परिचय
करी पत्ता क्या होता है?
भारतीय पकवानों में करी पत्ता या कढ़ी पत्ता एक मुख्य मसाले में से एक है। इसे खाने में टैंगी फ्लेवर डालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, फ्लेवर के अलावा इसमें काफी पोषक तत्व भी मौजूद हैं। करी पत्ता का बोटैनिकल नाम मुरैना कोनिगि (Murraya koenigii) है, जो कि रुतासी (Rutaceae) फैमिली से ताल्लुक रखता है।
करी पत्ता में कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होता है। जिससे दिल का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और त्वचा व बाल भी स्वस्थ रहते हैं।
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उपयोग
करी पत्ते (Curry Leaves) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
- करी पत्ता (curry leaves) में एंटी-डायबिटिक एंजेट होते हैं। यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर भी डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
- करी पत्ता में रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले गुण भी होते हैं, जिससे दिल की बीमारियों से बचाव होता हैं।
- यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीडेशन होने से रोकते हैं।
- करी पत्ते में कार्बाजोल एल्कलॉयड्स होते हैं, जिससे इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण पेट के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह पेट से पित्त भी दूर करता है, जो डायरिया होने का कारण है।
- सूखा कफ, साइनसाइटिस और चेस्ट में जमाव है, तो करी पत्ता बेहद असरदार उपाय हो सकता है।
- इसमें विटामिन सी और ए के साथ एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो जमे हुए बलगम को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
- करी पत्ता लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता हैं।
- करी पत्ता में आयरन और फोलिक एसिड उच्च मात्रा में होने से ये एनीमिया या आयरन की कमी नहीं होने देता।
- मासिक धर्म के दिनों में होने वाली परेशानी व दर्द से निजात पाने के लिए कढ़ी पत्ता काफी असरदार होता है।
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सावधानियां और चेतावनी
करी पत्ता का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें, यदि:
- अगर आप प्रेग्नेंट है या होने के बारे में सोच रही हैं या फिर बच्चे को दूध पिला रही है, तो इस दौरान करी पत्ते के इस्तेमाल से पहले आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। क्योंकि इस अवस्था में आपको डॉक्टर की बताई दवाओं का ही सेवन करना चाहिए।
- आप डॉक्टरी सलाह या बिना किसी सलाह वाली दवाओं का सेवन कर रही है
- आपको करी पत्ते या उसके किसी सबटेंस से कोई एलर्जी तो नहीं
- आपको किसी दूसरी चीजों से एलर्जी तो नहीं जैसे, खाने,रंग, खाने को सुरक्षित रखने वाले पदार्थ या जानवरों से।
किसी भी हर्बल सप्लीमेंट के सेवन करने के नियम उतने ही सख्त होते हैं, जितने कि अंग्रेजी दवा के। सुरक्षा के लिहाज से अभी इसमें और अध्ययन की जरूरत है। करी पत्ते के सेवन से होने वाले फायदे से पहले आपको इसके खतरों को समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट से बात कीजिये।
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साइड इफेक्ट्स
करी पत्ते से मुझे क्या साइड इफेक्ट हो सकते है
- करी पत्ते से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है जैसे लालिमा, सूजन, जलन
हालांकि, जरूरी नहीं कि यहां दिए गए साइड इफेक्ट्स का ही आपको सामना करना पड़े। साइड इफेक्टस अन्य किस्म के भी हो सकते हैं, जो यहां नहीं बताए गए हैं। यदि आपको साइड इफेक्ट्स को लेकर किसी भी तरह की शंका है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
सहभागिता/इंटरैक्शन
करी पत्ता के साथ मेरे क्या इंटरैक्शन हो सकते है?
यह हर्बल सप्लीमेंट आपकी मौजूदा दवाओं या मेडिकल कंडिशंस में फेर बदल कर सकता है। उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट, फार्मसिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
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मात्रा/ डोसेज
सामान्य खुराक क्या है?
पाचन तंत्र की अनियमितताएं : करी पत्ते का ताजा रस नींबू के रस और शक्कर के साथ मिलाकर लेने से यह मिचली और उलटी को ठीक करने में सहायक है। ऐसी अवस्था में करी पत्ते का एक या दो चम्मच रस नींबू के रस के साथ मिलाकर लेना चाहिए।
करी पत्ते की नाजुक पत्तियां अतिसार, पेचिश में उपयोगी हैं। इन रोगों में इसे शहद के साथ मिलाकर लेना चाहिए। पित्त के कारण होने वाली उलटियों में भी करी पेड़ की छाल उपयोगी है। ऐसी अवस्था में सूखी छाल का चम्मच भर पाउडर या काढ़ा ठंडे पानी के साथ लेना चाहिए।
यदि आप शराब पीते हैं तो आपको उसे अवश्य छोड़ देना चाहिए, यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो करी पत्ते का सेवन किसी ना किसी रूप में जरूर कीजिए। क्योंकि यह लिवर पर शराब के साइड इफेक्ट को कम करने में मदद करता है।
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उपयोग करने की अन्य विधिः
मधुमेह : तीन महीने तक रोजाना सुबह ताजा दस करी पत्तियां खाने से उन व्यक्तियों में मधुमेह को रोका जा सकता है, जिनके माता-पिता में यह रोग हो। यह मोटापे के कारण होनेवाले मधुमेह को भी ठीक करता है। क्योंकि करी पत्ते में वजन कम करने के गुण होते हैं। जैसे ही वजन कम होने लगता है, मधुमेह के मरीज के पेशाब से शर्करा का जाना रुक जाता है।
आंखों की बीमारियों में : करी पत्ते का ताजा रस लगाने से आंखें चमकीली होती हैं। इससे मोतियाबिंद को जल्दी पकने से भी रोका जा सकता है।
कीड़े के काटने पर : कीड़े के काटने पर पेड़ का फल, जो कि बेरी होती है। उसको खाने से फायदा होता है। यह जब कच्चा होता है, तो हरा होता है और पक जाने पर बैंगनी हो जाता है।
किडनी की बीमारी में : करी पौधे की जड़ें भी औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। इसकी जड़ के रस का उपयोग किडनी के दर्द में राहत पहुंचाने में किया जा सकता है।
करी पत्ता बालों के लिए : – करी पत्ते का निरंतर सेवन करने से समय से पहले बाल सफेद नहीं होते। इसमें बालों की जड़ों को ताकत और शक्ति देने के गुण हैं। उगनेवाले नए बाल सामान्य पिगमेंट सहित अधिक स्वस्थ रहते हैं। इसका उपयोग चटनी या छाछ अथवा लस्सी में मिलाकर किया जा सकता है। इसकी पत्तियों को नारियल के तेल में उबालकर लगाने से यह बालों के लिए अच्छे टॉनिक के रूप में कार्य करता है और बालों के उगने व बालों के पिगमेंट को वापस लाने के लिए मदद करता है।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हर्बल हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। कृपया अपने उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
उपलब्धता
करी पत्ता किस रूप में आता है?
- रॉ करी पत्ता
- तेल
- क्रीम
- पाउडर
हेलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की कोई चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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