backup og meta

कचनार के फायदे एवं नुकसान - Health Benefits of Kachnar (Mountain Ebony)

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/10/2020

कचनार के फायदे एवं नुकसान - Health Benefits of Kachnar (Mountain Ebony)

परिचय

कचनार क्या है?

कचनार के पेड़ों को दुनिया में सबसे खूबसूरत प्रजातियों में गिना जाता है। जब इस पेड़ पर फूल खिलते हैं, तो इनसे नजर हटाना काफी मुश्किल हो जाता है। कचनार के पेड़ों में आप तीन प्रकार के फूल देख सकते हैं, लाल, पीला और सफेद। कचनार की तीनों ही प्रजातियां सिर्फ दिखावट व सुंदरता के लिए ही जानी नहीं जाती, बल्कि आयुर्वेद के मुताबिक कई रोगों के निवारण में प्रभावशाली औषधियों के निर्माण में इस्तेमाल की जाती है। तीनों प्रजातियों की चिकित्सीय गुण और फायदे बराबर है, हालांकि मुख्यतः लाल और सफेद रंग के फूल वाले पेड़ों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि, यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जो कि खांसी, डायबिटीज, लिवर के रोग, सोरायसिस, पेट का कैंसर, सांप का काटना, डायरिया और अनेक स्वास्थ्य समस्याओं में काम आता है। यह पेड़ मूल रूप से भारत और आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम बौहिनिया वैरीगेटा (Bauhinia Variegata Linn.) है, जो कि फेबेसी (Fabaceae) कुल से संबंध रखता है। इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-मलेरियल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर, एंटी-फंगल, लैक्सेटिव, लिवर टॉनिक, एंटी-अल्सर, एंटीडोट जैसे गुण इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं।

और पढ़ें : तोरई के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Turai (Zucchini)

उपयोग

कचनार का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है?

कचनार का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों व स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है। जैसे-

मधुमेह की समस्या

मधुमेह की समस्या में रोगी के शरीर में ब्लड ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जो कि नियंत्रित न करने पर गंभीर रूप ले सकता है। इसके अलावा, मधुमेह खुद के साथ दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, किडनी के रोग जैसी खतरनाक स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, जो कि जानलेवा साबित हो सकती है। कचनार में मौजूद एंटी-डायबिटिक गुण शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम करने में मदद करते हैं और आपके मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित रखते हैं।

खांसी की समस्या

खांसी खुद में एक बीमारी नहीं है, बल्कि आपके श्वास तंत्र में किसी परेशानी व बाधा आने की वजह से शरीर यह प्रतिक्रिया देता है। खांसी के द्वारा फेफड़े सांस के रास्ते में आने वाली किसी बाधा और परेशानी को हटाने की कोशिश करते हैं, जैसे- सूजन, बलगम, कोई एलर्जेन आदि। अगर आपको भी इन्हीं कारणों की वजह से खांसी की समस्या है, तो कचनार से बनी औषधि आपकी मदद कर सकती है। क्योंकि, इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटी-कफ गुण होते हैं, जो आपको खांसी से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं।

और पढ़ें : रीठा के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Reetha (Indian Soapberry)

घावों की साफ-सफाई और इलाज

कचनार की मदद से किसी घाव की साफ-सफाई या उसका इलाज करने में मदद मिलती है। इसमें एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो घाव की सूजन को कम करके उसमें बैक्टीरिया या फंगस की वजह से होने वाले इंफेक्शन से बचाव करते हैं। जिससे घाव जल्दी से ठीक हो जाता है और आपको आराम मिलता है।

भूख में कमी

कुछ लोगों को भूख कम लगती है, जिससे उनके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त नहीं हो पाता और उन्हें कमजोरी व थकान या दुर्बलता का सामना करना पड़ता है। लेकिन, कचनार लिवर के लिए टॉनिक का कार्य करता है और आपकी भूख बढ़ाता है। जिससे आप स्वस्थ आहार का भरपेट सेवन करके पर्याप्त पोषण प्राप्त कर सकते हैं।

थायरॉइड की समस्या

आयुर्वेद में कचनार को थायरॉइड समस्या के लिए सबसे प्रभावशाली माना है और कचनार व गुग्गुल के मिश्रण का सेवन करने की सलाह दी है। दरअसल, थायरॉइड ग्लैंड में सूजन आने की वजह से थायरॉइड की समस्या होती है और कचनार में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इस सूजन को कम करके आपके शरीर में थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

और पढ़ें : शिकाकाई के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Shikakai (Acacia Concinna)

स्किन डिजीज

कचनार आपकी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है, क्योंकि यह आपको सोरायसिस व अन्य त्वचा के संक्रमण से बचाव व इलाज करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एस्ट्रींजेंट गुण स्किन इंफेक्शन को दूर रखकर आपकी त्वचा को साफ करने में मदद करते हैं।

अर्थराइटिस की समस्या

कचनार के इस्तेमाल से आप अर्थराइटिस और सोरायसिस के मरीजों में होने वाली सोरायटिक अर्थराइटिस से राहत प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि, अर्थराइटिस में आपके जोड़ों के बीच सूजन आ जाती है, जिससे वह पूर्ण क्षमता के साथ कार्य नहीं कर पाते हैं और आपको उठने-बैठने, चलने-फिरने व कार्य करने में दिक्कत होती है और कचनार शरीर में किसी भी तरह की सूजन को कम करता है।

निम्नलिखित समस्याओं में भी किया जाता है इस्तेमाल

  • एनल फिशर
  • अस्थमा
  • कब्ज
  • पीलिया
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • लेप्रोसी
  • अपच
  • डायरिया
  • एसिड रिफ्लक्स
  • ल्यूकोडर्मा
  • पेट दर्द
  • टेप वॉर्म
  • दांत का दर्द
  • गले के विकार
  • सांप का काटना
  • स्मॉल पॉक्स, आदि

[mc4wp_form id=’183492″]

और पढ़ें : अपराजिता के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Aparajita (Butterfly Pea)

क्या कचनार का उपयोग सुरक्षित है?

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, कचनार का इस्तेमाल काफी हद तक सुरक्षित है। लेकिन, अगर आप गर्भवती महिला हैं या फिर किसी बच्चे को स्तनपान करवा रही हैं, तो हमारी सलाह है कि इसका सेवन या इस्तेमाल करने से बचें या फिर किसी डॉक्टर व हर्बलिस्ट की मदद लें। इसके अलावा, अगर आप किसी एलोपैथिक दवा का सेवन कर रहे हैं, तो पहले उसका सेवन करें और फिर उसके 30 मिनट बाद ही किसी हर्बल सप्लीमेंट का सेवन करें।

और पढ़ें : गुलमोहर के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Gulmohar (Peacock Flower)

साइड इफेक्ट्स

कचनार के इस्तेमाल से मुझे किन-किन साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है?

कचनार के सेवन या इस्तेमाल से आपको गैस की समस्या, दस्त, स्किन रैशेज या खुजली या हर्बल टेस्ट की वजह से उल्टी की समस्या हो सकती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं, इसलिए इसका सेवन या इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट की मदद जरूर लें। अगर आप दिल की बीमारी, अस्थमा जैसी किसी क्रॉनिक डिजीज का सामना कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से चर्चा किए बिना किसी चीज का सेवन न करें। अगर आप हाल ही में किसी सर्जरी से गुजर चुके हैं, तो इसका सेवन या इस्तेमाल न करें।

और पढ़ें : फालसा के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Phalsa (Grewia Asiatica)

डोसेज

कचनार लेने की सही खुराक क्या है?

दवा के रूप में कचनार लेने की सही खुराक हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है, जो कि आपके लिंग, उम्र, स्वास्थ्य व अन्य कारणों पर निर्भर करती है। अपने लिए सही खुराक का पता लगाने के लिए किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट के पास जाएं। वह आपके स्वास्थ्य व मेडिकल हिस्ट्री का अध्ययन करके आपको सही खुराक के बारे में जानकारी देंगे। ध्यान रखें कि, किसी भी वस्तु का अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल करने पर गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ सकता है।

और पढ़ें : शीशम के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Shisham (Indian Rosewood)

उपलब्धता

किन रूपों में उपलब्ध है?

कचनार निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध होती है। जैसे-

  • कच्चे रूप में, जैसे- तना, फूल, पत्तियां
  • पाउडर
  • एक्सट्रैक्ट, आदि

अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. पूजा दाफळ

· Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/10/2020

advertisement iconadvertisement

Was this article helpful?

advertisement iconadvertisement
advertisement iconadvertisement