“मैंने लोगों को अपने नाखून खाते देखा है और आपने भी देखा ही होगा, लेकिन अगर मैं कहूं कि कुछ लोग तो अपने बाल भी खाते हैं तो”? जी हां, कुछ लोगों को अपने बाल भी खाने की आदत होती है। हालांकि ऐसा बेहद कम होता है। बाल खाने की आदत को मेडिकल टर्म में रेपन्जेल सिन्ड्रोम (Rapunzel Syndrome) कहा गया है। आज इस आर्टिकल में रेपन्जेल सिन्ड्रोम से जुड़ी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।
रेपन्जेल सिन्ड्रोम क्या है?
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के लक्षण क्या हो सकते हैं?
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के कारण क्या हैं?
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के रिस्क फेक्टर क्या हैं?
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के से क्या-क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?
रेपन्जेल सिन्ड्रोम का निदान कैसे किया जाता है?
रेपन्जेल सिन्ड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है?
चलिए इस गंभीर समस्या के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।
ट्रिचोबेजोअर, रेपन्जेल सिन्ड्रोम के लिए अलग टर्म है, जिसे रेपन्जेल सिन्ड्रोम कहते हैं। रेपन्जेल सिन्ड्रोम की स्थिति तब बनती है जब लोग बाल निगल लेते हैं (बाल चाबते-चाबते खा लेते हैं) कि उनके पेट में बाल (Hair) की एक गेंद बन जाती है, जिसे बीजर (Bezoar) कहते हैं। ट्रिचोबेजोअर की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होने की संभावना होती है और रेपन्जेल सिन्ड्रोम को रेयर हेल्थ कंडिशन (Health condition) की लिस्ट में शामिल किया गया है। रेपन्जेल सिन्ड्रोम की आदत बचपन और किशोर महिलाओं में तकरीबन 30 वर्ष से कम की महिलाओं में देखी जा सकती है।
स्कैल्प पर बाल झड़ने के पैच (Patchy hair loss on the scalp) नजर आना।
बाल चबाना या बाल खाना।
बालों को ट्विस्ट करते रहना।
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के लक्षण बाल चबाने के साथ-साथ ऊपर बताये लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
नोट: कभी-कभी टेंशन या एंग्जाइटी के कारण लोग अपने नाखून या बालों को चबाना शुरू कर देते हैं। इसलिए अगर एंग्जाइटी जैसी स्थिति बन रही है, तो इसे कंट्रोल करें। अपने करीबियों से अपनी परेशानियों को शेयर करें। ऐसा करने से टेंशन कम होने के साथ-साथ शरीर पर तनाव या एंग्जाइटी की वजह से शुरू होने वाली समस्या को रोकने या बचने में मदद मिल सकती है।
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के कारण क्या हैं? (Cause of Rapunzel Syndrome)
रेपन्जेल सिन्ड्रोम की समस्या इंजेशन के कारण होती है। रेपन्जेल सिन्ड्रोम को कंपल्सिव डिसऑडर (Compulsive disorder) भी माना जाता है, क्योंकि इस कंडिशन में लोग अपने बालों को खींचते रहते हैं और फिर उन्हें चबाना और खाना शुरू कर देते हैं। रेपन्जेल सिन्ड्रोम के कारण और भी अन्य स्थितियों जैसे ट्रीकोटिलोमेनिया (Trichotillomania), ट्राइकोफैजिया (Trichophagia) एवं पिका (Pica) को भी माना गया है।
ट्रीकोटिलोमेनिया (Trichotillomania)- खुद के बालों को खींचना और ट्रीकोटिलोमेनिया की स्थिति में लोग बिना बाल खींचे रह नहीं सकते हैं।
ट्राइकोफैजिया (Trichophagia)- अपने बालों को खाना।
पिका (Pica)- मिट्टी, चॉक या पेंट जैसी अजीबोगरीब चीजें खाने का शौक होना।
ट्रिचोबेजोअर यानी रेपन्जेल सिन्ड्रोम इन कारणों को समझकर इस बीमारी से बचने में मदद मिल सकती है।
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के रिस्क फेक्टर क्या हैं? (Risk factor of Rapunzel Syndrome)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार रेपन्जेल सिन्ड्रोम के रिस्क फेक्टर इस प्रकार हैं-
रेपन्जेल सिन्ड्रोम से क्या-क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं? (Complication of Rapunzel Syndrome)
नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार रेपन्जेल सिन्ड्रोम का इलाज अगर ना करवाया जाए, तो इससे निम्नलिखित परेशानियों का खतरा बढ़ सकता है। जैसे:
ऑब्स्ट्रक्टिव जॉन्डिस (Obstructive jaundice)-ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस (Obstructive Jaundice) एक ऐसी अवस्था है जिसमें लिवर के बाहर पित्त के बहाव में रुकावट होती है। इससे खून में अतिरिक्त पित्त निर्माण होता है और शरीर से पित्त का उत्सर्जन भी बाधित होता है।
मेकेनिकल स्मॉल बॉवेल ऑब्स्ट्रक्शन (Mechanical small bowel obstruction)-इंटेस्टाइन में ब्लॉकेज की समस्या होना।
स्मॉल बॉवेल म्यूकोसल एरोशन एवं अल्सरेशन (Small bowel mucosal erosion and ulceration)- कोलोन (Colon) या लार्ज इंटेस्टाइन (Large intestine) में अल्सर की समस्या होना।
स्मॉल बॉवेल परफोरेशन (Small bowel perforation)- स्मॉल इंटेस्टाइन small intestine या कोलोन colon के वॉल में छेद होना।
पेरिटोनिटिस (Peritonitis)-इंटेस्टाइन में होल या लीकेज होना।
एक्यूट पैंक्रियाटिटीज (Acute pancreatitis)- पैंक्रियाज में एंजाइ होना।
इन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए रेपन्जेल सिन्ड्रोम के लक्षण (Rapunzel Syndrome Symptoms) नजर आने पर इसे इग्नोर ना करें।
रेपन्जेल सिन्ड्रोम का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Rapunzel Syndrome)
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) और बीमारी से जुड़े लक्षणों के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर इस दौरान पेशेंट से बात करते हुए मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) एवं दवाओं (Medicine) के सेवन की भी जानकारी लेते हैं। इन सभी बातों को समझने के बाद निम्नलिखित टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। जैसे:
रेपन्जेल सिन्ड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Rapunzel Syndrome)
अगर पेशेंट ने बालों को चाबते हुए खा लिया है, तो ऐसी स्थिति में सर्जरी ही एक मात्र विकल्प है। इसलिए अगर कोई भी व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित हैं, तो इसे इग्नोर ना करें और व्यक्ति को ऐसा ना करने के लिए व्यक्ति को समझएं।
नोट: रेपन्जेल सिन्ड्रोम (Rapunzel Syndrome) की वजह से व्यक्ति बालों को चबाते-चबाते खा लेते हैं, जिससे बालों का गुच्छा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में इक्क्ठा होने लगता है। बालों का यही गुच्छा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal tract) को ब्लॉक कर सकता है। ह्यूमन डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) बालों को डायजेस्ट नहीं कर सकता है।इसलिए इसे सर्जरी के जरिए ही इसे निकाला जाता है।
रेपन्जेल सिन्ड्रोम के कुछ केसेस दूसरे देशों के साथ-साथ भारत में भी देखे गए हैं। रेपन्जेल सिन्ड्रोम (Rapunzel Syndrome) की समस्या के कारण डॉक्टर को सर्जरी करनी पड़ी। इसलिए इस परेशानी को समझना जरूरी है, क्योंकि ऐसा ना हो कि अनजाने में आपका ही कोई करीबी इसका शिकार हो जाए।
अगर आप रेपन्जेल सिन्ड्रोम (Rapunzel Syndrome) से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे।रिपुंजल सिंड्रोम (Rapunzel Syndrome) की समस्या कई बार एंग्जाइटी या डिप्रेशन के कारण होती है और बदलते वक्त में ज्यादातर लोग किसी ना किसी कारण से तनाव में रहते हैं, जो अनजाने में डिप्रेशन की समस्या को भी दस्तक दे सकती है। इसलिए इसलिए इस स्ट्रेस भरी लाइफ में स्ट्रेस फ्री रहने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर डिप्रेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।
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