परिचय
ग्लाइसिन क्या है?
ग्लाइसिन एक प्रकार का एमिनो एसिड है, जोकि शरीर में प्रोटीन को बनाए रखने में मददगार है। आमतौर पर हमारे रोजाना के खाने में लगभग दो ग्राम तक ग्लाइसिन की मात्रा शामिल होती है। यह हमारे ब्रेन में रासायनिक संकेतों के संचारण को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए इसका उपयोग स्किजोफ्रेनिया (Schizophrenia) का इलाज करने और याददाश्त संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। स्किजोफ्रेनिया एक प्रकार का मेंटल डिसऑर्डर है, जो व्यक्ति के सोचने-समझने, महसूस करने और व्यव्हार करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इसके आलाव शरीर में बनने वाले ट्यूमर तक यह खून के प्रवाह को कम कर सकता है, जिससे यह कैंसर की रोकथाम में भी मददगार साबित हो सकता है।
ग्लाइसिन का इस्तेमाल किन स्वास्थ्य स्थितियों में किया जा सकता है?
इस औधषि का इस्तेमाल निम्न स्वास्थ्य और मानसिक स्थितियों में किया जा सकता हैं, जिनमें शामिल हैंः
एंटीऑक्सिडेंट का उत्पादन करने के लिए
ग्लाइसिन तीन अमीनो एसिड में से एक होता है जिसका इस्तेमाल हामरा शरीर ग्लूटाथियोन को बनाने के लिए करता है। यह एक तरह से एक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो शरीर की कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है, जो कई बीमारियों से शरीर का बचाव भी कर सकता है। अगर हमारे शरीर में ग्लाइसिन की पर्याप्त मात्रा न हो, तो हमारा शरीर ग्लूटाथियोन का उत्पादन बहुत ही कम मात्रा में करना शुरू कर सकता है। जिसके कारण तनाव को बढ़ाने वाले हार्मोन्स का उतपादन बढ़ सकता है। इसके अलावा, क्योंकि ग्लूटाथियोन का लेवल स्वाभाविक रूप से उम्र के साथ कम होने लगता है, इसलिए हमें अपने दैनिक आहार में ग्लाइसिन की मात्रा शामिल करनी चाहिए ताकि, हमारा शरीर स्वस्थ रहे।
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इसके अलावा निम्न स्थितियों में भी इस औषधि का इस्तेमाल किया जा सकता हैः
- स्किजोफ्रेनिया का इलाज करने के लिए
- बिनाइन प्रोस्टेटिक ह्यपरप्लासिआ (BPH) का उपचार करने के लिए
- इस्केमिक स्ट्रोक का उपचार करने के लिए
- मेटाबोलिक डिसऑर्डर्स से राहत दिलाने के लिए
- किडनी के रोगों का उपचार करने के लिए
- लिवर के रोगों का उपचार करने के लिए
- कैंसर की रोकथाम करने के लिए
- याददाश्त में सुधार करने के लिए
- पांव के छाले और अन्य घावों को भरने के लिए
ग्लाइसिन कैसे काम करता है?
मानव शरीर में ग्लाइसिन शरीर में प्रोटीन बनाने का कार्य करता है। यह ब्रेन को सिग्नल्स भेजने वाले केमिकल ट्रांसेक्शन के कार्य को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा कई वैज्ञानिकों ने अपने शोध में इस बात का दावा किया है कि यह कैंसर से भी लड़ सकता है।
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उपयोग
ग्लाइसिन का उपयोग करना कितना सुरक्षित हो सकता है?
आमतौर पर ग्लाइसिन के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए इसे सीधा भोजन के साथ खाने और त्वचा पर इसे लगाया जा सकता है जो सुरक्षित प्रक्रिया माने जाते हैं।
विशेष सावधानियां और बचाव
क्या प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग में इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित हो सकता है?
प्रेग्नेंसी प्लानिंग करने या प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसका उपयोग करना कितना सुरक्षित हो सकता है, इस बारे में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके सुरक्षित सेवन के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की परामर्श से ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि, गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में होने हार्मोन्स के बदलाव के कारण इस औषधि के खुराक की मात्रा भी प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, ऐसी महिलाएं जो अपने नवजात को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं, उस दौरान इस औषधि का प्रभाव ब्रेस्ट मिल्क के जरिए बच्चे के शरीर को प्रभावित कर सकता है।
एक बात का ध्यान रखें कि, हर प्रकार के औषधि का इस्तेमाल करने के लिए आपको उससे जुड़ी कुछ खास बातों की जानकारी रखनी चाहिए। हालांकि, इस हर्ब का इस्तेमाल करने से पहले आपके अपने डॉक्टर से इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी जानकारी देंगे।
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साइड इफेक्ट्स
ग्लाइसिन के इस्तेमाल से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
ग्लाइसिन के इस्तेमाल के निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- उल्टी होना
- मितली होना
- पेट ख़राब होना
- चक्कर आना
- नींद न आना
- बेचैनी होना
- दस्त होना
हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरुरी नहीं है। इसके कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस होता है या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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डोसेज
यहां प्रदान की गई जानकारी किसी भी तरह की चिकत्सीय सलाह प्रदान नहीं करती है। ऐसे किसी भी औषधि का इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने डॉक्टर की उचित सलाह लेनी चाहिए।
मुझे कितनी मात्रा में ग्लाइसिन की खुराक का सेवन करना चाहिए?
स्किजोफ्रेनिआ के उपचार के लिए
पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा करके 0.4 से 0.8 ग्राम / किलोग्राम मात्रा में ग्लाइसिन खाना चाहिए।
ब्रेन सेल्स की सुरक्षा के लिए
दिमाग में थक्के का स्ट्रोक आने के बाद:
स्ट्रोक के तुरंत बाद छह घंटों के अंदर इसे जबान के नीचे एक से दो ग्राम रखने से फर्क पडता है।
पांव के छाले ठीक करने के लिए
10 एम जी ग्लाइसिन, 2 एम जी ऐल-सिस्टीन और 1 एम जी डी ऐल -थ्रेओनीन प्रति ग्राम वाली क्रीम त्वचा पर लगाई जाती है। दिन में दो बार या दो दिन में एक बार घाव पर यह क्रीम लगाने से घाव में आराम मिलता है।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
ग्लाइसिन किन रूपों में उपलब्ध है?
निम्नलिखित रूपों में आप इस औषधि को प्राप्त कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- क्रीम
- टैबलेट
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकली सलाह या उपचार की सिफारिश नहीं करता है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो कृपया इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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