backup og meta

Safflower Oil: कुसुम का तेल क्या है?

Safflower Oil: कुसुम का तेल क्या है?

परिचय

कुसुम का तेल क्या है?

कुसुम का तेलसंयंत्र के बीज से मिलता है। इसकी दो किस्‍में उपलब्‍ध हैं – हाई ओलिक और हाई लिनोलेनिक। हाई ओलिक कुसुम के तेल में मोनोसेचुरेटेड फैट होता है जबकि हाई लिनोलेनिक कुसुम के तेल में पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका साइंटिफिक नाम Carthamus tinctorius है।

और पढ़ें – पर्पल नट सेज के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of purple nut sedge

[mc4wp_form id=’183492″]

उपयोग

कुसुम का तेल किस लिए इस्तेमाल होता है?

कुसुम के तेल का इस्तेमाल निम्नलिखित समस्याओं में होता है:

  • यह धमनियों को कठोर बनाता है तथा दिल का दौरा पड़ने से रोकता है।
  • सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
  • यह शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है।
  • यह मांसपेशियों में अकड़न को कम करता है और आपके रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • सूरजमुखी का तेल शरीर में मौजूद वसा को जमने देने की बजाय उसे जला देते हैं।
  • यह तेल मधुमेह की बीमारी को रोकता है।
  • इसमें मौजूदा विटामिन शरीर से फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं तथा कैंसर होने के खतरे से हमें निजात दिलाते हैं।
  • यह तेल उन सबके लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है जो अपना वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं।
  • कुसुम का तेल काफी हद तक सूरजमुखी जैसा होता है। इसमें असंख्य पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल खाना बनाने में भी किया जा सकता है। इसके अलावा सलाद पर भी इसे छिड़का जा सकता है।
  • कुसुम का तेल की एक विशेष खासियत यह है कि स्थायी परिणाम के लिए इसका इस्तेमाल उपयुक्त होता है। कुसुम के तेल का उपयोग वैसे ही किया जाता है जैसे शेविंग या वैक्सिंग आदि क्रीमों का होता है।
  • कुसुम के तेल महिलाओं के मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द को कम करने में सहायता करता है।

कुसुम के तेल का तेल कैसे काम करता है?

यह एक हर्बल सप्लिमेंट है और कैसे काम करता है, इसके संबंध में अभी कोई ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप किसी हर्बल विशेषज्ञ या फिर किसी डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, कुछ शोध यह बताते हैं कि इस तेल में मौजूद ओमेगा 6 फैटी एसिड शरीर में मौजूद वसा को जमने देने की बजाय उसे जला देते हैं। कुसुम का तेल में विटामिन-ई के पूरक मौजूद होते हैं, जो शरीर से फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं तथा कैंसर होने के खतरे से हमें निजात दिलाते हैं। कुसुम का तेल में कुछ ऐसे केमिकल्स भी होते हैं, जो खून के थक्के को कम करते है और ह्रदय के कार्यों को उत्तेजित करते है।

और पढ़ें – छोटी दुद्धी (दूधी) के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Dudhi

सावधानियां और चेतावनी

कुसुम का तेल इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?

निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:

  • कई बार कुसुम के तेल का इस्तेमाल करने पर गर्भपात का खतरा काफी बढ़ जाता है।
  • यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।
  • यदि आपको कुसुम के किसी पदार्थ या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
  • यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।
  • यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।

अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। कुसुम के तेल इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।

कुसुम का तेल कितना सुरक्षित है?

  • खाने के तौर पर कुसुम का तेल उपयोग में लेना ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है। इसका फूल भी खाने के तौर पर इस्तेमाल होता है और यह सुरक्षित माना जाता है।
  • कुसुम का तेल का तेल त्वचा पर लगाना सुरक्षित है।
  • यह तेल जब चिकित्सक की निगरानी में रासायनिक रूप से दिया जाता है, तब सुरक्षित है।

विशेष सावधानियां और चेतावनी

प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग:

प्रेग्नेंसी में कुसुम का तेल का प्रयोग न करें। यह असुरक्षित साबित हो सकता है। इससे मासिक धर्म चालू हो सकता है। गर्भाशय सिकुड़ने की संभावना है और गर्भपात के संयोग भी बन सकते हैं।

ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान यह तेल लेना सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। सुरक्षित रहें और इस दौरान कुसुम का तेल का प्रयोग न करें।

बच्चे:

जब चिकित्सक की निगरानी में यह तेल रासायनिक रूप से आईवी (नसों के अंदर से) दिया जाए तो सुरक्षित है। हालांकि, कोई ठोस शोध पर्याप्त नहीं है कि बच्चों के लिए यह तेल संपूर्ण सुरक्षित है।

रक्तस्राव (रक्तस्त्रावी रोग, पेट के या आंतों के फोड़े या गांठ के विकार):

कुसुम का तेल खून के थक्के को रोकता है, इस कारण रक्तस्त्राव और रक्त के विकार की समस्या बढ़ सकती है। रक्त के विकार वाले लोगों को इस तेल का उपयोग करने से पहले विशेष ध्यान रखना चाहिए।

रग्वीड, गुलबहार या ऐसे अन्य पौधे से एलर्जी:

एस्टरेशिया परिवार के पौधों से जिन्हें एलर्जी हैं, उन पर प्रतिकूल असर कर सकता है।

मधुमेह:

कुसुम का तेल खून के शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। इसलिए मधुमेह के रोग से पीड़ित लोगों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

सर्जरी:

कुसुम का तेल खून के थक्के को रोकता है और खून के बहाव को बढाता है, इसलिए इसके इस्तेमाल से किसी भी सर्जरी के दौरान या पहले अचानक से खून के बहाव का खतरा बढ़ सकता है। अतः किसी भी सर्जरी से दो हफ्ते पहले इसका इस्तेमाल बंद कर दें।

और पढ़ें – चिचिण्डा के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Snake Gourd (Chinchida)

साइड इफेक्ट्स

कुसुम के तेल से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

कुसुम के तेल के कोई गंभीर साइड इफेक्ट सूचित नहीं हुए है।

हालांकि, हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। उपरोक्त दुष्प्रभाव के अलावा भी कुसुम के तेल के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।

रिएक्शन

कुसुम के तेल से मुझे क्या रिएक्शन हो सकते हैं?

कुसुम के तेल के तेल का निम्नलिखित दवा के साथ प्रयोग करने से उसके प्रभाव दिख सकते हैं:

दवाई जो खून के थक्के को कम करती हैं और कुसुम का तेल :

कुसुम का तेल खून के थक्के को कम करता है और इसका प्रयोग इन दवाओं के साथ करने से जो खून के थक्के को कम करती हैं। सूजन-खरोंच और रक्तस्राव के संभावना बढ़ सकती है। इन दवाओं में एस्पिरिन, क्लोपिडोग्रेल (प्लाविस), डिक्लोफेनाक (वोल्टरेन, कटफलाम), आइबूप्रोफेन (एडविल, मोटरीन), नेप्रोक्सेन (अनप्रोक्स, नापरोसीन), डालतेपरिन (फ्राग्मिन), एनोक्सापारिन (लोवेनॉक्स), हेपरिन, वार्फरिन (सोमदिन) शामिल है।

और पढ़ें – रामदाना के फायदे और नुकसान : Health Benefit of Ramdana

डोसेज

उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।

कुसुम का तेल सामान्य डोज क्या है?

एडल्ट्स:

हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए:

कुसुम के तेल से बनी हुई रसोई छह हफ्तों तक खाएं।

इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।

कुसुम का तेल किन रूपों में आता है?

यह हर्बल सप्लिमेंट निम्न खुराक के रूप में उपलब्ध है

  • खाद्य तेल

अधिक जानकारी के लिए हर्बलिस्ट से संपर्क करें।

[embed-health-tool-bmi]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Food use and health effects of soybean and sunflower oils. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/1955619/Accessed on 16/07/2020

Time-dependent effects of safflower oil to improve glycemia, inflammation and blood lipids in obese, post-menopausal women with type 2 diabetes: a randomized, double-masked, crossover study/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3115398//Accessed on 16/07/2020

Sample records for safflower seed oil/https://www.science.gov/topicpages/s/safflower+seed+oil/Accessed on 16/07/2020

Safflower Seed/https://www.sciencedirect.com/topics/agricultural-and-biological-sciences/safflower-seed/Accessed on 16/07/2020

Current Version

16/07/2020

lipi trivedi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Manjari Khare


संबंधित पोस्ट

fish oil: फिश ऑयल क्या है? जाने इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

Rose Geranium Oil: रोज जेरेनियम ऑयल क्या है?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


lipi trivedi द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/07/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement