परिभाषा
हाथ-पैर की तरह ही चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर भी हो सकता है। चेहरे की हड्डियों की सरंचना बहुत जटिल होती है और यह कई हड्डियों से मिलकर बनी होती है। इनमें से किसी भी हड्डी के टूटने को चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर कहा जाता है। चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर कितना गंभीर होता है और इसका किस तरह उपचार किया जाता है, जानिए इस आर्टिकल में।
चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) क्या है?
चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर या फेशियल फ्रैक्चर (Facial bone fracture) का मतलब है चेहरे की हड्डी का टूटना। हमारा चेहरे की हड्डियों की बनावट बेहद जटिल होती है। फेशियल स्केलेटन (कंकाल) माथे (फोरहेड), गाल की हड्डी (चीकबोन्स), ऑर्बिटल बोन्स (आई सॉकेट), नाक की हड्डी (नेसल बोन्स), ऊपरी और निचले जबड़े की हड्डियों से मिलकर बना है। इसके अलावा भी इसकी आंतरिक सरंचना में कई हड्डियां होती हैं। चबाने और निगलने में मदद करने वाली मांसपेशियां इन हड्डियों से जुड़ी होती है।
चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) में सबसे आम है नाक की हड्डी का टूटना। वैसे चेहरे की दूसरी हड्डियां भी टूट सकती हैं। चेहेर की कोई एक हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता है या एक साथ कई हड्डियां भी टूट सकती हैं। ऐसा सामान्य तौर पर मोटर गाड़ी से होने वाली दुर्घटना या अन्य गंभीर दुर्घटना के समय होता है। चेहरी की हड्डी टूटना चेहरे के एक तरफ या दोनों तरफ हो सकता है।
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लक्षण
चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर के लक्षण (Symptoms of facial bone fracture)
आपके चेहरे की किस हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है, लक्षण उस पर निर्भर करते हैं। वैसे दर्द, सूजन, नील आदि किसी भी तरह की हड्डी टूटने के लक्षण हो सकते हैं। चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) कहां हुआ है उसके आधार पर कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैः
नाक की हड्डी का टूटना (Nasal fracture)
– दर्द
-नाक से खून आना
– सूजन
– नाक के आसपास नील पड़ना
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माथे का फ्रैक्चर (Forehead fracture)
- फोरहेड अंदर की ओर धंसा हुआ दिख सकता है
- साइनस के आसपास दर्द
- आंखों में चोट लगना
चीकबोन/ऊपरी जबड़े का टूटना
- गाल सपाट दिखना
- आंख की रोशनी पर असर
- जबड़े के इस्तेमाल में दर्द होना
- आंख के नीचे या प्रभाविद हिस्से में संवेदना महसूस होना
जबड़े का टूटना (Jaw break)
- दर्द
- जीभ के नीचे चोट (यह हमेशा जबड़े के फ्रैक्चर का संकेत होता है)
- दांतों को एकसाथ नहीं ला पाना
- दांत टूटना या हिलना
- जबड़े या कान के नीचे चोट, सूजन या कोमलता महसूस होना
- निचले होंठ या गाल का सुन्न होना
आई सॉकेट फ्रैक्चर (Eye socket fracture)
इसमें आई सॉकेट की हड्डी शामिल है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब मुट्ठी, बॉल या किसी कठोर चीज से आंख पर जोर से आघात लगता है।
- कम या धुंधला दिखना
- आंखों का काला होना
- माथा, पलकें, गाल और ऊपरी होंठ/दांत सुन्न होना
- आंख के सफेद हिस्से का लाल होना या खून आना
- गाल या माथे पर सूजन
मिडफेस (Maxillary) फ्रैक्चर
इसका मुख्य लक्षण चेहरे पर सूजन या इसका विकृत होना है
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डॉक्टर को कब दिखाएं
चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर होने पर कब डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है?
यदि किसी व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखें तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाने या मेडिकल हेल्प की जरूरत होती हैः
- सांस लेने में दिक्कत
- दांतों को साथ लाने में परेशानी
- नाक से खून आ रहा हो
- बेहोश हो गया हो
- स्पष्ट रूप से नाक बह रही हो
- दृष्टि संबंधी समस्या जैसे धुंधला या दोहरा दिखना
- जबड़े के इस्तेमाल में दर्द होना
- सुनने में किसी तरह की परेशानी
- चेहरे का शेप बिगड़ना
- चेहरे में सनसनी होना
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निदान
चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) होने पर कैसे निदान किया जाता है?
डॉक्टर सबसे पहले आपका का पूरा शारीरिक परीक्षण करता है। इसके बाद वो आपसे घटनाक्रम और लक्षणों के बारे में जानेगा। आपकी आखें, पुतली और आंखों की गतिविधि की जांच की जाती है। डॉक्टर किसी उपकरण की मदद से आपकी आंखों के अंदर जांच करेगा। डॉक्टर इस बात की भी जांच करता है कि चेहरे की त्वचा पर कहीं घाव तो नहीं है। इसके अलावा आपको इनमें से किसी एक या अधिक जांच की भी आवश्यकता पड़ सकती हैः
CT स्कैन- इस टेस्ट को CAT स्कैन भी कहा जाता है। एक्स-रे मशीन कंप्यूटर का उपयोग करके आपके सिर की फोटो लेती है। इस फोटो से पता चलता है कि कौन सी हड्डी टूटी है और कौन से टिशू या ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा है। आपको सीटी स्कैन से एक दिन पहले डाई दिया जा सकता है जिससे पिक्चर क्लियर आए। यदि आपको कॉन्ट्रास्ट डाई से किसी तरह की एलर्जी है तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
एक्स-रे– चेहरे की हड्डी और टिशू की पिक्चर एक्स-रे से ली जाती है। इससे डॉक्टर को टूटी हड्डी की जांच में मदद मिलती है। कई बार चेहरी की हड्डी टूटना या फैक्चर की जांच के लिए एक से अधिक एक्स-रे की जरूरत पड़ सकती है।
अल्ट्रासाउंड- अल्ट्रासाउंड में साउंड वेव्स (ध्वनि तरंगों) की मदद से मॉनिटर पर पिक्चर दिखाई देती है। चेहरी की हड्डी टूटना और टिशू को हुई क्षति की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
उपचार
चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) होने पर कैसे उपचार किया जाता है?
यदि चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) सामान्य है तो यह अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) यदि गंभीर है तो इसके इलाज की जरूरत होती है। उपचार के लिए इनमें से कोई भी तरीका अपनाया जा सकता हैः
दवाईयां (Medicines)
डिकंजेस्टैंट दवा- डिकंजेस्टैंट दवाएं नाक और साइनस में सूजन को कम करती हैं और आपको सांस लेने में मदद करती हैं।
एंटीबायोटिक दवा- एंटीबायोटिक दवा बैक्टीरिया से होने वाले किसी भी इंफेक्शन के इलाज में मदद करती हैं। यदि आपको चेहरे के बाहर कोई घाव है तो यह दवा दी जाती है
दर्दनिवारक दवा- दर्द कम करने के लिए डॉक्टर आपको पेन किलर देगा। दर्द के बढ़ने का इंतजार न करें और दवा ले लें।
स्टेरॉयड दवा- यह दवा चेहरे की सूजन कम करने में मदद करता है
ऑर्थोडोन्टिक ट्रीटमेंट- आपको ऑर्थोपैडिक के पास जाने की जरूरत पड़ सकती है जो क्षतिग्रस्त हड्डी और टूटे दांत का इलाज करता है। यदि जबड़े बंद करने पर भी आपके दांत एकसाथ नहीं आ रहे हैं, तो इसे ठीक करने के लिए भी ऑर्थोडोन्टिक ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है।
क्लोज्ड रिडक्शन
इस प्रक्रिया में चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर (Facial bone fracture) के इलाज के दौरान डॉक्टर टूटी हुई हड्डी को उसकी सामान्य स्थिति में ले आता है। क्लोज्ड रिडक्शन आमतौर पर नाक की हड्डी टूटने पर किया जाता है। इसमें किसी तरह का चीरा नहीं लगाया जाता है, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
एंडोस्कोपी
इस टेस्ट में आपके आई सॉकेट और साइनस के अंदर देखने के लिए स्कोप का इस्तमाल किया जाता है। स्कोप लंबी ट्यूब होती है जिसके किनारे पर लेंस और लाइट लगी होती है। स्कोप को आपके ऊपरी मसूड़ों और होंठ के बीच में और आपके चीकबोन के पीछे साइनस में डाला जाता है। स्कोप को आपके स्कैल्प में छोटा सा चीरा लगाकर भी डाला जा सकता है या माथे के पीछे साइनस में चीरा लगाकर। एंडोस्कोपी के दौरान आपकी टूटी हड्डी का छोटा-सा टुकड़ा निकाला जाता है। चेहरे की टूटी हड्डी को खास उपकरण से सपोर्ट दिया जाता है।
सर्जरी
ओपन रिडक्शन और इंटरनल फिक्शन- इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर क्षतिग्रस्त हिस्से पर चीरा लगाता है और वायर, स्क्रू या प्लेट्स की मदद से टूटी हड्डी को जोड़ता है।
रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी- इस सर्जरी में डॉक्टर आपकी टूटी हड्डी को निकालकर दूसरी हड्डी लगाता है, यह दूसरी हड्डी आपके ही शरीर के किसी अन्य हिस्से से ली जा सकती है या डोनर की हो सकती है।