाने, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, स्वस्थ महसूस न करना और सिरदर्द आदि हो सकते हैं, जो कि मरीज में 2-7 दिनों तक रहते हैं। जीका वायरस संक्रमण गर्भवती महिला को हाेने पर मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भावस्था में कई तरह की जटिलताएं भी हो सकती है। अधकि तरल पदार्थ, निर्धारित दवाएं, आराम करना और पानी पीने से संक्रमित व्यक्ति को इससे आराम मिल सकता है।
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इन निवारक उपायों का पालन करें और फिट रहें
- बरसात के मौसम में लोग मलेरिया जैसी बीमारी से अधिक पीड़ित होते हैं। इसलिए, मच्छर के काटने से बचने के लिए फुल कपड़े पहनना जरूरी है।
- गंदे पानी को अपने घर के आसपास जमा न होने दें क्योंकि ऐसी जगहें मच्छरों के प्रजनन के लिए आइडियल प्लेस है।
- आपको दरवाजे और खिड़कियों पर स्क्रीन लगवाना चाहिए और टूटी हुई या डैमेज स्क्रीन की मरम्मत करानी चाहिए। जरूरत न होने पर दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
- बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।
- बाल्टी और टायर जैसी चीजों में जमने वाले पानी से छुटकारा पाएं।
- बाउल्स और फ्लावरपॉट्स को खाली और साफ करें।
- संतुलित आहार लें। अपने आहार में ब्रोकली, गाजर, हल्दी और अदरक जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, ये इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मद्दगार साबित हो सकते हैं, साथ ही यह त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है।
- हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होती है। इसी के साथ ही आपको खांसी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती है।
- लहसुन का सेवन सर्दी से निपटने में साहयता कर सकता है।
- विटामिन-सी से भरे खाद्य पदार्थ खाएं और ढेर सारा पानी पिएं।
- बासी भोजन करने से बचें।
- उन फलों और सब्जियों को न खाएं जिन्हें लंबे समय तक काट कर रखा गया हो क्योंकि वे संक्रमित हो सकते हैं।
- मानसून के दौरान बाहर का खाना या जंक फूड न खाएं।
मच्छर जनित बीमारियों के गंभीर मामले मौत का कारण बन सकते हैं। इसलिए, अपने लक्षणों को अनदेखा न करें। समय पर उपचार करें और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।