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ब्लैडर से जुड़ी दिक्कत : सिस्टाइटिस (Cystitis)
सिस्टाइटिस (Cystitis) ब्लैडर की इंफ्लामेशन (Inflammation) है। सूजन के कारण इंफेक्शन हो सकता है। जब यूटीआई की समस्या हो जाती है, तो सिस्टाइटिस की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि सिस्टाइटिस हमेशा इंफेक्शन के कारण हो। कई बार कुछ दवाओं और हाइजीन प्रोडक्ट के कारण भी ब्लैडर में सूजन आ जाती है। सिस्टाइटिस के कारण वॉमिटिंग, बार-बार पेशाब लगना, हल्का बुखार, यूरिन में ब्लड आना, सेक्शुअल इंटरकोर्स ( Sexual intercourse) के दौरान दर्द आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कैथेटर का इस्तेमाल, रेडिएशन आदि भी ब्लैडर की सूजन का कारण बन सकता है। कुछ कंडीशन जैसे कि डायबिटीज, एचआईवी, किडनी स्टोन भी ब्लैडर में सूजन पैदा करते हैं। डॉक्टर सिस्टाइटिस का ट्राटमेंट करने से पहले कारण जानने की कोशिस करते हैं। एंटीबायोटिक्स मेडिसिंस, होम केयर या फिर सर्जरी की सहायता से इस समस्या को दूर किया जाता है। आप डॉक्टर से इस बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।
ओवरएक्टिव ब्लैडर (Overactive bladder)
ओवरएक्टिव ब्लैडर के कारण बार-बार पेशाब जाना पड़ता है और पेशाब रोकना मुश्किल हो जाता है। ओवरएक्टिव ब्लैडर के कारण रात में भी परेशानी होती है और पेशेंट को बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होती है। उम्र बढ़ने के साथ ओवरएक्टिव ब्लैडर (Overactive bladder) की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स (Neurological disorders), डायबिटीज, यूटीआई, मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोनल बदलाव के कारण, ब्लैडर में स्टोन होने के कारण, इंलार्ज्ड प्रोस्टेट के कारण भी समस्या हो सकती है। कुछ मेडिसिन भी इस समस्या को जन्म दे सकती हैं। कैफीन का सेवन कम कर, हेल्दी वेट मेंटेन कर, फिजिकल एक्टिविटी के माध्यम से, क्रॉनिक कंडीशन को मैनेज कर ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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