के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
जावा टी एक पौधा है जिसका प्रयोग जड़ीबूटी के तौर पर किया जाता है। इसका बोटैनिकल नाम Orthosiphon Aristatus है। ये मिंट परिवार से ताल्लुक रखती है। मूल रूप से जावा टी इंडोनेशिया में एक औषधीय जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है। इसकी गुणवत्ता अलग-अलग होती है। यह खेती के क्षेत्र, जलवायु और कटाई के समय जैसे कारकों पर निर्भर करता है। जावा टी मूत्र पथ, मूत्राशय और गुर्दे की विभिन्न स्थितियों के उपचार के लिए मददगार औषधि होता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर चाय के रूप में किया जा सकता है।
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जावा टी का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है और यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं।
जावा टी इंसुलिन को रिलीज कर ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करता है और हाई कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इसके अलावा ये अल्फा-एमाइलेज और अल्फा ग्लूकोसिडेज को बाधित करता है। ये दोनों एंजाइम ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में एक भूमिका निभाते है।
जावा में ड्यूरेटिक प्रोपर्टीज होती हैं जो एमिनो एसिड और कोलीन मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करता है। जावा ऑक्सलेट गुर्दे की पथरी को बनने से रोकने में मदद करता है।
जावा टी में एंटीमाइक्रोबियल प्रोपर्टीज होती है जो इम्यून सिस्टम को कई इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करती है।
जावा टी सूजन को कम कर हड्डियों के निर्माण और कोलेजन संश्लेषण (Collagen Synthesis) को बढ़ाने में मददगार है। कई शोध में इसे पोस्टमेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस के लिए भी फायदेमंद पाया गया।
जावा टी मूत्र (मूत्रवर्धक प्रभाव) के माध्यम से शरीर से पानी का अधिक बहाव करता है जिससे पेट में होने वाली ऐंठन से राहत पाया जा सकता है और बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद कर सकता है।
किए गए शोधों से पता चला है कि जावा टी, बेर्बेरिन, मोनकोलिन और पॉलीकोसैनोल युक्त एक विशिष्ट आहार लेने से रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) के बढ़े हुए स्तर को कम किया जा सकता है, लेकिन हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड के मुकाबले इसका असर कम ही होता है।
जावा टी में डाइयूरेटिक, एंटीडायबिटीक, एंटीहाइपरसेंसिटिव, निफरोप्रोटेक्टिव, हीपाटोप्रोटेक्टिव, गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव, एंटी-कैंसर गुणों के लिए जाना जाता है। ये डाइयूरेटिक के रूप में कार्य करता है, जो विषाक्त पदार्थों को निकालता है और कई बीमारियों से दूर रखता है। ये शरीर में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने में भी सक्षम है।
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अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श लें, यदि:
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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इसका सेवन करने से आपको डायजेशन की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा मुंह और गले में एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। हालांकि, सभी को इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव नहीं होता है। इसके अलावा भी इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर बताया नहीं गया है। यदि इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर आप चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर या हर्बालिस्ट से संपर्क करें।
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जावा टी निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
जावा टी के अलावा, आप डायबिटीज, अनिद्रा, कैंसर और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए कैमोमाइल टी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैमोमाइल हर्बल प्लांट होता है। जिसका इस्तेमाल चाय, पाउडर या अन्य तीरोकों से भी किया जा सकता है। इसमें कई शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों से शरीर की रक्षा करते हैं।
कैमोमाइल टी पीने के स्वास्थ्य लाभ
कैमोमाइल में एपीजेनिन (Apigenin) नामक एंटी-ऑक्सीडेंट होता है जो नर्व्स को रिलैक्स करता है और अच्छी नींद के लिए मदद करता है।
चूहों पर किए गए अध्ययनों में इसकी पुष्टि की गई है कि कैमोमाइल में एंटी-इन्फलामेटरी गुण होते हैं, जो डायरिया से लड़ने में कारगर होता है। इसकी चाय पीने से पाचन क्रिया मजबूत बनाती हैं।
कैमोमाइल टी के एंटीऑक्सीडेंट्स गुण ब्रेस्ट कैंसर, डाइजेस्टिव ट्रेक्ट, स्किन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और यूट्रस कैंसर से बचाव करने में शरीर की मदद करता है। टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों में पता चला है कि कैमोमाइल में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट एपिगेनिन कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए मदद करते हैं।
डिस्क्लेमर
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