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Intestinal Metaplasia: जानिए डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्या 'इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया' क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/05/2022

    Intestinal Metaplasia: जानिए डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्या 'इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया' क्या है?

    पाचनतंत्र से जुड़ी समस्या लोगों की शारीरिक एवं मानसिक तकलीफ दोनों बढ़ा सकती है, लेकिन डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई कुछ समस्या गंभीर भी होती है। ऐसी ही एक समस्या है इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया (Intestinal Metaplasia)। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस (Atrophic gastritis) 0.1 प्रतिशत, इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया (Intestinal Metaplasia) 0.25 प्रतिशत, माइल्ड-मॉडरेट डिस्प्लासिया (Mild-moderate dysplasia) 0.6  प्रतिशत एवं सीवियर डिस्प्लासिया (Severe dysplasia) की समस्या 6 प्रतिशत केसेस हर साल डायग्नोस किये जाते हैं। 

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    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया (Intestinal Metaplasia) की समस्या को गंभीर डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) से जुड़ी बीमारियों की लिस्ट में शामिल किया गया है। इसलिए आज इस आर्टिकल में इस बीमारी के बारे में समझेंगे, जिससे इस बीमारी से बचाव में मदद मिल सके। 

    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया क्या है?
    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के लक्षण क्या हैं?
    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के कारण क्या हैं?
    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के कॉम्प्लिकेशन क्या हैं?
    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया का निदान कैसे किया जाता है?
    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया का इलाज कैसे किया जाता है?
    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया समस्या से बचाव कैसे संभव है?
    • इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के मरीजों को किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन-किन चीजों का नहीं?

    चलिए इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।        

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया क्या है? (About Intestinal Metaplasia)

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया (Intestinal Metaplasia)

    जब अपर डायजेस्टिव ट्रैक्ट (Upper digestive tract), पेट (Stomach) या फिर एसोफेगस (Esophagus) के टिशू में मौजूद सेल्स में बदलाव आने लगे तो इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया की समस्या शुरू हो सकती है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार यह कंडिशन कैंसर के पहली की स्थिति (Precancerous condition) भी मानते हैं। वहीं इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) की समस्या से पीड़ित लोगों में ज्यादा होने की संभावना होती है। डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़े इस परेशानी को जल्द से जल्द दूर करने के लिए इसके लक्षणों को समझना जरूरी है। 

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    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Intestinal Metaplasia)

    क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के लक्षण नजर नहीं आते हैं। पेट (Stomach) या एसोफेगस (Esophagus) में लम्बे वक्त से सूजन की समस्या बनी रहती है। इसलिए निम्नलिखित शारीरिक परेशानियों को नोटिस करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें- 

    • खाना निगलने (Painful swallowing) में परेशानी महसूस होना। 
    • मुंह में एसिड (Acid) आना। 
    • सीने में जलन (Heartburn) में महसूस होना। 
    • पेट दर्द (Stomach pain) की समस्या महसूस होना। 
    • पेट में ब्लोटिंग (Bloated stomach) महसूस होना। 
    • जी मिचलाने (Nausea) की समस्या होना। 

    ये लक्षण इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के लक्षण की ओर इशारा करते हैं। इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया की समस्या कुछ कारणों से हो सकती है, जिसके बारे में आगे समझेंगे। 

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    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के कारण क्या हैं? (Cause of Intestinal Metaplasia)

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के कारण निम्नलिखित हो सकते हो सकते हैं। जैसे: 

    • एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) की समस्या होना। 
    • बाइल रिफ्लक्स (Bile reflux) की समस्या होना। 
    • गैस्ट्रिक एट्रोफी (Gastric atrophy) की समस्या होना। 
    • एच. पाइलोरी संक्रमण (H. pylori infection) की समस्या होना। 
    • स्मोकिंग (Smoking) करना। 
    • एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना। 
    • ऐसोफैजाइटिस (Esophagitis) की समस्या होना। 

    इन कारणों की वजह से इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया की समस्या शुरू हो सकती है। वहीं निम्नलिखित बीमारियों से पीड़ित लोगों में इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे: 

    • ऐसोफैजाइटिस (Esophagitis)
    • क्रोनिक गैस्ट्रिटिस (Chronic gastritis) 
    • एच. पाइलोरी इंफेक्शन (H. pylori infection)
    • एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux)
    • बाइल रिफ्लक्स (Bile reflux)
    • एल्कोहॉलिस्म (Alcoholism)

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    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के कॉम्प्लिकेशन क्या हैं? (Complications of Intestinal Metaplasia)

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया की स्थिति गैस्ट्रिक कैंसर (Gastric cancer) की संभावनाओं को बढ़ा सकती है। इसलिए इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना चाहिए। 

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    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Intestinal Metaplasia)

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया की जानकारी डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी टेस्ट के दौरान मिलती है। ऐसी स्थिति में अपर एंडोस्कोपी (Upper endoscopy) की जाती है, जिससे इस बीमारी को और बेहतर तरीके से समझने में और इलाज में मदद मिलती है।  

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Intestinal Metaplasia)

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया का इलाज इसके कारणों जैसे ऐसोफैजाइटिस (Esophagitis), क्रोनिक गैस्ट्रिटिस (Chronic gastritis), एच. पाइलोरी इंफेक्शन (H. pylori infection), एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) एवं बाइल रिफ्लक्स (Bile reflux) को समझकर अलग-अलग तरह से इलाज करते हैं। 

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया समस्या से बचाव कैसे संभव है? (Tips to prevent Intestinal Metaplasia)

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया से बचाव के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:

    1. अगर आप स्मोकिंग (Smoking) या एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करते हैं, तो इनका सेवन ना करें।
    2. एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) या ऐसी किसी भी परेशानियों के लक्षण को इग्नोर ना करें।
    3. ध्यान रखें डायट में फैट (Fat) और नमक (Salt) का सेवन कम से कम करें।
    4. डायट में नुट्रिएंट्स (Nutrients) एवं एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) फूड को रोजाना शामिल करें।

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया समस्या से बचाव के लिए इन 4 बातों का ध्यान रखें और खाने-पीने की चीजों का विशेष ध्यान रखें।

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    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के मरीजों को किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन-किन चीजों का नहीं? (Food to eat and avoid if you have Intestinal Metaplasia)

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के मरीजों को निम्नलिखित खाने-पीने की चीजों का सेवन करना चाहिए। जैसे:

    • सेब (Apples)
    • एप्रिकॉट्स (Apricots)
    • केल (kale)
    • केला (Bananas)
    • बेरीज (Berries)
    • ब्रोकली (Broccoli)
    • चेरीज (Cherries)
    • कोका (Cocoa) और डार्क चॉकलेट (Dark chocolate)
    • लहसुन (Garlic)
    • अंगूर (Grapes)
    • ग्रीन टी (Green tea)
    • हर्ब्स (Herbs)
    • आम (Mangoes)
    • नट्स (Nuts)
    • प्याज (Onions)
    • पीच (Peaches)
    • प्लम्स (Plums)
    • सीड्स (Seeds)
    • स्पाइसेस (Spices)
    • स्वीट पोटैटो (Sweet potatoes)
    • टमाटर (Tomatoes)
    • व्होल-ग्रेन-सीरियल्स (Whole-grain cereals)

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    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के मरीजों को निम्नलिखित खाने-पीने की चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे:

    • बारबेक्यू सॉस (Barbeque sauce)
    • केचअप (Ketchup)
    • ऑलिव्स (Olives)
    • अचार (Pickles)
    • प्रोसेस्ड मीट (Processed meats)
    • नमक वाले चिप्स (Salty chips)
    • सोया सॉस (Soy sauce)

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया के मरीजों को इन ऊपर बताये खाने पीने की चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

    इंटेस्टाइनल मेटाप्लासिया (Intestinal Metaplasia) या डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई परेशानी का इलाज आसानी से किया जाता है, लेकिन इसके लिए बीमारी के शुरुआती दिनों से ही डॉक्टर से कंसल्ट में रहने पर। अगर आप डायजेस्टिव हेल्थ से जुड़े किसी तरह के सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर अपना सवाल पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।

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