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Oolong Tea: ओलोंग चाय क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


lipi trivedi द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/07/2020

Oolong Tea: ओलोंग चाय क्या है?

परिचय

ओलोंग चाय क्या है?

ओलोंग चाय चीन की पारंपरिक चाय है, जो विशेष विधि से तैयार होती है। इस पौधे के पत्ते, डाली और कलियां-तीनों का उपयोग चाय में होता है। हालांकि, मुख्य रूप से इसका प्रचलन चीन, जापान और अमेरिका में ही किया जाता है। चीन में इसका इस्तेमाल पारंपरिक चाय के तौर पर किया जाता है। यह कैमेलिया साइनेन्सिस (Camellia sinensis) नाम के पौधे की पत्तियों से बनकर तैयार होती है। बता दें, इन्हीं पत्तियों का इस्तेमाल ग्रीन टी और ब्लैक चाय के लिए भी किया जाता है।

इस चाय की पत्तियों में एंजाइम मौजूद होता है जो ऑक्सीडेशन नामक एक रासायनिक प्रतिक्रिया को निर्माण करता है। ऑक्सीडेशन की वजह से ही हरी चाय की पत्तियों का रंग गहरे काले रंग में बदलती हैं। हालांकि, ग्रीन टी के मुकाबले इस चाय की पत्तियों में ऑक्सीडेशन अधिक होता है। इससे बनाए चाय का रंग भूरा होता है।

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ओलोंग चाय का उपयोग किस लिए किया जाता है?

ओलोंग टी का लंबे समय तक सेवन करने से बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) की कमी को रोकने में मदद मिलती है।

  • मधुमेह पर नियंत्रणः यह चाय शरीर में इंसुलिन के लेवल को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है, साथ ही ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मददगार हो सकती है। टाइप-2 डायबिटीज की समस्या से निजात पाने के लिए इस चाय का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
  • वजन घटाने में सार्थकः इस चाय में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स वजन कम करने में काफी मददगार हो सकते हैं। यह फैट सेल्स को खत्म करने में शरीर की मदद करता है।
  • तनाव प्रबंधनः इस चाय का सेवन मानसिक रुप से स्वस्थ बनाने में भी लाभकारी हो सकती है। याचाय दिमाग की कार्यप्रणाली को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है।
  • हड्डियों को मजबूत बनाएंः इस चाय में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं और कमजोर हड्डियों की मरम्मत भी करते हैं। यह हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टिपोरोसिस की समस्या से भी निजात दिलाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

इन स्थितियों में लाभकारी होता है येः

  • विरोधी कैंसर कोशिका को रोकता है
  • एंटी-ऑक्सिडेंट लाभ
  • ओलोंग कैसे काम करता है?

    यह एक हर्बल सप्लिमेंट है और कैसे काम करता है, इसके संबंध में अभी कोई ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप किसी हर्बल विशेषज्ञ या फिर किसी डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, कुछ शोध यह बताते हैं कि ओलोंग चाय में मौजूदा कैफीन सेंट्रल नर्वस सिस्टम, हृदय और मांसपेशिओं को उत्तेजित करता है।

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    सावधानियां और चेतावनी

    कितना सुरक्षित है ओलोंग का उपयोग?

    ओलोंग चाय का उपयोग बच्चों में

      खाने में पाई जाने वाली ओलोंग चाय की मात्रा ज्यादातर बच्चों के लिए सुरक्षित है।

    ओलोंग चाय का उपयोग प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान:

    इन परिस्थियों में प्रतिदिन 2 से 3 कप व इससे कम मात्रा में ओलोंग चाय का सेवन सुरक्षित है। इससे ज्यादा मात्रा में यह चाय लेने से कैफीन का प्रमाण बढ़ सकता है और प्रग्नेंसी के दौरान, गर्भपात, समय से पहले प्रसव और शिशु का जन्म समय का वजन कम हो सकता है। यह कैफीन ब्रेस्ट मिल्क में भी जा सकता है। इसलिए शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराती माता को यह चाय 1 से 2 कप प्रतिदन से ज्यादा मात्रा में नहीं लेनी चाहिए। इससे ज्यादा मात्रा माता के दूध पर रहने वाले शिशु में नींद में समस्या, चिड़चिड़ापन और दस्त जैसी समस्या पैदा कर सकती है।

    अति चिंता का रोग:

    ओलोंग चाय में रहनेवाला कैफीन चिंता के विकार बढ़ा सकता है।

    खून के विकार:

    ऐसा माना जाता है की कैफीन की मात्रा बढ़ जाने से खून का थक्का कम हो जाता है। हलांकि, ऐसा होने के कोई सुबूत नहीं है, लेकिन खून के विकार हो तो कैफीन की मात्रा कम लेना ही उचित है।

    हृदय रोग:

    कैफीन की मात्रा हृदय पर सीधा असर करती है। हृदय के मरीज को यह चाय नियंत्रित मात्रा में ही लेनी चाहिए।

    दस्त:

    ओलोंग चाय में कैफीन होता है। जब यह चाय उच्च मात्रा में ली जाती है, तो दस्त को बढ़ावा दे सकती है।

    मोटापा:

    चाय का कैफीन मोटापे के शिकार लोगों के इंसुलिन पर असर कर सकता है।

    ओस्टियोपरोसिस:

    ओलोंग चाय शरीर से निकलने वाले यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा देता है। इससे हड्डिया कमजोर हो सकती है। अगर आपको ऑस्टियोपरोसिस है तो दिन की तीन कप से ज्यादा चाय ना पुए।यदि आप स्वस्थ है,और ओलोंग की चाय का प्रयोग कर रहे है, तो दिन की 4 कप चाय यानी 400 एमजी कैफीन लेने से ऑस्टियोपरोसिस का खतरा नहीं रहता है।

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    साइड इफेक्ट्स

    ओलोंग चाय से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

    यद्यपि ओलॉन्ग टी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, फिर भी कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। चूंकि, कैफीन मुख्य घटकों में से एक है, ओलॉन्ग टी अत्यधिक पीने से सिरदर्द की समस्या, नींद नहीं आना जैसे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। यह बच्चों, गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए बड़ी मात्रा में उचित नहीं है। हालांकि, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान ओलॉन्ग टी के सेवन के बारे में चिकित्सक से राइ लेना उचित है।

    याद रहे, किसी को ये साइड इफेक्ट हों, ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

    डोसेज

    ओलोंग चाय को लेने की सही खुराक क्या है ?

    ओलोंग चाय में मौजूद कैफीन की वजह से इसे दिन में दो बार लेना ही काफी है। दो बार ली गई चाय आपकी सेहत को भी अच्छा बनाए रखेगी। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को इसका उपयोग चिकित्सक की सलाह अनुसार या दिन में एक बार ही करना चाहिए।

    मेंटल स्वास्थ्य सुधारने के लिए इसे दिन में एक बार लेना सही है। ओवेरियन कैंसर के मरीज को दिन में दो बार यह चाय पीनी चाहिए।

    इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।

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    उपलब्ध

    किन रूपों में उपलब्ध है?

    यह हर्बल सप्लिमेंट चायपत्ती के रूप में उपलब्ध है।

    ओलोंग चाय का उपयोग कब करना चाहिए और इसकी दिन में कितनी मात्रा लेनी चाहिए, ये बात आप विशेषज्ञ से जरूर पूछ लें। अगर आपको पहले से कोई हेल्थ कंडीशन हैं तो किसी भी तरह के हर्बल प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले सावधानी बरतें। कई बार हर्बल प्रोडक्ट का उपयोग शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

    उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है, न ही इसके लिए जिम्मेदार है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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