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अस्थिसंहार के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Hadjod (Cissus Quadrangularis)

अस्थिसंहार के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Hadjod (Cissus Quadrangularis)

परिचय

अस्थिसंहार (Hadjod) क्या है?

अस्थिसंहार एक बेल है जो अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में उगती है। यह थाईलैंड में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले औषधीय पौधों में से एक है। इस पौधे के सभी हिस्सों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है।

इसका वानस्पातिक नाम सीस्सस क्वॉड्रंगुलारिस (Cissus quadrangularis Linn.) है। यह विटासिए (Vitaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। इसे चतुर्धारा, हड़जोड़, हड़संघारी, हड़जोड़ी, एडिबल स्टेमड वाइन (Edible stemmed vine), वेल्ड ग्रेप (Veld grape), विंग्ड ट्री वाइन (Winged tree vine) आदि के नाम से जाना जाता है।

अस्थिसंहार का मतलब इसके नाम से ही समझ आ जाता है। अस्थि का मतलब हड्डी होता है। आयुर्वेद में इसका सबसे अधिक इस्तेमाल हड्डी को जोड़ने के लिए किया जाता है। इसके अलावा पौराणिक समय से लोग दर्द, पीरियड्स को रेगुलेट, बवासीर, गाउट, अस्थमा, और एलर्जी के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ रिसर्च के अनुसार, यह पौधा, हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ जोड़ों के दर्द, हृदय रोग, डायबिटीज और स्ट्रोक से रक्षा कवच प्रदान करता है।

अस्थिसंहार (Hadjod) का उपयोग किस लिए किया जाता है?

अस्थिसंहार का इस्तेमाल खासतौर से निम्न परेशानियों के इलाज के लिए किया जाता है:

हड्डियों को मजबूत बनाता है (promote bone health):

कई जानवरों और मानव पर किए गए शोध में अस्थिसंहार को हड्डी को मजबूत, फ्रैक्चर को हील करने और ओस्टियोपोरोसिस जैसी परेशानी से बचने के लिए मददगार पाया गया है।

जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है (May reduce joint pain and swelling):

अस्थिसंहार जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करता है। अर्थराइटिस के इलाज के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इसे लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है।

मेटाबॉलिक सिंड्रोम को रोकने में मदद मिल सकती है (May help prevent metabolic syndrome):

मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कारण कई बीमारियां जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज जैसी परेशानियां होने का खतरा बढ़ता है।add – this herb helps in reducing these diseases

डायजेशन में सुधार करता है (Improve Digestion)

अस्थिसंहार का सेवन डायजेशन में सुधार और लिवर को दुरुस्त रखने में मदद करता है।

मोटापा को दूर करता है (Prevent Obesity):

कई शोध के अनुसार अस्थिसंहार को कई दूसरे हर्ब्स के साथ मोटापे को दूर करने के लिए add – aur wajan ghatane ke liye रिकमेंड किया जाता हैं।

इन परेशानियों में भी मददगार है अस्थिसंहार का इस्तेमाल

हालांकि अस्थिसंहार के इस्तेमाल को लेकर कोई पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। इसे लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है।

कैसे काम करता है अस्थिसंहार (Hadjod)?

कई शोध के अनुसार इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एनालजेसिक और एंटी-इन्फलामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। इसमें उच्च मात्रा में विटामिन-सी होता है जिस वजह से इसमें हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं।

  • एनलजेसिक: ये दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है
  • एंटीऑक्सीडेंट: ये शरीर से फ्री रेडिकल्स को दूर करता है
  • एंटी-अल्सर: पेप्टिक अल्सर से बचाव में मददगार होता है
  • एंटी-इंफलामेटरी: शरीर में सूजन को दूर करने में मददगार
  • एंटी-ओस्टियोपोरोटिक: ओस्टियोपोरोसिस से निजात दिलाता है

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सावधानियां और चेतावनी

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अस्थिसंहार (Hadjod) का उपयोग करना कितना सुरक्षित है?

निम्नलिखित परिस्थितियों में अस्थिसंहार का सेवन करने से परहेज करना चाहिए:

  • प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं इसका सेवन न करें।
  • यदि आपकी शुगर लो रहती है तो इसका सेवन एवॉइड करें। इसका सेवन करने से आपकी शुगर अत्यधिक कम हो सकती है।
  • यदि आपकी शुगर हाई रहती है और आप मेंटन करने के लिए दवाएं ले रहे हैं तो भी इसका सेवन न करें। दवाओं के साथ इसका सेवन करने से शुगर अत्यधिक लो हो सकती है।
  • यदि आपको कोई रोग है तो इसका सेवन करने से बचें।
  • यदि आप कोई दवा का सेवन करते हैं तो भी इसका सेवन न करें। दवा के साथ इसे सेवन करने से दवा इंटरैक्ट कर सकती है।

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साइड इफेक्ट्स

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अस्थिसंहार (Hadjod) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

इसका इस्तेमाल डॉक्टर द्वारा रिकमेंड करने पर ही करें। इसका इस्तेमाल करने से कुछ हल्के फुल्के निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:

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जरूरी नहीं अस्थिसंहार का सेवन करने से आपको उपरोक्त साइड इफेक्ट्स ही हो। हो सकता है आपको इससे अलग कोई साइड इफेक्ट्स नजर आएं। यदि आपको इसका सेवन करने से शरीर में किसी तरह का बदलाव नजर आए तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें। इसके साथ ही अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।

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डोसेज

अस्थिसंहार (Hadjod) को लेने की सही खुराक क्या है?

अस्थिसंहार की खुराक को लेकर कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। बाजार में इसके पाउडर, कैप्सूल और सिरप कई खुराक में मौजूद हैं। इसके ज्यादातर प्रोडक्ट्स की 500 से 1000 मिलीग्राम डो़ रिकमेंड की जाती है। हालांकि कुछ शोध में 300 से 3200 मिलीग्राम प्रति दिन की खुराक लेने से कई फायदे देखने को मिले हैं please give reference for these values। इसके अलावा अस्थिसंहार की खुराक हर किसी के लिए अलग हो सकती है। यह आपकी उम्र, मेडिकल कंडिशन व अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है। आपके लिए इसकी उचित खुराक क्या है, इसके लिए अपने चिकित्सक या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें। कभी भी इसकी खुराक खुद से निर्धारित करने की गलती न करें। आपकी ये छोटी सी गल्ती सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

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उपलब्ध

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किन रूपों में उपलब्ध है अस्थिसंहार (Hadjod)?

बाजार में अस्थिसंहार की पत्तियों, जड़ और तने से निकाला गया अर्क पक रूप से हर्बल सप्लीमेंट के रूप में उपलब्ध है। ये आपको पाउडर (powder), कैप्सूल (capsule), और सिरप (syrup) के रूप में आसानी से मिल जाएंगे।

अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Antiarthritic Activity of Cissus quadrangularis: https://www.longdom.org/open-access/in-vivo-studies-on-antiarthritic-activity-of-cissus-quadrangularis-against-adjuvant-induced-arthritis-2155-9899-1000327.pdf Accessed June 22, 2020

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Clinical evaluation of Cissus quadrangularis as osteogenic agent in maxillofacial fracture: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4784127/ Accessed June 22, 2020

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Clinical evaluation of Cissus quadrangularis as osteogenic agent in maxillofacial fracture: A pilot study: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4784127/ Accessed June 22, 2020

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Cissus quadrangularis Linn (Pirandai): https://www.nhp.gov.in/cissus-quadrangularis-linn-pirandai_mtl Accessed June 22, 2020

Current Version

23/06/2020

Mona narang द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Mousumi dutta


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/06/2020

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