परिचय
कंधा उतरना (Dislocated shoulder) क्या है?
कंधा उतरना या कंधे का खिसकने में गिरने या झटके से बाजु की ऊपर हड्डी शोल्डर सॉकेट से उतर जाती है। इस स्थिति को कंधा उतरना कहते हैं। यह सॉकेट एक कप के आकार का होता है, जो शोल्डर ब्लेड (Shoulder blade) का हिस्सा होता है। अन्य जोड़ों के मुकाबले कंधा एक ऐसा जॉइंट होता है, जो सबसे ज्यादा घूम सकता है। आप बाजु के ऊपरी हिस्से को तकरीबन हर दिशा में घुमा सकते हैं। कई बार इन मूवमेंट की आपको कीमत चुकानी पड़ती है। कंधे के यह जोड़ हमेशा से ही अस्थिर होते हैं। ऐसे में कंधे का अपनी जगह से खिसकने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इस स्थिति के पैदा होने को कंधा उतरना कहते हैं।
कंधा खिसकने के बाद दोबारा लोग सभी कार्यों को सामान्य तरीके से करने में सक्षम होते हैं। इसे ठीक होने में कुछ हफ्तों का समय लगता है। कंथा उतरना या कंधे के खिसकने से आपके शोल्डर जॉइंट अस्थिर हो जाते हैं। इससे दोबारा कंधा उतरने का खतरा रहता है। कंधा उतरना या कंधा खिसकने के गंभीर मामलों में कंधे के जोड़ के आसपास के ऊत्तक और तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। यदि आपको यह समस्या बनी रहती है तो कंधे में अस्थिरता और कमजोरी की समस्या हो सकती है।
कंधा उतरना कितना सामान्य है?
कंधा उतरना या कंधा खिसकना एक सामान्य समस्या है। किसी भी व्यक्ति का झटके या गिरने से कंधा उतर सकता है। कंधे में चोट कितनी हल्की या गंभीर है, इसका आंकलन चिकित्सा जांच के जरिए किया जा सकता है।
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लक्षण
कंधा उतरना या कंधा खिसकने के क्या लक्षण हैं?
कंधा उतरना या कंधा खिसकने के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- कंधा उतरना या कंधा खिसकने पर आपको दर्द का अहसास होता है। जब दबाव में ह्यूमर्स (Humerus) सॉकेट से उतर जाता है तो कार्टिलेज, मसल और अन्य ऊत्तकों में खिंचाव आता है और यह टूट जाते हैं।
कंधा उतरना या कंधा खिसकने पर आप किसी भी दिशा में अपनी बाजु को नहीं घुमा पाते हैं। कंधा खिसकना में शॉल्डर के आसपास की मांसपेशियों में ऐंठन आ जाती है। ऐसा होने पर बाजु को घुमाने में बहुत दर्द होता है। आमतौर पर आंतरिक डिसलोकेशन में बाजू शरीर से थोड़ी दूर हो जाती है। चोटिल हाथ के वजन को दूसरे हाथ से सपोर्ट देकर लोग दर्द से राहत पाने का प्रयास करते हैं।
- ग्लेनोइड फोस्सा (Glenoid Fossa) में कंधा अपनी सामान्य अवस्था में गोलाकार दिखाई देता है। यहां से हटने पर (कंधा उतरना) वह गोलाकार नहीं दिखता है। कई बार यह कंधे के जोड़ से उभरा हुआ दिखाई या महसूस होता है।
- हड्डियों की अन्य चोट के समान ही इसमें दर्द होने पर उबकाई और उल्टी आ सकती है।
- कंधा उतरना या कंधा खिसकने पर आपको पसीना आना, सिर हल्का होना और कमजोरी हो सकती है। वेगस नर्व (Vagus nerve) में स्टिमुलेशन होने पर यह लक्षण नजर आते हैं। इससे बॉडी के प्रति एड्रेनेलाइन की प्रतिक्रिया ब्लॉक हो जाती है।
अक्सर इससे व्यक्ति बेहोश हो जाता है।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
कंधा खिसकने पर यदि आप जॉइंट को घुमा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में जबरन इसे इसकी जगह पर ले जाने का प्रयास न करें। इससे कंधे का जोड़ क्षतिग्रस्त हो सकता है। साथ ही इसके आपसपास की मांसपेशियां, तंत्रिकाएं या रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
उपरोक्त लक्षण या संकेत नजर आते ही तत्काल अपने डॉक्टर से सलाह लें। कंधा उतरना एक गंभीर समस्या है। कंधा खिसकने पर आपको उचित समय पर चिकित्सा जांच की जानी चाहिए। इससे चोट की गंभीरता का आंकलन किया जा सकता है।
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कारण
कंधा उतरना या कंधा खिसकने का क्या कारण है?
निम्नलिखित कारणों से कंधा खिसक जाता है:
- कंधा उतरना या कंधा खिसकना सबसे ज्यादा होने वाली घटनाएं हैं। चूंकि, कंधे कई दिशाओं में मूवमेंट कर सकते हैं। ऐसे में आपका कंधा आगे, पीछे या नीचे की तरफ, पूरी तरह या आंशिक रूप से उतर सकता है। हालांकि, आगे की तरफ कंधा उतरने के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। इसके अतिरिक्त, जोड़ों के फाइबर वाले ऊत्तक जो कंधे की हड्डी से जाकर जुड़ते हैं, इनमें खिंचाव या टूटना हो सकती है। अक्सर इसका नतीजा कंधा उतरना या जटिलताओं के रूप में सामने आता है।
- मजबूत दबाव जैसे कंधे पर अचानक झटका लगने से कंधे की हड्डी अपनी जगह से हट जाती है। कंधे को उसकी चरमसीमा से घुमाने पर कंधे का जोड़ शोल्डर सॉकेट से हट जाता है। आंशिक डिसलोकेशन में आपकी ऊपरी बाजु आंशिक रूप से शोल्डर सॉकेट से खिसक जाती है।
- आघात जो स्पोर्ट्स से संबंधित नही हैं: मोटर दुर्घटना में कंधे पर अचानक लगने वाला झटका कंधा उतरने की स्थिति को पैदा करता है।
- गिरना: गिरते वक्त जैसे सीढ़ियों से गिरने पर कंधे अपनी जगह से खिसक जाते हैं।
निम्नलिखित स्पोर्ट्स खेलने पर कंधा उतर सकता है:
- फुटबॉल खेलने पर।
- हॉकी खेलने पर।
- रॉक क्लाइंबिंग करने पर।
- रग्बी खेलने पर।
- सॉकर खेलने पर।
- वॉलीबॉल खेलने पर।
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जोखिम
किन कारकों से मुझे कंधा उतरने का जोखिम रहता है?
निम्नलिखित कारकों से कंधा उतरने का खतरा रहता है:
- 20 वर्ष की आयु में पुरुष शारीरिक रूप से सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं, जिससे उन्हें कंधा उतरना या कंधा खिसकने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
- कंधा खिसकने से निम्नलिखित समस्याएं पैदा हो सकती हैं:
- मांसपेशियों, लिगामेंट्स और टेंडन्स के टूटने से कंधा खिसकने का खतरा बढ़ता है।
- यदि आपको गंभीर रूप से कंधा उतरने की समस्या हुई है तो कंधे में अस्थिरता आ जाती है। इससे आपको दोबारा चोट लगने का खतरा रहता है।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कंधा उतरना या कंधा खिसकने का निदान कैसे किया जाता है?
निम्नलिखित तरीकों से कंधा खिसकने (कंधा उतरना) का पता लगाया जाता है:
- फिजिकल एग्जाम: फिजिकल जांच के दौरान डॉक्टर कंधे के प्रभावित हिस्से में सूजन, डिफॉर्मिटी या ढीलेपन की जांच करेगा।
- एक्स-रे: कंधा खिसकने की जांच करने के लिए डॉक्टर एक्स-रे करा सकता है, जिससे शोल्डर डिसलोकेशन का पता लगाया जा सकता है। साथ ही इससे टूटी हुई हड्डी या कंधे को हुए अन्य नुकसान का खुलासा भी किया जा सकता है।
कंधा उतरना या कंधा खिसकने का उपचार कैसे किया जाता है?
निम्नलिखित तरीकों से कंधा खिसकने (कंधा उतरना) का इलाज किया जाता है:
आपका डॉक्टर कुशलता कंधे की हड्डी को पुनः उसकी जगह पर रखने का प्रयास कर सकता है। हालांकि, यह आपके दर्द और सूजन के गंभीरता पर निर्भर करता है। संभवतः मांसपेशियों को राहत प्रदान करने के लिए मसल रिलेक्सेंट या नशीली दवा दी जा सकती है। इसके अलावा, कंधे की हड्डी को दोबारा उसके स्थान पर रखने से पहले आपको एक सामान्य एनेस्थीसिया दिया जा सकता है। कंधे की हड्डी के पुनः अपनी जगह पहुंचने पर तकरीबन आधे से ज्यादा दर्द तत्काल ठीक हो जाता है।
यदि आपके कंधे का जोड़ या लिगामेंट कमजोर है तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। इस स्थिति में पूरे उपचार या स्ट्रेंदिंग और उपचार के बाद भी यह समस्या दोबारा हो सकती है। दुर्लभ मामलों में तंत्रिकाओं या रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस स्थिति में सर्जरी करनी पड़ती है।
आपका डॉक्टर एक विशेष स्पलिंट (Splint) या स्लिंग का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे कुछ दिनों तक कंधे में मूवमेंट बनाए रखा जा सके। हालांकि, आपको यह कितने दिनों तक पहनकर रखना होगा यह आपकी चोट पर निर्भर करता है।
कंधा उतरना या कंधा खिसकने पर आपको मसल रिलेक्सेंट (मांसपेशियों को राहत देने वाली दवा) दी जा सकती है। जब तक आपकी चोट ठीक नहीं हो जाती तब तक यह दवा मसल्स को राहत देती है।
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घरेलू उपाय
जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे कंधा उतरने को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित दिनचर्या और घरेलू उपाय आपको कंधा उतरना या कंधा खिसकने में राहत प्रदान कर सकते हैं:
- कंधा उतरना एक खतरनाक स्थिति हो सकती है। इस स्थिति में चोटिल कंधे पर बर्फ लगाएं। इससे दर्द और सूजन कम हो जाएगी। साथ ही कंधा खिसकने में बर्फ लगाने पर आंतरिक ब्लीडिंग और कंधे के आसपास फ्लूड के इक्कट्ठा होने की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
- कंधे को आराम दें। ऐसा कोई भी मूवमेंट न करें, जिससे आपको दोबारा कंधे में दर्द होता है। ऐसा करने से आपकी चोट दोबारा लग सकती है।
- कंधा खिसकने (कंधा उतरना) पर आप दर्द को कम करने वाली दवा या ओवर-दि-काउंटर मेडिसिन्स का प्रयोग कर सकते हैं। यह दर्द को कम करने में मदद करती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें।
- कंधे के रेंज ऑफ मोशन को बनाए रखने के लिए चोट के दो या तीन दिन बाद हल्की एक्सरसाइज करें। थेरेपिस्ट या डॉक्टर से मंजूरी मिलने के बाद ही इस प्रकार की किसी भी एक्सरसाइज का अभ्यास करें।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।