ग्रेड 1 – हल्की मोच को ग्रेड 1 में रखा जाता है। मोच के कारण लिगामेंट में हल्की चोट तो पहुंचती है लेकिन लिगामेंट टीयर नहीं होता है।
ग्रेड 2 – इसे लिगामेंट का पार्सियल टीयर भी कह सकते हैं। ज्वाइंट्स में एब्नॉर्मल लूजनेस आ सकती है।
ग्रेड 3- लिगामेंट का कम्प्लीट टीयर इस ग्रेड में आता है। ग्रेड 3 लिगामेंट टीयर अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
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लिगामेंट टीयर का ट्रीटमेंट
लिगामेंट टीयर या लिगामेंट इंजरी को कुछ उपाय के माध्यम से सही किया जा सकता है। अगर लिगामेंट में हल्की इंजरी है तो उसे सही करने के लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं।
आराम करें
जब तक इंजर्ड एरिया पूरी तरह से सही नहीं हो जाता है, तब तक आराम करें। ऐसे स्थान का मूवमेंट करने से बचें, जहां इंजरी हुई है।
बर्फ लगाएं
जिस स्थान में इंजरी हुई है, उस स्थान में बर्फ लगाएं। बर्फ लगाने से इंजरी की जगह में राहत महसूस होगी।
कंप्रेशन का लें सहारा
जिस भी स्थान में लिगामेंट इंजरी हुई है, वहां कंप्रेशन यानी इलास्टिक बैंडेज का सहारा लें। उस स्थान को इलास्टिक बैंडेज से रैप कर दें। ऐसा करने से सूजन में कमी आएगी। साथ ही दर्द भी कम हो जाएगा।
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ऊंचाई का लें सहारा
जिस भी स्थान में इंजरी हुई है, उस जगह को थोड़ा सा ऊपर की ओर रखें। ऐसा करने से ब्लड फ्लो प्रॉपर होगा और साथ ही सूजन भी कम हो जाएगी।
नी लिगामेंट रिपेयर के रिस्क क्या हैं ?
लिगामेंट इंजरी जब ज्यादा हो जाती है तो सर्जरी की हेल्प लेनी पड़ती है। सर्जरी में कुछ कॉम्प्लीकेशन भी होते हैं। जैसे कि ब्लीडिंग होना, इंफेक्शन की समस्या और ब्लड क्लॉट की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को सर्जरी के बाद पेन, सूजन की समस्या या खिंचाव की समस्या महसूस हो सकती है। अगर आपको भी नी लिगामेंट सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार की समस्या महसूस हो रही हो, तो बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आपको किसी भी प्रकार की चोट लगी है तो बेहतर होगा कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार हल्की दिखने वाली चोट गंभीर समस्या भी खड़ी कर सकती है।
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