प्रोस्ट्रेट ग्रंथि में सूजन या जलन को हम प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) कहते हैं। ये बीमारी आपको जीवन में किसी भी उम्र में हो सकती है हालांकि वयस्क लोगों में इसके होने की सम्भावना कई गुना ज्यादा होती है। पुरुषों के ब्लेडर के निचले हिस्से में होता है। इससे बनने वाला तरल पदार्थ 50 से 75 प्रतिशत सीमेन का निर्माण होता है। पुरुषों की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है वैसे ही प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार भी बढ़ता जाता है। कई लोगों को यूरिन के दौरान परेशानी भी होने लगती है। रिसर्च के अनुसार यूरिन के दौरान समस्या प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) के साथ-साथ अन्य कारणों की वजह से भी हो सकती है। कई बार पुरुषों को इस कारण परेशानी भी होती है। अगर किसी भी पुरुष को यूरिन के दौरान कोई भी समस्या जैसे यूरिन ठीक से न होना या आपका इसपर कंट्रोल न होने की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कई बार लोग ऐसी परेशानी को टाल देते हैं, जो शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) तीन तरह के होते हैं।
इस संक्रमण से प्रोस्ट्रेट ग्लैंड में सूजन (Swelling Prostate gland) हो जाती है लेकिन, कुछ समय बाद ये ठीक भी हो सकता है। किसी भी बीमारी के एक्यूट होने का अर्थ यही है कि उसके कारण का इलाज होने पर दोबारा होने की संभावना कम होती है।
इस बीमारी के एक बार होने के बाद इसके लक्षण बहुत दिनों तक रहेंगे और एक बार के लिए अगर ये गायब भी हो जाते हैं तब भी कुछ समय बाद ये वापस आ सकते हैं। इसके साथ ही यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण ( UTI ) की भी संभावना रहती है।
बैक्टीरिया (Bacteria) के अलावा किसी भी चीज से होने वाले संक्रमण को बैक्टीरियल संक्रमण कहते है।
प्रोस्टेटाइटिस का खतरा हर उम्र में हो सकता है लेकिन 50 की आयु से ज्यादा वाले पुरुषों में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है।
प्रोस्टेटाइटिस की परेशानी समझ आने पर बिना देर किये और सही इलाज के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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प्रोस्टेटाइटिस के आम लक्षण क्या हो सकते हैं ? (Symptoms of Prostatitis)
इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
ऊपर बताये लक्षणों के नजर आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें की हर व्यक्ति का शरीर अलग स्थिति में अलग तरीके से व्यवहार करता है। इसलिए अपने शरीर के अनुसार सही इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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प्रोस्टेटाइटिस के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे कि E.coli बैक्टीरिया से संक्रमण (Bacterial infection) होना। ये बैक्टीरिया कई बार प्रोस्ट्रेट ग्रंथि के आसपास छुप भी जाते हैं जिसकी वजह से संक्रमण दोबारा होता है और ये क्रोनिक संक्रमण (Chronic infection) का रूप ले लेता है।
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यहाँ दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। अपनी स्थिति के अनुसार सही जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
प्रोस्टेटाइटिस की जांच कैसे की जा सकती है ? (Diagnosis of Prostatitis)
शारीरिक जांच और मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) के आधार पर प्रोस्टेटाइटिस का इलाज किया जा सकता है। अत्याधिक सूक्ष्म और सटीक जानकारी के लिए डॉक्टर आपकी रेक्टल जांच भी कर सकते हैं।
प्रोस्टेटाइटिस का इलाज कैसे किया जा सकता है ? (Treatment for Prostatitis)
प्रोस्टेटाइटिस का इलाज उसके कारणों पर निर्भर करता है। नीचें लिखे गए कुछ इलाजों में से कोई एक आपके काम आ सकता है :
प्रोस्टेटाइटिस का इलाज ऊपर बताये गये तरीकों से इसका इलाज किया जाता है। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको प्रोस्टेटाइटिस के इलाज के बारे में जानकारी चाहिए तो डॉक्टर से जरूर पूछें।
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जीवनशैली में किन बदलावों और घरेलू नुस्खों की मदद से प्रोस्टेटाइटिस का इलाज किया जा सकता है :
इस बीमारी को ठीक होने में एक से दो महीने का वक्त लग सकता है। एंटीबायोटिक (Antibiotic) की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है। इसका सही तरह से इलाज किया गया तो पुराणी संक्रमण (Infection) की समस्या भी ठीक हो सकती है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आप प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
डिस्क्लेमर
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