साइक्लोथायमिया (Cyclothymia) या साइक्लोथायमिक डिसऑर्डर (Cyclothymic disorder) यह मूड डिसऑर्डर है। जिसके लक्षण बायपोलर डिसऑर्डर II की तरह होते हैं। बायपोलर डिसऑर्डर इमोशनल उतार-चढ़ाव का कारण बनता है। इसमें डिप्रेशन के हल्के लक्षणों के साथ ही माइल्ड मेनिया का भी अनुभव होता है। इसके लक्षण डायग्नोसिस से पहले कम से कम 2 साल तक रहते हैं।
इस डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति को अचानक मूड अच्छा और बुरा होने का एहसास होता है। हाय और लो के बीच में वे मूड को स्टेबल भी पाते हैं। बायपोलर डिसऑर्डर और साइक्लोथायमिया में मुख्य अंतर लक्षणों की इंटेंसिटी है। साइक्लोथायमिया के दौरान होने वाले मूड स्विंग बायपोलर डिसऑर्डर की तुलना में कम इंटेंसिटी के साथ होते हैं। यदि साइक्लोथायमिया का ट्रीटमेंट ना किया जाए तो यह बायपोलर डिसऑर्डर के रिस्क को बढ़ा सकता है।
साइक्लोथायमिया के लक्षण क्या हैं? (Cyclothymia symptoms)
साइक्लोथायमिया आमतौर पर किशोरों में विकसित होता है। इस डिसऑर्डर से प्रभावित लोग आमतौर पर सामान्य ही दिखाई देते हैं। अन्य लोगों को वे थोड़े मूडी या अजीब लग सकते हैं। अक्सर लोग ट्रीटमेंट नहीं करवाते क्योंकि उन्हें मूड स्विंग गंभीर नहीं लगता। इस डिसऑर्डर का सामना कर रहे लोग कई बार हायपर प्रोडक्टिव दिखाई दे सकते हैं। साइक्लोथायमिया (Cyclothymia) का सामना कर रहा व्यक्ति कई हफ्तों तक लो लेवल डिप्रेशन का अनुभव कर सकता है साथ ही उसे माइल्ड मेनिया के एपिसोड का सामना भी करना पड़ सकता है जो कि कई दिनों तक रहते हैं।
साइक्लोथायमिया के डिप्रेशिव लक्षण
- चिड़चिड़ाहट
- आक्रमकता
- इंसोम्निया या हायपरइंसोम्निया
- भूख में बदलाव
- वजन बढ़ना या कम होना
- थकान या एनर्जी कम लगना
- लो सेक्शुअल डिजायर और फंक्शन
- निराशा और अपराधबोध का एहसास
- मृत्यू या आत्महत्या के बारे में सोचना
- असावधानी, एकाग्रता की कमी, या विस्मृति
- बिना किसी कारण के शारीरिक लक्षण
साइक्लोथायमिया के मेनिक लक्षण
- अत्यधिक उच्च आत्म-सम्मान की भावना
- अत्यधिक बात करना या बहुत जल्दी बोलना, कभी-कभी इतनी तेजी से बोलना कि दूसरों को व्यक्ति जो कह रहा है उसका अनुसरण करने में परेशानी होती है
- बहुत तेज आते जाते विचार (गड़बड़ और अव्यवस्थित)
- ध्यान की कमी
- बेचैनी और अति सक्रियता
- बढ़ी हुई चिंता
- कई दिनों तक कम या बिना नींद के रहने (बिना थकान महसूस किए)
- विवाद करना
- अतिकामुकता
- लापरवाह या आवेगी व्यवहार
कुछ मरीजों को मिक्सड एपिसोड्स का एहसास होता है। जिसमें वे एक के बाद एक मेनिक और डिप्रेसिव दोनों लक्षणों को वे अनुभव करते हैं।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर किसी को साइक्लोथायमिया के लक्षण महसूस होते हैं तो जितनी जल्दी हो मेडिकल हेल्प लेना चाहिए। यह बीमारी अपने आप ठीक नहीं होती है। अगर किसी को मेडिकल हेल्प में झिझक महसूस होती है तो उसे किसी ऐसे सदस्य को अपनी परेशानी बतानी चाहिए जो ट्रीटमेंट की तरफ कदम बढ़ाने में उसकी मदद कर सके।
अगर किसी करीबी व्यक्ति में साइक्लोथायमिया (Cyclothymia) के लक्षण दिखाई देते हैं तो उस व्यक्ति से ईमानदारी से बात करें और अपनी चिंता के बारे में बताएं। आप किसी को मेडिकल हेल्प लेने के लिए फोर्स नहीं कर सकते, लेकिन अच्छे मेंटल प्रोफेशनल को ढूंढने में सहयोग और मदद कर सकते हैं।
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साइक्लोथायमिया के कारण क्या हैं? (Cyclothymia Causes)
इस डिसऑर्डर के कारण के बारे में सही जानकारी नहीं है। दूसरे मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर की तरह रिसर्च से पता चलता है कि निम्न फैक्टर्स के कॉब्निनेशन से यह डिसऑर्डर हो सकता है।
- जेनेटिक्स, अगर यह डिसऑर्डर फैमिली में कई लोगों को रहा हो
- दिमाग के कार्य करने के तरीके में बदलाव। जैसे कि ब्रेन की न्यूरोबायलॉजी में बदलाव
- इनवायमेंटल ईशूज, जैसे कि ट्रॉमेटिक एक्सपीरियंस या लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना
रिस्क फैक्टर्स (Risk factors)
साइक्लोथायमिया (Cyclothymia) अपेक्षाकृत दुर्लभ माना जाता है, लेकिन सही अनुमान लगाना कठिन है क्योंकि लोग इसे डिप्रेशन या अन्य मूड डिसऑर्डर के रूप में डायग्नोस कर सकते हैं। साइक्लोथायमिया आमतौर पर किशोरावस्था या युवा वयस्कता के दौरान शुरू होता है। यह लगभग समान संख्या में पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित करता है।
कॉम्प्लिकेशन (Complications)
इस डिसऑर्डर के साथ कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन जुड़े हुए हैं:
- इसका इलाज न करने से महत्वपूर्ण भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं जो आपके जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती हैं
- बाद में बायपोलर I या II विकार विकसित होने का एक उच्च जोखिम है
- सब्सटेंस मिसयूज आम है
- एंजायटी डिसऑर्डर भी हो सकता है
- आत्महत्या के विचार और आत्महत्या का खतरा बढ़ सकता है
साइक्लोथायमिया का निदान कैसे किया जाता है? (Cyclothymia diagnosis)
डॉक्टर यह निर्धारित करेगा कि मरीज को साइक्लोथायमिया (Cyclothymia) , बायपोलर डिसऑर्डर I या II , डिप्रेशन या कोई अन्य स्थिति है जो लक्षणों का कारण हो सकती है। लक्षणों के निदान में सहायता के लिए, मरीज को कुछ टेस्ट करवाने होंगे जिनमें आम तौर पर शामिल हैं:
शारीरिक परीक्षा
लक्षणों का कारण बनने वाली किसी भी चिकित्सा समस्या की पहचान करने में सहायता के लिए एक शारीरिक परीक्षा और प्रयोगशाला परीक्षण किया जा सकता है।
मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन
डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य प्रदाता आपके विचारों, भावनाओं और व्यवहार पैटर्न के बारे में मरीज से बात करेगा। एक मनोवैज्ञानिक स्व-मूल्यांकन या प्रश्नावली भी भरवा सकते हैं। आपकी अनुमति से, परिवार के सदस्यों या करीबी दोस्तों को आपके लक्षणों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कहा जा सकता है, जैसे कि संभावित हाइपोमेनिक या अवसादग्रस्तता के लक्षण।
मूड चार्टिंग
क्या हो रहा है, इसकी पहचान करने के लिए, डॉक्टर मरीज को अपने मूड, नींद के पैटर्न या अन्य कारकों का दैनिक रिकॉर्ड रखने के लिए कह सकते हैं जो निदान और सही उपचार खोजने में मदद कर सकते हैं।
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साइक्लोथायमिया का इलाज (Cyclothymia treatment)
साइक्लोथायमिया एक पुरानी स्थिति है जिसके लिए आजीवन उपचार की आवश्यकता होगी। यदि मरीज दवाएं लेना बंद कर देते हैं चाहे वह छोटी अवधि के लिए ही क्यों ना हो लक्षण वापस आ जाएंगे। क्योंकि साइक्लोथायमिया बायपोलर डिसऑर्डर में विकसित हो सकता है, यह महत्वपूर्ण है कि मरीज उचित उपचार प्राप्त करें। शराब और नशीली दवाओं के उपयोग से आपके लक्षण भी बढ़ सकते हैं।
मेडिकेशन
साइक्लोथायमिया (Cyclothymia) के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुख्य प्रकार की दवाओं में शामिल हैं:
- मूड स्टेबलाइजर्स (Mood stabilizers)
- एंटी सीजर मेडिकेशन (Anti-seizure medication)
- एटापिकल एंटीसाइकोटिक मेडिसिन (Atypical antipsychotic medication)
- एंटी एंजायटी मेडिकेशन (Anti-anxiety medication)
- एंटीडिप्रेसेंट्स (Antidepressants)
ये दवाएं डॉक्टर प्रिस्क्राइब करते हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवा का उपयोग ना करें।
साइकोथेरिपी
मनोचिकित्सा को साइक्लोथायमिया (Cyclothymia) के उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। साइक्लोथायमिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दो प्राथमिक प्रकार की मनोचिकित्सा कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी और वेल-बीइंग थेरिपी है।
कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी
कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी नकारात्मक या अस्वस्थ विश्वासों और व्यवहारों की पहचान करने और उन्हें सकारात्मक या स्वस्थ के साथ बदलने पर केंद्रित है। यह मरीज को तनाव को प्रबंधित करने और मुकाबला करने की तकनीक विकसित करने में भी मदद कर सकता है।
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वेल बीइंग थेरिपी
वेल बीइंग थेरिपी विशिष्ट मनोवैज्ञानिक लक्षणों को ठीक करने के बजाय जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है। एक हालिया नैदानिक अध्ययन में पाया गया कि कॉग्निटिव थेरिपी और वेल बीइंग का संयोजन साइक्लोथायमिया के रोगियों के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार लाता है।
साइक्लोथायमिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन ऐसे उपचार हैं जो लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करेंगे। डॉक्टर एक उपचार योजना बनाने में मदद करेगा जिसमें सबसे अधिक संभावना है कि दवा और चिकित्सा का संयोजन शामिल होगा।
उम्मीद करते हैं कि आपको साइक्लोथायमिक डिसऑर्डर (Cyclothymic disorder) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।