परिचय
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन क्या है?
कैम्पिलोबैक्टर एक प्रकार का इंफेक्शन है जो पेट सहित शरीर के अन्य सिस्टम को प्रभावित करता है। कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन से पीड़ित व्यक्ति को डायरिया होती है और अन्य कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानवरों के मांस को अच्छी तरह से न पकाकर खाने के कारण कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया आंत को प्रभावित करता है और वहां अपनी संख्या बढ़ाता है जिसके कारण पेट दर्द भी होता है।
अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
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कितना सामान्य है कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन होना?
कैम्पिलोबैक्टर एक संक्रामक बीमारी है। ये महिला की अपेक्षा पुरुषों पर अधिक प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लाखों लोग कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन से पीड़ित हैं। हर 4 में से 1 व्यक्ति कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन से प्रभावित है। वयस्कों की अपेक्षा शिशुओं और बच्चों में कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन सबसे ज्यादा होता है। यह संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय हो सकता है। सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों के मौसम में कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन अधिक प्रभाव डालता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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लक्षण
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन के क्या लक्षण हैं?
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन आमतौर पर कुछ हफ्तों तक रहता है। कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया सिस्टम में प्रवेश करने के कुछ ही दिनों के अंदर ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- पेट में ऐंठन
- सूजन
- बुखार
- उल्टी आना
- मल में खून
- डायरिया
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कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और जब प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है तो बैक्टीरिया के कारण ब्लडस्ट्रीम में गंभीर संक्रमण हो जाता है। कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन के सबसे गंभीर लक्षण बच्चों, बुजुर्गों और कुपोषित लोगों में नजर आते हैं।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर कैम्पिलोबैक्टर अलग प्रभाव डाल सकता है। अगर आपका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है और दो दिन से अधिक डायरिया होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श लें।इसके साथ ही मुंह और स्किन ड्राई होने, चक्कर आने, पेट या मलाशय में दर्द और गहरे रंग का पेशाब होने पर किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
कारण
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन होने के कारण क्या है?
दूषित भोजन करने और अधपका पोल्ट्री मीट खाने से कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया पेट में इंफेक्शन पैदा करता है। ये बैक्टीरिया आमतौर पर जानवरों के पाचन तंत्र में रहते हैं और अपाश्चुरीकृत दूध के सेवन से भी कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया सिस्टम को प्रभावित करता है। विकासशील देशों में ये बैक्टीरिया पानी और सीवेज सिस्टम में पाये जाते हैं। दूषित पानी, कच्चा दूध पीने और पालतू जानवरों जैसे पिल्ले और बिल्ली के बच्चों के संपर्क में आने से कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन होता है।
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जोखिम
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
आमतौर पर कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन 2 से 10 दिनों में स्पष्ट हो जाता है। समय पर इसका इलाज न कराने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कैम्पिलोबैक्टर के कारण पित्ताशय की थैली में संक्रमण हो सकता है। कुछ रेयर मामलों में इस इंफेक्शन के कारण आर्थराइटिस की समस्या भी हो सकती है। साथ ही गुइलैन बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre syndrome) भी हो सकता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें इम्यून सिस्टम तंत्रिकाओं पर अटैक करता है जिसके कारण व्यक्ति की मांसपेशियों में लकवा लग सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन का निदान कैसे किया जाता है?
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। डायरिया और उल्टी कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन के मुख्य लक्षण होते हैं लेकिन ये अन्य बीमारियों के भी लक्षण हो सकते हैं। इसलिए इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- स्टूल टेस्ट-मरीज के मल का सैंपल लेकर लैब में जांच की जाती है।
- खून में संक्रमण का पता लगाने के लिए मरीज को ब्लड टेस्ट कराना पड़ता है।
इन सभी टेस्ट की रिपोर्ट आने में कुछ दिनों का समय लगता है। जरूरत पड़ने पर परिवार के अन्य सदस्यों में भी कैम्पिलोबैक्टर की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर ब्लड या स्टूल की जांच करते हैं। इससे ये पता चलता है कि व्यक्ति को परिवार के कौन से लोगों से यह संक्रमण फैला है।
कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन का इलाज कैसे होता है?
ज्यादातर मरीजों में कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन बिना दवा या किसी विशेष इलाज के समाप्त हो जाता है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन के असर को कम किया जाता है। कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन के लिए तीन तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- यदि मरीज का इम्यून सिस्टम कमजोर है तो डॉक्टर सबसे पहले इंफेक्शन की दवा देते हैं, जैसे-लेवोफ्लॉक्सासिन।
- आंत में बैक्टीरिया के संक्रमण को दूर करने के लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाएं एजिथ्रोमाइसिन और सिप्रोफ्लोक्सासिन दी जाती हैं।
- डायरिया और उल्टी को रोकने के लिए एंटीमाइक्रोबियल दवाओं की हल्की खुराक दी जाती है।
इसके अलावा बच्चों को ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन देकर भी कैम्पिलोबैक्टर का इलाज किया जाता है। गंभीर रुप से बीमार बच्चों को कई बार तरल दिया जाती है। शिशुओं को लगातार स्तनपान कराना चाहिए जिससे संक्रमण के लक्षण कम होते हैं। साथ ही डायट में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको कैम्पिलोबैक्टर इंफेक्शन है तो आपके डॉक्टर अधिक शुगर और फैट युक्त आहार का सेवन करने के लिए मना करेंगे। इसके साथ ही पानी को उबालकर और पोल्ट्री मीट को 165 फारहेनहाइट तापमान पर अच्छी तरह पकाकर खाने की सलाह देंगे। इसके साथ ही भोजन को हर बार गर्म करके खाना चाहिए और मार्केट का दूषित भोजन करने से बचना चाहिए। आप निम्न फूड का सेवन कर सकते हैं:
- फॉर्मूला डाइट
- दलिया
- ओट्स
- जूस
- फल
- पत्तेदार सब्जियां
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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