स्ट्रेस और एंग्जाइटी की समस्या को यहां एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं, जिससे इस मानसिक परेशानी से दूर रहने में मदद मिल सके।
स्ट्रेस (Stress)
स्ट्रेस जिसे सामान्य शब्दों में तनाव कहते हैं। तनाव एक ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति के लिए खतरा पैदा कर सकती है। कभी-कभी चुनौतीपूर्ण स्थितियां तनाव का कारण बन जाती हैं। जीवन में चुनौतीपूर्ण स्थितियां व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए एवं जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती हैं जो कुछ हद तक सही है, लेकिन अगर चुनौतीपूर्ण स्थितियां ज्यादा वक्त से बनी हुई है, तो ऐसी स्थिति व्यक्ति के तनाव का कारण बन सकती है। ऐसी स्थिति व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) एवं मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) दोनों पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
एंग्जाइटी (Anxiety)
एंग्जाइटी यानी चिंता अगर कुछ बातों के लिए चिंता होती है जैसे किसी नए जगह पर जाना, नए कामकाज की शुरुआत करना या किसी परीक्षा में हिस्सा लेना तो ऐसी स्थिति में चिंता होना स्वाभाविक है। शायद ऐसी स्थिति आपको कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित कर सकती है, लेकिन भविष्य में क्या होगा या भविष्य की बातों से जुड़ी परेशानियां अगर लगातार मन में घर कर ले तो ऐसी स्थिति चिंता का कारण बन सकती है।
तनाव और चिंता (Stress and Anxiety), दोनों में बहुत कम अंतर है, लेकिन दोनों में से कोई भी स्थिति अगर अपनी जगह बना ले तो मानसिक परेशानियों का बढ़ना तय माना जाता है। इसलिए स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण (Stress and Anxiety symptoms) को समझना जरूरी है।
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