डेफिनेशन
किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test) क्या होता है?
आपका किडनी फंक्शन टेस्ट करने के लिए आपका डॉक्टर कुछ परीक्षण करेगा जो आपके ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) का पता लगा सकें। आपका GFR आपके डॉक्टर को यह बताने का काम करता है कि आपकी किडनी किस गति से शरीर के कचरे को साफ़ करने का काम कर रही है।
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यूरीन टेस्ट (Urine Test)
यूरीन टेस्ट करने का मुख्य कारण आपके यूरीन में मौजूद प्रोटीन और खून का पता लगाना होता है। आपके यूरीन में प्रोटीन के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें से सभी रोग से संबंधित नहीं हैं। कुछ तरह के संक्रमण और हेवी वर्कआउट यूरीन में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाता है। इसका सही कारण पता लगाने के लिए यूरीन टेस्ट करते हैं, जिसके लिए यूरीन सैंपल डॉक्टर को टेस्ट के लिए देना होता है।
डॉक्टर महीने में दो से तीन बार यूरीन टेस्ट कर सकते हैं, ताकि वह समझ सकें शरीर से क्रिएटिनिन (एक तरह का कचरा) किस गति से साफ़ होता है।
सीरम क्रिएटिन टेस्ट (Serum Creatinine Test)
सीरम क्रिएटिन टेस्ट यह जानने के लिए होता है कि आपके खून में क्रिएटिन की मात्रा क्या है। आमतौर पर आपकी किडनी रक्त से क्रिएटिन को साफ़ करने का काम करती है। क्योंकि खून में ज्यादा क्रिएटिन की मात्रा कई किडनी से जुडी कई बीमारियां पैदा कर सकता है।
ब्लड यूरिआ नाइट्रोजन (BUN)
ब्लड यूरिआ नाइट्रोजन टेस्ट भी आपके खून में वेस्ट का पता लगाने के लिए होता है। BUN टेस्ट आपके खून में नाइट्रोजन की मात्रा का पता लगाने के लिए होता है।
लेकिन यहां एक बात ध्यान रखने जैसी है कि हमेशा आपके शरीर में BUN का कारण किडनी का फेल होना नहीं होता। अगर आप एस्पिरिन या कुछ अन्य ऐंटी बायोटिक्स लेते हैं तो यह भी आपके खून में BUN की मात्रा को बढ़ा देते हैं। अगर आप ऐसी कोई दवाएं लेते हैं तो टेस्ट से पहले डॉक्टर को यह बताना बेहद जरुरी है।
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अनुमानित GFR
GFR के नंबर आपके डॉक्टर को यह बताते हैं कि आपकी किडनी कितने बेहतर तरीके से शरीर के वेस्ट साफ़ कर रही है। यह नंबर कुछ घटकों को ध्यान में अनुमानित किए जाते हैं, जैसे;
- क्रिएटिन का स्तर
- उम्र
- लिंग
- रंग
- लंबाई
- वजन
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किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test) क्यों किया जाता है?
जिन लोगों को डायबिटीज, उच्च रक्तचाप या हृदय रोग है, उनके लिए किडनी टेस्ट बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपका डॉक्टर इन परिस्थितियों में यह टेस्ट करने की सलाह दे सकता है।
- अगर उन्हें यह लगे की आपकी किडनी सही प्रकार से कार्य नहीं कर रही है
- अगर आपका किडनी से संबंधित कोई इलाज चल रहा हो
- अगर आपका डॉक्टर आपके शरीर में पोटैशियम या अन्य कुछ और खनिजों की मात्रा को लेकर चिंतित हो
- अगर आप कुछ ऐसी दवाइयों का सेवन कर रहे हो जो सीधा किडनी पर असर करती हैं
सलाह / चेतावनी
किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test) करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
किडनी टेस्ट में किसी तरह का कोई खतरा नहीं होता है, लेकिन फिर भी अगर आपके कोई सवाल हों तो आप अपने डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं।
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प्रक्रिया
किडनी फंशन टेस्ट (Kidney Function Test) के लिए खुद को कैसे तैयार करें?
किडनी फंशन टेस्ट के लिए कोई खास तैयारी करने की जरुरत नहीं होती है। लेकिन अगर आप कोई दवाइयां ले रहें हैं तो उसके बारे में टेस्ट से पहले अपने डॉक्टर को बताना न भूलें,हो सकता है की टेस्ट से पहले आपको इन दवाइयों का सेवन रोकना पड़े।
किडनी फंशन टेस्ट (Kidney Function Test) के दौरान क्या होता है?
किडनी फंक्शन टेस्ट के लिए आमतौर पर 24 घंटे के यूरिन सैंपल और ब्लड टेस्ट की जरूरत होती है।
24 घंटे के यूरीन सैंपल
24 घंटे का यूरीन सैंपल क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट है। यह आपके डॉक्टर को इस बात का अंदाजा देता है कि एक दिन में आपका शरीर कितना क्रिएटिनिन बाहर निकालता है।
टेस्ट के पहले दिन जब आप सुबह उठें तो हर दिन की तरह पेशाब कर करते हैं। उसके बाद आप डॉक्टर द्वारा दिए गए कंटेनर में पेशाब करें। कंटेनर का ढक्कन लगाकर उसे किसी ठंडी जगह पर रखें।
अगले दिन जब आप उठें तो पेशाब करने के लिए इसी कंटेनर का इस्तेमाल करें। इस तरह आपके 24 घंटे पूरे हो जाएंगे। इस बारे में अगर डॉक्टर की कुछ सलाह हो तो उसका पालन करें।
ब्लड सैंपल
BUN सीरम की जांच के लिए कुछ ब्लड सैंपल की आवश्यकता होती है। जिसे लेने के लिए नर्स सबसे पहले आपके बाजू में एक इलास्टिक बैंड बांध देती हैं जिससे आपकी नस साफ़ दिखने लगती हैं। नर्स नस के आसपास का हिस्सा साफ़ करती हैं और फिर पिन चुभा कर थोड़ा सा खून बोतल में निकाल लेती हैं। इसके बाद बैंड खोल दिया जाता है। यह काफी आसान प्रक्रिया होती है।
किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test) के बाद क्या होता है?
किडनी फंक्शन टेस्ट के लिए किसी विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। तो टेस्ट होने बाद आप अपनी रोजाना की दिनचर्या फिर से शुरू कर सकते हैं। यदि आप के दिमाग में टेस्ट से जुड़े कुछ सवाल हों तो आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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टेस्ट रिजल्ट को कैसे समझें?
कई जानकारों के अनुसार पुरुषों के लिए 1.2 मिलीग्राम / डेसिलिटर और महिलाओं के लिए 1.4 मिलीग्राम / डेसिलिटर से ज्यादा क्रिएटिन हानिकारक होता है।
आमतौर पर 7-20 मिलीग्राम / डेसिलिटर BUN का स्तर सामान्य माना जाता है। इससे ज्यादा मात्रा आपके शरीर में कई तकलीफें पैदा कर सकती है।
60 मिलीलीटर / मिनट / 1.73m2 से कम की GFR रीडिंग किडनी से जुडी बीमारियों का संकेत हो सकती है।
आपका डॉक्टर टेस्ट के रिजल्ट अनुसार आपको कुछ दवाइयां और ट्रीटमेंट दे सकता है। साथ ही साथ डॉक्टर आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ बदलाव भी सुझा सकता है।
अगर आपको डायबिटीज है तो आपका डॉक्टर एंडोक्रिनोलोजिस्ट को दिखाने की सलाह देता है।
इसके अलावा अगर आपको कोई और स्वास्थ्य समस्या है तो आपका डॉक्टर कुछ दिन आपको अपनी निगरानी में रख सकता है।