World Hearing Day 2020- बहरापन या सुनने की क्षमता का कम हो जाना एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। जो कि अधिकतर उम्र के बढ़ने के साथ या वृद्धावस्था में होती है या फिर कुछ मामलों में चोट लगने या किसी अन्य वजह से कान को पहुंचे नुकसान की वजह से हो सकती है। लेकिन, यह समस्या गंभीर इसलिए कही गई है, क्योंकि इससे आपकी दैनिक गतिविधियां या दैनिक जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है और रोड पर चलते समय यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है। लेकिन, इस समस्या से राहत दिलाने या उबारने में कान की मशीन काफी अहम योगदान देती है। लेकिन, कौन-सी कान की मशीन आपके लिए बेस्ट है या इससे जुड़ी किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, वर्ल्ड हियरिंग डे 2020 पर हम आपको बताने जा रहे हैं।
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कान की मशीन से पहले जानें वर्ल्ड हियरिंग डे क्या है?
वर्ल्ड हियरिंग डे हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है। दरअसल, यह दिन दुनियाभर में बहरेपन, सुनने की क्षमता के कम होने से बचाव और कान और हियरिंग केयर के बारे में जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन हर साल इस दिन की एक थीम चुनता है और इस बार 2020 में इसकी थीम (World Hearing Day 2020 Theme) ‘हियरिंग फॉर लाइफ’ रखा गया है, जिसका उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि बहरापन या सुनने की कम क्षमता आपकी संभावनाओं को कम नहीं कर सकती है। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि, समय पर प्रभावी इलाज और सहायता करने पर हियरिंग लॉस से ग्रसित व्यक्ति की क्षमताओं को पूरी सीमा तक ले जा सकते हैं।
कान की मशीन क्या है?
कान की मशीन को अंग्रेजी में हियरिंग एड या हियरिंग डिवाइस भी कहा जाता है, जो कान के पीछे या कान के अंदर लगाई जाती है। यह मशीन बाहर की आवाज को बढ़ा देती है, जिससे कोई कम सुनने वाला व्यक्ति आराम से सुन पाए, बात कर पाए और दैनिक गतिविधियों में आराम से कार्य कर सके। दरअसल, कान की मशीन या हियरिंग एड के तीन बेसिक हिस्से होते हैं, जैसे- माइक्रोफोन, एंप्लीफाइर और स्पीकर। हियरिंग एड माइक्रोफोन के जरिए आवाज को रिसीव करता है और फिर इसे साउंड वेव्स से इलेक्ट्रिक सिग्नल में बदलकर एंप्लीफाइर को भेज देता है। एंप्लीफाइर सिंग्नल को तेज करके स्पीकर की मदद से कान में भेजता है।
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सुनने की क्षमता कम या बहरापन का कारण
दरअसल, हमारे कान के अंदरुनी हिस्से में छोटे सेंसरी सेल्स होते हैं, जिन्हें हेयर सेल्स कहा जाता है। इन सेल्स के डैमेज होने की वजह से होने वाले बहरेपन या सुनने की कम क्षमता को सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस कहा जाता है। यह डैमेज किसी बीमारी, उम्र, चोट, दवाइयां या तेज आवाज के कारण हो सकता है। ऐसे हियरिंग लॉस से ग्रसित व्यक्तियों के लिए हियरिंग एड या कान की मशीन काफी प्रभावशाली होती है। हियरिंग एड आवाज में मौजूद वाइब्रेशन को बढ़ा देते हैं, ताकि हेयर सेल्स तक वाइब्रेशन जा सके। हालांकि, इसकी भी एक सीमा होती है, क्योंकि ज्यादा वाइब्रेशन भी आपके कानों को खराब कर सकती हैं।
कैसे जानें कि हमें कान की मशीन की जरूरत है?
सबसे पहली बात यह है कि, अगर आपको आवाज कम सुनाई देती है या आपको टीवी या गाने सुनने के लिए दूसरे लोगों से ज्यादा आवाज रखनी पड़ती है, तो यह एक सामान्य तरीका हो सकता है कि आपको बाकी लोगों की अपेक्षा कम सुनाई देता है। इसके अलावा, अगर आपको इसकी वजह से बात करने या दैनिक जीवन जीने में दिक्कत हो रही है, तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। आपका डॉक्टर, ऑडियोमेट्री टेस्ट कर सकता है। यह टेस्ट आपके सुनने की क्षमता की जांच करता है, जिसमें इंटेंसिटी, आवाज की टोन, बैलेंस और कान के अंदरुनी हिस्से के अन्य कार्य की जांच की जाती है। सामान्य तौर पर इंसान कम से कम 20 डेसीबल (dB) तक की धीमी आवाज सुन सकता है। वहीं, आपको बता दें कि एक जेट इंजन की आवाज 140 से 180 डेसीबल तक हो सकती है। वहीं, आवाज की टोन को हर्ट्ज (Hertz) में जांचा जाता है। लो बेस टोन करीब 50 Hz की होती है और इंसान 20 से 20 हजार Hz तक की टोन सुन सकता है। इंसानों की आवाज 500 से 3 हजार हर्ट्ज की रेंज में आती है।
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आप 85 डेसीबल से ज्यादा आवाज अगर कुछ घंटे लगातार सुनते हैं, तो उससे सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। इसी समस्या को जांचने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। जिसमें अगर आपके सुनने की क्षमता में गड़बड़ मिलती है, तो आपको हियरिंग एड का उपयोग करने के लिए कहा जाता है।
कौन-सी कान की मशीन आपके लिए बेस्ट रहेगी?
आपके लिए बेस्ट कान की मशीन आपके ऊपर निर्भर करता है। जैसे-
- आपकी सुनने की अक्षमता कितनी गंभीर है और वह किस प्रकार की है
- आपकी उम्र
- आप छोटे डिवाइस को कितना मैनेज कर सकते हैं
- आपकी जीवनशैली
- हियरिंग एड की कीमत, क्योंकि यह कई रेंज में उपलब्ध होता है
हियरिंग एड के प्रकार
इसके बाद आपकी सुनने की अक्षमता के प्रकार के मुताबिक निम्नलिखित प्रकारों में से चुनाव हो सकता है।
एनालॉग हियरिंग एड- यह मशीन साउंड वेव्स को इलेक्ट्रिक सिग्नल में बदलता है और फिर उन्हें तेज कर देता है। यह आमतौर पर सस्ते होते हैं।
डिजिटल हियरिंग एड- यह मशीन साउंड वेव्स को न्यूमेरिकल कोड्स में बदलता है और उसे तेज कर देता है। इन कोड्स में साउंड की डाइरेक्शन, पिच और वॉल्यूम की जानकारी होती है। जिससे आप इससे मिलने वाली आवाज को अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। इसमें आप अपने आसपास के माहौल के मुताबिक आवाज सेट कर सकते हैं। लेकिन यह डिवाइस और छोटे और ज्यादा महंगे होते हैं।
हियरिंग एड के स्टाइल
हियरिंग एड निम्नलिखित स्टाइल में उपलब्ध हैं। जैसे-
- पहला स्टाइल कैनाल हियरिंग एड है, जो कि आपके कान की कैनाल में फिक्स होता है और बाहर से मुश्किल ही देखा जा सकता है। इसमें भी दो प्रकार है पहला- इन द कैनाल (ITC) और दूसरा कंप्लीट इन कैनाल (CIC)।
- दूसरा स्टाइल इन द ईयर (ITE) होता है, जो कि आपके कान के बाहरी हिस्से में लगाया जाता है। इसमें, हार्ड प्लास्टिक केस होता है, जिसमें मशीन होती है। लेकिन यह बच्चों के लिए नहीं होता, क्योंकि बच्चों के कान विकसित होते रहते हैं। यह मशीन माइल्ड से सीवियर हियरिंग लॉस में काम करती है।
- तीसरा स्टाइल बिहाइंड द ईयर (BTE), जो कि आपके कान के पीछे लगाया जाता है। जिसमें प्लास्टिक केस आपके कान के पीछे होता है और प्लास्टिक ईयर मोल्ड आपके कान के अंदर लगाया जाता है, जो आवाज पहुंचाता है।
- इसके अलावा, रिसीवर इन कैनाल (RIC) और रिसीवर इन द ईयर (RITE) भी होता है, जो कि बीटीई का ही रूप होता है।
कान की मशीन की देखरेख कैसे करें?
- कान की मशीन को हमेशा हीट और मॉइश्चर से दूर रखें।
- निर्देश के मुताबिक उसे क्लीन करें।
- हियरिंग एड पहने हुए हेयरस्प्रे और दूसरे अन्य हेयर केयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल न करें।
- जब इस्तेमाल में न हों, तो मशीन को बंद रखें।
- बैटरी खत्म होते ही उसे बदल दें।
- बेकार बैटरी या मशीन को बच्चों और जानवरों से दूर रखें।