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इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) इस नए डिसऑर्डर के बारे में जानते हैं आप?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/06/2022

    इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) इस नए डिसऑर्डर के बारे में जानते हैं आप?

    डायग्नोस्टिक और स्टेटिसकल मेनुअल ऑफ मेंट्रल डिसऑर्डर्स ने टेक्नोलॉजी एडिक्शन या इंटरनेट एडिक्शन को डिसऑर्डर की लिस्ट में शामिल नहीं किया है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इसके लिए पर्याप्त डाटा नहीं है जो यह बता सके कि इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) एक अलग डिसऑर्डर है या इसका कारण कुछ और हैं। कुछ डॉक्टर्स इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर को इंप्लस कंट्रोल डिसऑर्डर (Impulse control disorder) मानते हैं। डॉक्टर इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर को निम्न प्रकार भी बता सकते हैं।

    • प्रॉब्लेमेटिक इंटरनेट यूज
    • कम्प्यूटर एडिक्शन
    • इंटरनेट डिपेंडेंस
    • कंप्लसिव इंटरनेट यूज

    स्टडी के अनुसार

    एनसीबीआई (NCBI) एक रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर व्यक्ति के बिहेवियल डेवलमेंट के साथ ही मेंटल और फिजिकल हेल्थ को प्रभावित करता है। एक दूसरी स्टडी के अनुसार इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) से प्रभावित लोगों की ब्रेन एक्टिविटी ड्रग और एल्कोहॉल एडिक्शन का सामना कर रहे लोगों के ही समान होती है। इसका मतलब यही है कि आईएडी का सामना कर रहे लोग दूसरे एडिक्शन का शिकार लोगों की तरह ही एडिक्शन का अनुभव करते हैं। इस लेख में इस एडिक्शन और इसके प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

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    इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) या टेक्नोलॉजी एडिक्शन के कितने प्रकार हैं?

    जुए की तरह ही टेक्नोलॉजी भी लोगों के दिमाग को प्रभावित करती है। साथ ही इसमें ऐसी सामग्री भी है जो मूड बनाने वाली और इसे उत्तेजित करने वाली है। इन अनुभवों के उदाहरण निम्न प्रकार हैं।

    इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) इस नए डिसऑर्डर के बारे में जानते हैं आप?

  • वीडियो गेम्स
  • पॉर्नोग्राफी
  • सोशल मीडिया
  • ऑनलाइन जुआ
  • मैसेज
  • ऑनलाइन नीलामी
  • यह एडिक्शन कम से लेकर गंभीर हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने फेसबुक का इस्तेमाल किया उनके दिमाग पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन उन्होंने सड़क के संकेतों की तुलना में फेसबुक से संबंधित छवियों को भी तेजी से पहचाना। हालांकि यह एक लत नहीं हो सकती है, फिर भी यह आपके दिन-प्रतिदिन के कार्यों को प्रभावित कर सकती है। अगर लोग गाड़ी चलाते समय फोन का उपयोग करते हैं तो लोग ट्रैफिक कंडिशन्स की तुलना में फेसबुक मैसेज पर तेजी से प्रतिक्रिया कर सकते हैं।

    इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर के लक्षण क्या हैं? (Internet addiction disorder symptoms)

    टेक्नोलॉजी एडिक्शन के लक्षणों को समझना और पहचाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि टेक्नोलॉजी हमारी लाइफ को पूरी तरह प्रभावित करती है। एनसीबीआई में छपी रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट डिसऑर्डर का सामना कर रहे किसी व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

    • मूड में बदलाव
    • इंटनरेट और डिजिटल मीडिया पर ध्यान केन्द्रित रहना
    • इंटरनेट पर बिताने वाले समय को कंट्रोल करने में सक्षम ना होना
    • खुश होने के लिए अधिक समय या नए गेम को खेलने की जरूरत महसूस होना
    • इंटरनेट या टेक्नोलॉजी का उपयोग न करने पर विड्रॉल लक्षणों को महसूस करना
    • लगातार इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का उपयोग करना भले ही यह रिलेशनशिप को प्रभावित कर रही हो।
    • नौकरी, स्कूल, कॉलेज, दोस्तों और जरूरी कामों को दरकिनार करना।

    IAD होने से अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि डिप्रेशन, तनाव और स्लीप डिसऑर्डर। कुछ मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आईएडी को किसी अन्य डिसऑर्डर के लक्षण के रूप में देखते हैं।

    टेक्नोलॉजी एडिक्शन (Technology addiction) के अन्य संकेत

    इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) अन्य संकेतों में निम्न शामिल हो सकते हैं।

    • अपनी गतिविधिओं को सामान्य और हेल्दी बताना
    • मैसेज या नोटिफिकेशन को अनिवार्य रूप से जांचना
    • उन चीजों में रुचि खोना जिनमें इंटरनेट या तकनीक शामिल नहीं है
    • इंटरनेट एक्टिविटी चलते कम नींद लेना
    • चिड़चिड़ापन, अवसाद या सुस्ती रहना
    • एक्टिविटीज में किसी प्रकार की कोई रुकावट ना आए इसका पूरा प्रयास करना जैसे कि टॉयलेट जाने से बचने के लिए एडल्ट डायपर पहनना।

    अपनी सभी आदतों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें यदि आपको संदेह है कि आपके लक्षण आईएडी का परिणाम हैं। वे कारण निर्धारित करने और सही उपचार प्रदान करने में मदद करने में सक्षम होंगे।

    इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर या टेक्नोलॉजी एडिक्शन (Technology addiction) को डायग्नोस कैसे किया जाता है?

    कई मूल्यांकन टूल्स हैं जिनका उपयोग एक व्यक्ति यह देखने के लिए कर सकता है कि क्या वे IAD के लिए जोखिम में हैं। ये परीक्षण इंटरनेट की लत के अपने स्तर को मापने के लिए व्यक्ति को अपने व्यवहार को एक पैमाने पर रेट करने के लिए कहेंगे। परीक्षण में जितने अधिक अंक प्राप्त करेंगे, व्यक्ति की लत का स्तर उतना ही अधिक होगा। निदान करते समय यदि आपके पास आईएडी है, तो आपका डॉक्टर पूछ सकता है:

    • क्या आप अपनी पिछली एक्टिविटी के बारे में सोचते हैं या अगले सेशन की बहुत उम्मीद करते हैं?
    • क्या आपको संतुष्टि प्राप्त करने के लिए अधिक समय तक इंटरनेट का उपयोग करने या गेम खेलने की आवश्यकता है?
    • क्या आपने अपनी गतिविधि पर नियंत्रण, कटौती, या उपयोग बंद करने का प्रयास किया है? और आप सफल नहीं हुए?
    • क्या आप अपेक्षा से अधिक समय तक ऑनलाइन रहे हैं?

    अन्य स्थितियां

    इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder)

    साथ ही, निदान करने के लिए निम्न स्थितियों  के बारे में भी जानना जरूरी है

    डॉक्टर अन्य लक्षणों या मनोदशाओं के बारे में भी पूछ सकता है, यह देखने के लिए क्या पहले हुआ था। इससे यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलती है कि एक आईएडी किसी अन्य डिसऑर्डर का लक्षण तो नहीं है। वे अन्य कारणों के बारे में जानने के लिए मरीज के परिवार के मानसिक स्वास्थ्य हिस्ट्री के बारे में भी पूछ सकते हैं। कुछ बच्चों और किशोरों में, जो आईएडी के रूप में प्रकट होता है वह केवल एक फेज भी हो सकता है।

    टेक्नोलॉजी एडिक्शन का इलाज कैसे किया जाता है? (Technology addiction treatment)

    दूसरे एडिक्शन से विपरीत रिसर्चर्स बताते हैं कि इंटरनेट का पूरी तरह उपयोग बंद कर देना प्रभावी नहीं है। इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर में टाइम मैनेजमेंट और बेलेंसिंग या सीमित समय के लिए उपयोग जरूरी है। इसमें उन ऐप्स का उपयोग बंद करना भी शामिल है जो आपके लिए एडिक्शन का कारण बन रही हैं।

    उपचार रणनीतियों में आम तौर पर शामिल हैं:

    • पैटर्न को बाधित करने के लिए एक नया शेड्यूल सजेस्ट करना
    • लॉग ऑफ करने में मदद करने के लिए वास्तविक आयोजन और गतिविधियों का उपयोग करना
    • उपयोग के समय को सीमित करने में मदद करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना
    • विशिष्ट ऐप्स का उपयोग बंद करना
    • खुद को रुकने के फायदे याद दिलाना
    • IAD के कारण छूटी हुई गतिविधियों की एक सूची बनाना
    • एक सपोर्ट ग्रुप में शामिल होना

    साइकोलॉजिक अप्रोच (Psychological approach)

    नशीली दवाओं, शराब और ईटिंग डिसऑर्डर के इलाज के लिए मनोवैज्ञानिक उपचारों को प्रभावी दिखाया गया है। हालांकि इन उपचारों और इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) के बारे में बहुत कम या कोई अध्ययन नहीं है, फिर भी वे मदद कर सकते हैं।

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    मोटिवेशनल इंटरव्यूइंग (Motivational interviewing)

    यह एक टेक्निक है जो नई बिहेवियरल स्किन को सीखने में मदद करती है ताकि व्यक्ति एडिक्टिव बिहेवियर्स को छोड़ दे।

    रियल्टी थेरिपी (Reality therapy)

    रियल्टी थेरिपी व्यक्ति को अपनी लाइफ को बेहेवियल बदलाव के जरिए इम्प्रूव करने के लिए प्रोत्साहित करती है। थेरिपिस्ट मरीज के साथ टाइम मैनेजमेंट और अल्टरनेटिव एक्टिविटीज के बारे में सीखता है। हर सेशन में इस बात पर जोर दिया जाता है कि एडिक्शन एक चॉइस है।

    कॉगनिटिव बेहिवियल थेरिपी (Cognitive behavioral therapy)

    एनसीबीआई के अनुसार आईएडी के लिए सीबीटी का अभ्यास करने वाले लोगों में सभी क्षेत्रों में सुधार हुआ है। सीबीटी अस्वास्थ्यकर पैटर्न को उजागर करने और स्वस्थ विचारों और व्यवहारों को बनाने के तरीके खोजने में मदद करने के लिए एक गाोल ओरिएंटेड थेरिपी है।

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    काउंसलिंग (Counseling)

    काउंसलर रिकवरी के तनाव से निपटने और स्वस्थ आदतों को विकसित करने में मदद कर सकता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ मूल्यांकन भी सहायक हो सकता है, क्योंकि गंभीर मामलों में अवसाद या ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसऑर्डर भी हो सकता है। इन मामलों में एक डॉक्टर दवा लिख ​​सकता है।

    मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical treatment)

    डॉक्टर कुछ दवाएं जैसे कि सेरोटॉनिन रेपटेक इंहिबिटर्स भी लिख सकता है अगर मरीज को आईएडी है और वह डिप्रेशन या एंजायटी के लक्षणों को विकसित करता है। ये दवाएं इंटरनेट के उपयोग और वीडियो गेम खेलने की इच्छा को कम करने में मदद कर सकती हैं। ये मूड्स को सुधारने में भी मददगार हैं।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर (Internet addiction disorder) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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