स्किन प्रॉब्लम की वजह से भी आजकल कई लोग परेशान हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण है, इन्फेक्शन से प्रभावित होना। फिर चाहे वो फेफड़ों का इन्फेक्शन (Lung infection) हो, पेट में होने वाला इन्फेक्शन (Stomach Infection) हो या स्किन में हाेने वाला इन्फेक्शन (Skin Infection) हो। कभी न कभी हम इसकी चपेट में हम आ ही जाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं फंगल इन्फेक्शन की। जो लोगों में होने वाला सबसे आम और गंभीर इन्फेक्शन हैं। जिसके होने के कई कारण हो सकते हैं। बदलते मौसम के साथ भी लोग सबसे ज्यादा इससे प्रभावित होते हैं। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर (Immunity weak) होती है, वो सबसे ज्यादा इससे प्रभावित होते हैं। जानें फंगल इन्फेक्शन है क्या और फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic medicine for fungal infection) के बारे में। फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic medicine for fungal infection) काफी प्रभावकारी मानी जाती है। यह भले ही इलाज में लंबा समय ले, पर बीमारी को जड़ से खत्म कर सकती है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी ये खास जानकारी।
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फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) क्या है?
फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन को जानने से पहले ये जानें कि फंगल इन्फेक्शन (Fungal infection) है क्या। यह त्वचा में होने वाला एक संक्रमण है। यह शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। आपने कई बार एथलीट फुट इन्फेक्शन (Athlete’s foot infection) या दाद आदि के बारे में सुना होगा। यीस्ट इन्फेक्शन भी इसी का ही एक प्रकार है। यह कभी भी हाे सकता है। यह फंगल इन्फेक्शन के ही प्रकार होते हैं। हमारे आस पास के वातावरण में कई प्रकार के कवक होते हैं, उनमे से कुछ हमारे शरीर पर भी होते हैं। लोगों मे जो सबसे ज्यादा फंगल इंफेक्शन की समस्या देखी जाती है, वो है दाद और यीस्ट इन्फेक्शन (Yeast infection)। जिसके होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम सबसे बड़ा कारण है। आइए जानें इसके प्रकारों के बारे में।
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फंगल इंफेक्शन के प्रकार (Types of fungal infections)
फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन को जानने से पहले जानें फंगल इंफेक्शन के प्रकार के बारे में। इसमें भी लोगों को कई प्रकार के फंगल इन्फेक्शन होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में हो सकते हैं। फंगल इन्फेक्शन के अधिकांश सामान्य लक्षण जो नजर आते हैं, वो हैं –
- खुजली (Itching)
- त्वचा में लालिमा (Redness in skin)
- त्वचा में सूजन (Skin inflammation)
फंगल इन्फेक्शन के प्रकारों में से कुछ फंगल इंफेक्शन सबसे ज्यादा देखे जाते हैं, वाे हैं:
टीनिया पेडिस (Tinea pedis) : यह पैरों में होने वाला यह फंगल इन्फेक्शन (Fungal infection) है, जो आमतौर पर एथलीट के पैरों पर खेलकूद के दौरान सबसे ज्यादा होता है। इसके होने की वजह अधिक मॉइश्चर में रहना होता है। पैरों में सबसे ज्यादा कम हवा लग पाती है, यानि कि शरीर के बंद हिस्सों में होने वाले इंफेक्शन में से एक है।
कैंडिडिआसिस (Candidiasis) : वजायनल इन्फेक्शन (vaginal infections )में कैंडिडा या यीस्ट इन्फेक्शन महिलाओं में होने वाले सबसे आम इन्फेक्शन है। जो आमतौर पर कैंडिडा अल्बिकैंस (Candida albicans) के ग्रोथ के कारण होता है। जब योनि में बैक्टीरिया और यीस्ट का सामान्य संतुलन प्रभावित होता है, तो यह समस्या बढ़ जाती है। जिसके होने का कारण एंटीबायोटिक्स, तनाव, हाॅर्मोनल असंतुलन या खानपान आदि हो सकते हैं।
टिनिआ क्रूरिस (Tinea cruris): टिनिआ क्रूरिस भी फंगल इन्फेक्शन का एक प्रकार है। यह कमर (Back), नितंब (Bum), जांघ (Thigh) और जननांग को प्रभावित करता है। यह गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
टिनिया कॉर्पोरिस (Tinea corporis): टिनिया कॉर्पोरिस को रिंगवर्म ट्रीटमेंट (Ringworm treatment) भी कहा जाता है। यह एक स्किन इंफेक्शन है, जिससे आपकी त्वचा, नाखून और बाल कुछ भी प्रभावित हो सकती है। इसमें लाल रंग के गोल इंफेक्टिड पैच दिखते हैं।
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फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन: फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infections) होने के मुख्य कारण
वैसे तो फंगल इन्फेक्शन के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर हम मेडिकल टर्म में बात करें, तो यह टीनिया नामक वायरस के कारण होता है। लेकिन होम्योपैथी उपचार में इसे ट्यूबरकुलर डायथेसिस (Tubercular diathesis) के कारण माना जाता है। यह शरीर में कहीं पर भी हो सकता है और इसके अलग-अलग नाम है। अगर ये सिर में होना वाला संक्रमण है टीनिया कार्पोरिस (tenia corporis), पैर में होने वाला टीनिया पेडिस (Tinia pedis), टीनिया केपेटिस (tenia Capatis), हाथों में है तो टीनिया मेनम (Tinia menum) आदि। इसके होने के कई कारण हो सकते हैं। वैसे तो लोगों में फंगल इंफेक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ सबसे ज्यादा देखे जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, वो लाेग सबसे ज्यादा फंगल इन्फेक्शन के शिकार होते हैं।
- यदि किसी को फंगल इंफेक्शन हो रखा है, तो उसके संपर्क में आने पर, यानि कि स्किन से स्किन टच होने पर यह दूसरे में भी फैल सकता है।
- जिनका मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है, वो भी फंगल इंफेक्शन के भी शिकार हो सकते हैं।
- डायबिटीज पेशेंट में इसके होने का खतरा ज्यादा होता है।
- जेनेटिक हिस्ट्री होने पर।
- एचआईवी के शिकार मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
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फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन जानने से पहले जानें इसके लक्षणों को (Symptoms of Fungal Infections)
वैसे तो फंगल इन्फेक्शन के कई लक्षण हो सकते हैं, लेकिन जो सबसे ज्यादा देखे जाते हैं, वो इस प्रकार हैं:
- दाद (Ringworm) वाले प्रभावित हिस्से में खुजली होना
- रिंगवर्म के साथ प्रभावित हिस्से में त्वचा में जलन होना (Ringworm)
- रैशेज का पड़ जाना (Rashes)
- संक्रमित (Infection) जगह से पानी आना
- पानी वाले दाने होना
- चिड़चिड़ापन होना
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फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homoeopathy for fungal infections)
फंगल संक्रमण के लिए मेडिकेशन में होम्योपैथिक उपचार भी काफी प्रभावकारी माना जाता है। फंगल इन्फेक्शन के इलाज के लिए होम्योपैथी दवाईयों में कैलकेरिया कार्बोनिका, बेसिलिनम (Bacillinum), क्रेओसोटम (Kreosotum), नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum muriaticum), सीपिया (Sepia), बोरेक्स (Borax), काली बाइक्रोमिकम (Kali bichromicum), पल्सेटिला (Pulsatilla), फाइटोलैक्का (Phytolacca), सल्फर (Sulphur) इत्यादि शामिल हैं। होम्योपैथी दवाएं फंगल इन्फेक्शन के इलाज के लिए काफी प्रभावी मानी जाती है। इसके इलाज के लिए आप एक लंब ट्रीटमेँट का समय जा सकता है, लेकिन यह समस्या जड़ से खत्म करती है।
फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन में होम्योपैथिक दवांए फंगल इन्फेक्शन के साथ खुजली और दाग (Itching and scars) जैसे लक्षणों को भी कम करती हैं। इसके उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली फंगल इन्फेक्शन के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन में शामिल हैं:
टेल्यूरियम (Tellurium)
यह स्किन में होने वाले फंगल इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट के लिए एक प्रभावी दवा है। इस दवा का उपयोग दाद के घाव, जो पूरे शरीर पर फैल जाते हैं, उसके उपचार के लिए किया जाता है। यह त्वचा में होने वाले जलन काे भी दूर करता है।
क्रियोटोटम (Kreosotum)
जिन लोगों को फंगल इन्फेक्शन के लक्षणों में प्रभावित हिस्से से पानी आना, डिस्चार्ज के साथ योनि से बदबू आना (Vaginal smell with discharge), सूजन, जलन और खुजली की समस्या रहती है। यह दवा उन्हें देते हैं। यह अनियमित मासिक धर्म की समस्या (Irregular menstruation) को भी दूर करता है। प्रेग्नेंसी में होने वाले इन्फेक्शन में भी यह दवा ली जा सकता है, पर डॉक्टर की सलाह पर ही।
क्रासोबियम (Chrysarobinum )
जिन लाेगों में इंफेक्शन बहुत ज्यादा फैल चुका हो। उनके लिए यह दवा है। यह शरीर पर होने वाली खुजली (Body itching) को कम करता है। दाद के इलाज के लिए यह एक विशेष प्रकार की प्रभावी दवा है। यह कई स्किन प्रॉब्लम के उपचार के लिए उपयोगी है। ्
ग्रेफैटिस (Graphites)
फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन में यह दवा भी काफी प्रभावी है। फंगल इन्फेक्शन में दाद या किसी प्रकार की पुरानी स्किन प्रॉब्ल्म (Skin problem) के उपचार के लिए यह प्रभावी है। यह त्वचा में होने जलन और खुजली की समस्या को भी दूर करती है।
सीपिया सक्सस (Sepia succus)
सीपिया सक्सस दाद जैसे फंगल इन्फेक्शन के उपचार (Treatment of fungal infections) में काफी काम आती है। यह शरीर में होने वाले घाव में भी राहत पहुंचाती है। दाद के संक्रमण का इलाज सीपिया से किया जा सकता है।
बेसिलिनम (Bacillinum)
फेफड़ों (lungs) में होने वाले इन्फेक्शन हो या रिंगवार्म के अलावा एक्जिमा या सांस संबधित समस्या के इलाज के लिए यह दवा दी जाती है।
क्रॉट-टिग(Crot-Tig)
फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन में यह दवा भी काफी प्रभावी है। अगर किसी को बहुत ज्यादा खुजली की समस्या है, खासतौर पर जननागों में। तो यह दवा डाॅक्टर उन्हें दे सकते हैं। इसमें काफी आराम होगा, उन्हें खुजली में। यह दवा पानी भरे छाले हो, हेर्पिस-जोस्टर, पस भरे दाने के इलाज में भी प्रभावी है।
मेजेरेम (Majorum)
यह दवा सिर यानि कि स्कैल्प पर फंगल इन्फेक्शन के लिए इलाज में काम आती है। सिर में होने वाले दाद (टिनिआ कैपिटिस) जैसे फंगल संक्रमण की होम्योपैथी दवा है। यह खुजली की समस्या को भी धीरे-धीरे खत्म करती है।
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सिलिसिया (Cilicia)
यह पैरों में होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए काफी प्रभावी है। यह फटी त्वचा, त्वचा में घाव, खुजली, दर्द, पसीना और जलन जैसे लक्षणों को दूर करने के लिए भी दिया जाता है।
एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium crudeum)
यह दवा नाखूनों के फंगल संक्रमण के लिए काम आती है। जिन लोगों के नाखून कमजोर (Weak Nails) होने से साथ संक्रमित हैं। यह दवा उन्हें उपचार के लिए दी जाती है। यह नाखूनों में होने वाले दर्द को भी दूरा करता है।
थुजा ऑक्सिडेंटलिस (Thuja occidentalis)
जिन पुरुषों के दाढ़ी में इन्फेक्शन हो जाता है, डॉक्टर इसकी सलाह उन्हें दे सकते हैं। थुजा ऑक्सिडेंटलिस फंगल संक्रमण (Fungal infection) के लिए एक दवा है जो दाढ़ी, मूंछ और गर्दन में होने वाले दाद की समस्या को दूर करने के लिए की जाती है।
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बोरेक्स (Borax)
बोरेक्स का उपयोग फंगल और यीस्ट इन्फेक्शन दोनो के इलाज के लिए किया जाता है। मुंह और जीभ में सफेद धब्बेदार विकास, घावों में कोमलता, मुंह में खराश और लालिमा, कड़वा स्वाद और शुष्क-मुंह जैसे लक्षण इस दवा की आवश्यकता को इंगित करते हैं।
फंगल इन्फेक्शन लिए होम्योपैथिक मेडिसिन के बारे में जाना आपने यहां। यह सभी फंगल इन्फेक्शन के इलाज में दी जाने वाली दवाएं हैं। लेकिन आप इसे अपने मन से लेने की गलती न करें। सभी के लिए यह अलग-अलग हो सकती हैं, जाे आपके लक्षणों और आप संक्रमण से कितना प्रभावित हैं, इस बात पर निर्भर करती है। हो सकता है कि डॉक्टर आपको इनके अलावा कुछ और दावाओं की सलाह दें। इसके आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसे और इसकी डोज को लें। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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