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अधिक तनाव के कारण पुरुषों में बढ़ सकता है, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का खतरा

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/07/2022

    अधिक तनाव के कारण पुरुषों में बढ़ सकता है, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का खतरा

    अवसाद या तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) दो ऐसे शब्द हैं, जो हेल्थ और रिश्ते (Relationship) भी बर्बाद कर देते हैं। अवसाद लोगों पर शारीरिक (Physically) और मानसिक (Mentally) दोनों ही रूप से बुरा असर छोड़ता है। अत्यधिक अवसाद शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) को धीमा कर हार्मोन्स (Hormones) पर बुरा प्रभाव छोड़ते हैं। तनाव व्यक्ति को अंधेरे की ओर ले जाकर उसे आत्महत्या (Suicide) तक करने पर मजबूर कर देता है। अवसाद के कारण व्यक्ति को कई बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। इनमें से एक है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction)।

    अमेरिका में 20 साल की उम्र से ज्यादा के18 मिलियन से अधिक नौजवानों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानि स्तंभन दोष एक आम समस्या है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण सिर्फ उम्र ही नहीं बल्कि इसके कई प्राकृतिक और अप्राकृतिक कारण भी हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षणों और कारणों को आसानी से पहचाना जा सकता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शारीरिक और मानसिक दोनों ही कारण हो सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के सबसे आम कारणों में साइकोलॉजिकल फैक्टर अधिक होते हैं। साइकोलॉजिकल कारणों में भावनात्मक रूप से पड़ने वाले प्रभाव का आसानी से इलाज किया जा सकता है।

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    अवसाद, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन(Erectile Dysfunction) के लिए एक जोखिम

    व्यक्ति का लगातार अवसाद में रहना और व्यवहार में चिड़चिड़ापन उसके लिए मानसिक रूप से जोखिमभरा होता है, इससे शरीर में कई तरह की बीमारियों जन्म लेती हैं जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बनती हैं। जैसे…

    इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए कैसे जिम्मेदार है अवसाद (Erectile Dysfunction and Stress)

    व्यक्ति में तीन तरह के इरेक्शन नजर आते हैं। पहला रिफ्लेक्सिव (Reflexive) (शारीरिक उत्तेजना के कारण), दूसरा साइकोजेनिक (Psychogenic) (विजुअल या मानसिक ग्रुप के कारण) और तीसरा नोक्टुरनल (Nocturnal) (रात को होने वाला)। इन तीनों इरेक्शन में व्यक्ति का फिजिकल सिस्टम और प्रोसेज शामिल होता है। इनमें से किसी एक में भी दिक्कत होने पर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या पैदा होने लगती है। जिसमें, नर्वस सिस्टम, रक्त वाहिकाएं, मांसपेशियां, हाॅर्मोन्स और भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। मेंटल हेल्थ के लिहाज से देखा जाए तो अवसाद सीधे दिमाग पर अटैक करता है, जो इरेक्शन की अवस्था में इसे काम करने से रोकता है और इस कारण लिंग में रक्त का प्रवाह तेजी से नहीं हो पाता है, जिसके कारण व्यक्ति के सामने सेक्स संबंधी कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं।

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    अवसाद के बड़े कारण

    व्यक्ति को रोजाना किसी न किसी शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिसका बड़ा कारण अवसाद ही है। व्यक्ति के जीवन में अवसाद के कई कारण हो सकते हैं जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसे बीमारी को पैदा करते हैं।

    • बेरोजगारी और जॉब जाने का डर
    • पारिवारिक समस्याएं और आपसी कलह
    • लंबे समय से बीमार रहना
    • प्रेमिका के बिछड़ने से होने वाला तनाव
    • उम्र बढ़ने का डर
    • मानसिक रूप से बीमार
    • जरूरत से ज्यादा सोचना
    • आर्थिक बोझ और तंगी
    • अनहेल्दी लाइफस्टाइल
    • पोषणयुक्त आहार की कमी

    एक शोध के मुताबिक, पोस्टट्रूमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर (Post Traumatic Stress Disorder) से यौन रोग के जोखिम का खतरा तीन गुना अधिक बढ़ चुका है। वहीं, लंबे समय तक तनाव लेने के कारण शरीर में शुक्राणुओं पर भी बुरा असर पड़ता है, जिसके कारण कई शरीर में कई तरह के रोग जन्म ले सकते हैं, जो इरेक्शन डिस्फंक्शन का कारण बनते हैं।

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    स्वास्थ्य के लिहाज से अवसाद और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हानिकारक

    तनाव शरीर में कई तरह की समस्याओं को पैदा करता है। साल 2013 में हुए एक शोध के मुताबिक, तनाव के कारण हुए इरेक्टाइल डिस्फंक्शन भविष्य में कार्डियोवैस्कुलर बीमारी का जोखिम बढ़ाता है। इसके अलावा शरीर में नीचे दी गईं बीमारियां भी घेरने लगती हैं।

    • वैस्कुलर डिसीज (Vascular Disease)
    • टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिरना
    • मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome)
    • प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ना
    • डायबिटीज
    • नर्व डैमेज (Nerve Damage)

    इसके अलावा अवसाद कुछ ऐसी आदतों को अपनाने पर मजबूर कर देता हैं, जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को बढ़ावा देते हैं। जैसे..

    • ड्रग्स का सेवन करना
    • तंबाकू का सेवन
    • अत्यधिक शराब का सेवन
    • गतिहीन जीवनशैली

    साइकोलॉजिकल इरेक्टाइल डिस्फंक्शन भले ही समय के साथ चला जाता हो, लेकिन व्यक्तियों में इरेक्शन की समस्या फिर भी बनी रहती है। इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टर से उचित सलाह लें और इलाज करवाएं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज लोगों में अवसाद को देखते हुए किया जाता है।

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     इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज (Treatment of Erectile Dysfunction)

    इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए अवसाद पर भी काबू पाना बहुत जरूरी है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के पीछे कई तरह के कारण होते हैं। लेकिन मानसिक रूप से थेरेपी ही इसका बेस्ट ट्रीटमेंट माना जाता है।

    थेरिपी (Threaphy)

    इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से निजात पाने में थेरिपी बहुत मददगार साबित होती हैं। थेरेपी अवसाद के साथ-साथ इरेक्शन चक्र को भी जड़ से खत्म करती हैं।

    काउंसलिंग (Counseling)

    थेरिपी के लिए काउंसलिंग बहुत जरूरी होती है। इसमें अवसाद के लक्षण और उसके कारणों को पहचान उनसे निपटने के तरीकों के बारे में बताया जाता है।

    साइकोडायनेमिक थेरेपी (Psychodynamic Therapy)

    इसमें आमतौर पर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के मूल कारणों का पता लगाकर उनसे निपटा जाता है

    सेक्स थेरिपी (Sex Therapy)

    इस थेरेपी में उत्तेजना और यौन गतिविधि के बजाय सेंसेशनल प्लेजर (Sensational Pleasure) पर जोर दिया जाता है। इसका असल उद्देश्य हेल्दी सेक्स लाइफ का निर्माण कर तनाव को कम करना होता है।

    सेक्शुअल एनक्सीटी थेरिपी (Sexual Anxiety Therapy)

    इसमें डॉक्टर आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के बारे में खुलकर बताएंगे, जो आपको इस समस्या की गंभीरता को समझने में पूरी मदद करेगा। क्योंकि कई बार बीमारी के बारे में न पता होने के कारण भी इसके जोखिम बढ़ते ही रहते हैं। ऐसे में डॉक्टर ही इसके बारे में बताते हुए इलाज की सलाह देंगे।

    अवसाद और चिंता का वैकल्पिक उपचार

    आज के दौर में अवसाद और चिंता जैसी समस्या से निपटने के कई तरीके हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को फिट रखा जा सकता है। यहां बात करेंगे उन अल्टरनेटिव थेरेपी की, जो तनाव और चिंता को घटाने का काम कर सकती हैं।

    शरीर को आराम देने की अन्य आधुनिक तकनीकें

    एक शोध के अनुसार, योग लोगों को मानसिक रूप से मजबूत और शरीर को ऊर्जावान बनाता है। वहीं, मेडिटेशन ब्रेन केमिस्ट्री में सुधार कर तनाव को घटाने का काम करता है।

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     इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का आयुर्वेदिक इलाज और सप्लिमेंट

    नियमित रूप से दवाईयां लेने के कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या पैदा हो जाती है। इसलिए आयुर्वेदिक दवाईयों और सप्लीमेंट लेकर इसका निदान किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे इन चीजों को लेने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

  • विरेचन (Purgation)- इसमें औषधीय जड़ी बूटियों से व्यक्ति को दस्त लगाए जाते हैं
  • अश्वगंधा- यह जड़ी बूटी इम्यूनिटी सिस्टम और प्रजनन प्रणाली में सुधार करती है। यह कामउत्तेजना में ग्रोथ करती है।
  • गोक्षुरा- यह श्वसन प्रणाली, मूत्रमार्ग और इम्यूनिटी सिस्टम को ठीक करता है। इसमें दिल की क्षमता को बढ़ाने, मानसिक रूप से मजबूत बनाने वाली गुण होते हैं।
  • शिलाजीत- इसमें कामउत्तेजना बढ़ाने वाले गुण होते हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में इसका इस्तेमला बेहद लाभदायक माना जाता है। यह यौन कमजोरी को दूर करता है जिससे तनाव कम होने लगता है।
  • शतावरी- परिसंचरण, पाचन, और प्रजनन प्रणाली के लिए फायदेमंद शतावरी में भी कोमोत्तेजक गुण शामिल होते हैं। यह जड़ी बूटी पुरुष-महिला दोनों के लिए कारगार साबित होती है।
  • सप्लिमेंट- शरीर में भोजन से सभी विटामिन्स और प्रोटीन्स की कमी पूरी नहीं हो पाती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से सप्लिमेंट ले सकते हैं, जो आपके शरीर में विटामिन्स और प्रोटीन्स की कमी को पूरा करेगा।
  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के अन्य ट्रीटमेंट्स (Erectile Dysfunction other treatment)

    • डॉक्टर द्वारा सुझाई गईं दवाईयां
    • इंजेक्शन लगवाना
    • लिंग सपोसिटरी (Penis Suppository)
    • टेस्टोस्टेरोन प्रतिस्थापन (Testosterone Replacement)
    • पेनिस पंप (Vaccum Erection Device)
    • शिश्न का प्रत्यारोपण (Penile Implant)
    • रक्त वाहिकाओं की सर्जरी ( Blood Vessel Surgery)

    इसके अलावा तनाव कम करने इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर निपट सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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