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Women Stood up for Women: महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ!

Women Stood up for Women: महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ!

स्त्री का दर्जा सबसे बड़ा माना जाता है, क्योंकि एक महिला मां, बेटी, अर्धांग्नी होने के साथ-साथ अब तो महिलाएं पर्स्नल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को बड़े अच्छे से बैलेंस करती नजर आ रहीं हैं। हालांकि कुछ कारणों से महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन कठिन परिस्थितयों में एक महिला दूसरी महिला का सहारा बन आज देश में एक मिशाल कायम करती नजर आ रही हैं। महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ (Women Stood up for Women) आज उन्हें के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।      

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महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ (Women Stood up for Women)

महिलाओं को कुछ ऐसी परेशानियों को सामना करना पड़ा, जिनमें महिलाओं से एक-दूसरे का साथ दिए। इसलिए #मीटू (#MeToo), #मुरैना (#Morena), #हिजा  (#Hija), #नोटूबॉडीशेमिंग (#NoToBodyShaming) और #ब्यूटीबीओंडसाइज (#BeautyBeyondSize) के बारे में एक-एक कर जानेंगे। वैसे तो हम आपके साथ किसी ना किसी हेल्थ कंडिशन के बारे में जानकारी शेयर करते हैं, जिससे आप अपना और अपने चाहने वालों को हेल्दी रहने में मदद करें। लेकिन जरा सोचिए की किसी के चुनौती पूर्ण समय में साथ देना कितना जरूरी है। ऐसा कर आप किसी को मेंटली स्ट्रांग रहने में या मानसिक रूप से स्ट्रॉन्ग बनने में मदद करेंगे। तो चलिए जानते हैं इन हैसटैग मूवमेंट्स के बारे में जिससे आपभी आने वाले वक्त में किसी के सपोर्ट में खड़ी हो सकें।  

महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ: #मीटू (#MeToo) 

महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ (Women Stood up for Women)

#मीटू (#MeToo) मूवमेंट की शुरुआत साल 2017 के अक्टूबर महीने में शुरू हुई। #मीटू (#MeToo) मूवमेंट के तहत यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) की शिकार हुई महिलाओं का साथ देना और इस बारे में खुलकर बोलने की ताकत देना है। भारत में बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर पर लगाया। तभी से भारत में #मीटू में तेजी आ गई। हालांकि #मीटू की फाउंडर अमेरिकन एक्टिविस्ट तराना बुर्के (American activist Tarana Burke) हैं। इस हैशटैग मीटू मूवमेंट में अभिनेत्री तनुश्री दत्ता का साथ महिलाओं ने खूब दिया और अब यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) जैसे विषय पर महिलाएं खुलकर बोलने लगी हैं और स्थिति को छुपाती नहीं हैं। इससे जहां अब ऐसी घटायें कम देखने को मिल रहीं हैं, तो वहीं महिलाएं मेंटली स्ट्रॉन्ग भी महसूस करती हैं। 

महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ: #नोटूबॉडीशेमिंग (#NoToBodyShaming)

महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ (Women Stood up for Women)

हैशटैग नो बॉडी शेमिंग की शुरुआत करने का मुख्य मकसद था शरीर की बुराइयों को रोकना। अक्सर महिलाएं बढ़ते वजन, जरूरत से कम वजन एवं डार्क स्किन टोन की वजह से चर्चा का विषय बन जाती हैं। इसे के विरोध में #नोबॉडीशेमिंग (#NoToBodyShaming) की शुरुआत हुई। इस मुहीम में एक्ट्रेस विद्या बालन, नेहा परुलेकर और हरनाम कौर जैसी महिलाएं हैं जो महिलाओं का साथ दे रहीं हैं।

महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ: #ब्यूटीबीओंडसाइज (#BeautyBeyondSize)

महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ (Women Stood up for Women)

बॉडी के साइज को लेकर दिल्ली की एक लड़की कम उम्र से ही परेशानियों का सामना कर रही थी और यह परेशानी देने वाला कोई और नहीं बल्कि सोसाइटी ही थी। हालांकि सोनम राज वर्मा ने #ब्यूटीबीओंडसाइज (#BeautyBeyondSize) पर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहीं हैं और महिलाएं भी इस मुहीम में जोड़कर दूसरी महिलाओं का हौसला बढ़ा रहीं।

ऐसे ही कई अलग-अलग तरह हैशटैग मूवमेंट के शुरुआत हाल के दिनों में शुरू हुई हैं, जो महिलाओं का मनोबल बढ़ा रहीं हैं। इन अलग-अलग हैशटैग मूवमेंट का मकसद यही होता है कि इस बदलते वक्त में महिलाएं आगे बढ़ें और जब महिलाएं घर संभालते हुए अब ऑफिस को भी बड़े अच्छे से संभालते हुए आगे बढ़ रहीं हैं, तो क्यों ना हमें एक-दूसरे का साथ देना चाहिए। ज्यादातर महिलाओं का यही मानना है कि हमें एक-दूसरे का साथ देना चाहिए जिससे हमारी तरक्की होने के साथ-साथ दूसरी महिलाएं भी जीवन में आगे बढ़ सके।

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महिलाएं अपने मेंटल हेल्थ का ख्याल कैसे रख सकती हैं?

महिलाएं जिन्होंने महिलाओं का दिया साथ, यह तो हम समझ गयें हैं, लेकिन खुद को मेंटली स्ट्रॉन्ग रखने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे:

  • आप मोटी हों या आपका स्किन टोन डार्क हो इसे खुद स्वीकार करें।
  • रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लें
  • पौष्टिक आहार का सेवन करें।
  • पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • एक्सरसाइज या योगासन को अपने दिनचर्या में शामिल करें।
  • आपने लिए वक्त निकालें।
  • एक्टिव रहें।
  • एक-दूसरे का साथ दें।

इन बातों को ध्यान रखें और हेल्दी रहें।

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मैंने अक्सर लोगों से यह कहते हुए सुना है कि महिलाएं ही महिलाओं की दुश्मन होती हैं, लेकिन कहते हैं वक्त बदलते देर नहीं लगती और अब वो वक्त आ चूका है जब महिलाओं को एक-दूसरों का साथ देना चाहिए। देश में महिलाओं के विरुद्ध कई घटना घटी, लेकिन हैशटैग मीटू मूवमेंट ने जिस तरह से महिलाओं को आवाज उठाना सिखाया है वो बेहद ही काविले तारीफ है। हैलो स्वास्थ्य भी इस ओर महिलाओं का ध्यान आकर्षित करना चाहता है, जिससे महिलाएं अपने आपको और ज्यादा स्ट्रॉन्ग समझें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Mental health/https://www.womenshealth.gov/mental-health/Accessed on 23/02/2022

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Local Organizations With Mental Health Expertise/https://www.mentalhealth.gov/talk/community-conversation/services/Accessed on 23/02/2022

Mental Health and Mental Disorders/https://health.gov/healthypeople/objectives-and-data/browse-objectives/mental-health-and-mental-disorders/Accessed on 23/02/2022

Current Version

24/02/2022

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/02/2022

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