डिप्रेशन (Depression) क्या है?
डिप्रेशन (Depression) या अवसाद, जिन्हें मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर और क्लिनिकल डिप्रेशन के तौर पर भी जाना जाता है, वह मूड डिसॉर्डर है, जिसमें व्यक्ति लगातार उदास रहता है और उसका बाकी चीजों से दिल हटने लगता है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति के मन में सुसाइड करने तक के भी ख्याल आने लगते हैं। अगर आपको डिप्रेशन के लक्षण दिखें, तो अपने डॉक्टर का संपर्क करने में देरी न करें।
डिप्रेशन कितना कॉमन है? (How common is depression)
डिप्रेशन या अवसाद एक कॉमन कंडिशन है। रिसर्च के मुताबिक, तकरीबन 80 प्रतिशत लोगों किसी भी उम्र में डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा सामान्य होता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर का संपर्क करे।
जानिए डिप्रेशन (Depression) के लक्षण
डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Depression)
डिप्रेशन के लक्षण हर किसी मे अलग तरह के हो सकते हैं। जैसे, बहुत ज्यादा सोना या फिर किसी को भूख न लगने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, डिप्रेशन के अन्य कई लक्षण हो सकते हैं :
- किसी भी काम में ध्यान नहीं लगा पाना।
- उदास रहना अकेलापन महसूस।
- ऐसा महसूस होना कि भविष्य अच्छा नहीं है।
- बैचेनी महसूस होना।
- सेक्स में इंट्रेस खोना।
- गंभीर डिप्रेशन में सुसाइड के विचार आते हैं।
- ऊपर दिए गए कुछ लक्षण हो सकते हैं। अगर आप किसी लक्षण से परेशान हैं, तो आप अपने डॉक्टर का संपर्क करें।
और पढ़ें: Hernia : हर्निया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको डिप्रेशन के कोई लक्षण नजर आता है, तो जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर को संपर्क करें। अगर आपको इलाज करवाने की इच्छा भी नहीं होती, तो अपने दोस्त या घर में किसी से बात करें। अगर आपको लगता है कि आप खुद को चोट पहुंचा सकते हैं या सुसाइड का प्रयास कर सकते हैं, तो तुरंत लोकल एमरजेंसी नंबर पर कॉल करें।
सुसाइड (suicide) के ख्याल आने पर इन बातों पर भी ध्यान दें, जैसे:
- अपने प्राइमरी डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से मदद लें।
- अपने करीबी दोस्त के पास रहें।
अगर आपके किसी दोस्त को सुसाइड (suicide) करने का खतरा है या उसने सुसाइड का प्रयास किया है:
- सुनिश्चित करें कि वो दोस्त किसी न किसी के साथ रहता हो।
- तुरंत अपने लोकल इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें।
- उस व्यक्ति को नजदीकी इमरजेंसी हॉस्पिटल में सुरक्षित ले जा सकते हैं।
जानिए डिप्रेशन (Depression) के कारण (Causes of depression)
डिप्रेशन यानी अवसाद के नीचे बताए गए कारण हो सकते हैं :
जीन : जिन लोगों के फैमिली में डिप्रेशन की हिस्ट्री है, उन लोगों को इसकी आशंका ज्यादा हो सकती है।
ब्रेन कैमिस्ट्री : डिप्रेशन से ग्रसित लोगों में बिना बीमारी के ब्रेन केमिस्ट्री अलग होती है।
स्ट्रेस : प्यार में धोखा, रिलेशनशिप में समस्या आदि डिप्रेशन या अवसाद के कारण बन सकते हैं।
जानिए डिप्रेशन के जोखिम फैक्टर (risk factors for depression)
20 से 30 की उम्र के दौरान डिप्रेशन की समस्या शुरू हो सकती है। लेकिन, यह किसी भी उम्र में हो सकता है। पुरुष से ज्यादा महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
नीचे दिए गए कारण डिप्रेशन को बढ़ाने या डिप्रेशन होने का कारण बन सकते हैं :
- मेंटली हेल्थ डिसऑर्डर जैसे इटिंग डिसऑर्डर और पोस्ट-ट्रॉमेटिक ट्रेस डिसऑर्डर।
- एल्कोहॉल या गलत दवाओं उपयोग करना।
- कुछ पर्सनली लक्षण जैसे लो सेल्फ-एस्टीम,खुद पर डिपेंडेंट,सेल्फ-क्रिटिकल,पेसिमिस्टिक।
- गंभीर या पुरानी बीमारी, कैंसर सहित, स्ट्रोक, पुराने दर्द या हृदय रोग।
- कुछ दवाएं, जैसे कुछ हाई ब्लडप्रेशर वाली दवाएं या नींद की गोलियां (किसी भी दवा को रोकने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें)।
- दर्दनाक या तनावपूर्ण घटनाओं जैसे कि शारीरिक या यौन शोषण, किसी अपने की डेथ या खोना, डिफिकल्ट रिलेशनशिप,फाइनेंशियल प्रॉब्लम।
- डिप्रेशन हिस्ट्री वाले के साथ ब्लड रिलेशन,बाइपोलर डिसऑर्डर आदि।
और पढ़ें: डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? आयुर्वेद के अनुसार क्या करें और क्या न करें?
निदान और उपचार
डिप्रेशन (Depression) का निदान और उपचार:
दी गई जानकारी किसी मेडिकल एडवाइज का विकल्प नही है, ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर का संपर्क करें।
दी गई जानकारी किसी मेडिकल एडवाइज का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
डिप्रेशन का निदान कैसे किया जाता है?(diagnosis for depression)
ज्यादातर डॉक्टर आपके लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री जानकर इसकी जांच करते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर कुछ और टेस्ट जैसे ब्लड टेस्ट, मानसिकता की जांच कर सकते हैं।
और पढ़ें: लाफ्टर थेरेपी : हंसो, हंसाओं और डिप्रेशन को दूर भगाओं
डिप्रेशन (Depression) का इलाज कैसे किया जाता है?
डिप्रेशन का इलाज (Treatment for Depression)
आमतौर पर, डिप्रेशन के इलाज में दवाओं और इलेक्ट्रोकंवल्सिव थैरिपी (electroconvulsive therapy) का उपयोग किया जाता है। इस्तेमाल की जाने वालीं दवाएं एंटीडिप्रेसेंट हैं। कुछ और सामान्य दवाएं हैं जैसे एसिटालोप्राम (escitalopram), पैरोक्सेटीन (paroxetine), सेराट्रलीन (sertraline), फ्लुओक्सेटिन (fluoxetine) और सीटालोप्राम (citaloppram)। ये सेलेक्टिव सेरोटोन रीपटेक इनहिबिटर (SSRI) हैं। वहीं, वेनलाफैक्सीन (venlafaxine), डुलोक्सेटीन (duloxetine) और बुप्रोपियन (bupropion) हैं। इन दवाओं से कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे:
- वजन बढ़ना
- सेक्शुअल प्रॉब्लम
- जी-मिचलाना
साइकोथैरिपी भी डिप्रेशन के इलाज में मदद करती हैं। साइकोथैरिपी नए तरीकों को सोचने, बर्ताव करने और आदतों को बदलने में मदद करती है। यह थैरिपी आपको मुश्किल रिलेशनशिप या हालत को समझने में मदद कर करती है।
इलेक्ट्रोकंसल्सिव थैरिपी गंभीर डिप्रेशन या अवसाद के लिए होती है, जिसका इलाज करना बहुत मुश्किल है। ऐसे डिप्रेशन में दवा भी असर नहीं कर पातीं। इलेक्ट्रोकंसल्सिव थैरेपी (ECT) का उपयोग कभी-कभी किया जाता है। हालांकि, पहले ईसीटी को खराब माना जाता था। लेकिन, इसमें काफी सुधार हुआ है और यह उन लोगों के लिए अच्छा है, जिनके लिए और कोई ट्रीटमेंट काम नहीं करता।
हालांकि, ईसीटी साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, जैसे कन्फ्यूजन होना, याद्दाश्त कमजोर पड़ना आदि। हालांकि, ये इफेक्ट आमतौर पर कम समय के लिए होते हैं, लेकिन वे कभी-कभी तकलीफ देते हैं।
स्टाइल में बदलाव और घरेलू उपचार:
लाइफस्टाइल में बदलाव या घरेलू उपचार क्या हैं जो मुझे डिप्रेशन (Depression) को निपटने में मदद कर सकते हैं?
नीचे दिए गए लाइफस्टाइल और घरेलू उपचार आपको डिप्रेशन (Depression) या अवसाद से निपटने में मदद कर सकते हैं
- किसी से अलग न रहना
- अपनी ज़िंदगी को आसान बनाएं
- रेग्युलर व्यायाम करें
- हेल्दी खाना खाएं
- अपने तनाव को शांत और मैनेज करने के तरीके जानें।
- जब आप डाउन हों तब जरूरी डिसीजन न लें।
- अपने लक्षणों को बदतर होने पर अपने डॉक्टर को बुलाएं।
- अगर आपको अपनी दवाओं से साइड इफेक्ट होते हैं, तो अपने डॉक्टर को बुलाएं।
- अगर आपको किसी और व्यक्ति को मारने या चोट पहुंचाने के बारे में आत्मघाती विचार आते है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाएं।
- अगर आपके मन में स्पाइकोटिक लक्षण हों, जैसे आवाजें सुनना, कोई ऐसी चीज न देखना, जो आपको अजीब लग रही हो, या पागल महसूस कर रही हो,तो तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाएँ।
डिप्रेशन या अवसाद से लड़ने के लिए या बचने के लिए इन ऊपर बताये घरेलू उपायों के साथ-साथ डायट पर भी ध्यान देना बेहद आवश्यक होता है। इसलिए अपने डायट में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जैसे:
काजू: डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को या मेंटल हेल्थ को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए रोजाना काजू का सेवन करें। आप 5 से 6 काजू या इसके पाउडर को दूध में मिलकर रोजाना पीने की आदत डालें।
सेब: कहते हैं ‘एप्पल ए डे कीप्स दी डॉक्टर अवे’ इसलिए रोजाना एक सेब का सेवन खाली पेट करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है।
नींबू: नींबू को आयुर्वेद में बेहद गुणकारी औषधी के रूप में जाना जाता है। रिसर्च के अनुसार नींबू के रस में हल्दी पाउडर और शहद को एकसाथ मिलाकर पीने से लाभ मिल सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि इनकी मात्रा ज्यादा न हों।
डिप्रेशन के घरेलू उपाय में इन ऊपर बताये तीन उपायों के अलावा डिप्रेशन के अन्य घरेलू उपायों अपनाने से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर बात करें।
एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक चम्मच शहद, दो कप पानी इन सब को एक बर्तन मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें और इसे पी लें। नियमित रूप से इसके सेवन से अवसाद से निकलने में मदद मिलती है।
और पढ़ें: डिप्रेशन को छूमंतर करने के लिए लें होम्योपैथी का सहारा
अगर आपके मन में डिप्रेशन (Depression) से जुड़ा कोई सवाल है और जिनका समाधान या जवाब जानना चाहते हैं, तो आपने डॉक्टर का संपर्क करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और डिप्रेशन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।