लेटरल लिगामेंट कॉम्प्लेक्स के लिए लिगामेंट टीयर बहुत आम है जिसमे एंटीरियर टेलोफिबुलर (anterior talofibular, ATFL), कैल्केनोफिबुलर (calcaneofibular,CFL) और पोस्टीरियर टेलोफिबुलर लिगामेंट। हाई एंकल स्प्रेन एथलीट्स में कॉमन होता है। इसमें डिस्टल टिबोफिबुलर सिंडेसमोटिक लिगामेंट्स (distal tibiofibular syndesmotic ligaments) शामिल हैं।
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घुटने में लिगामेंट टीयर
घुटने में मुख्य रूप से चार लिगामेंट में असर हो सकता है, पहला है एंटीरीयर क्रूसीएट लिगामेंट (anterior cruciate ligament), पोस्टीरियर क्रूसीएट लिगामेंट, मेडिकल कोलेटरल लिगामेंट (medial collateral ligament) और लेटरल कोलेटरल लिगामेंट (lateral collateral ligament,LCL)। एंटीरीयर क्रूसीएट लिगामेंट में इंजरी की सबसे ज्यादा संभावना होती है।
कलाई में लिगामेंट टीयर
कलाई में 20 लिगामेंट होते हैं जो गिर जाने पर अक्सर चोटिल हो जाते हैं। स्केफोलिनियस लिगामेंट और ट्राईएंगुलर फाइब्रोकार्टिलेज कॉम्प्लेक्स (TFCC) गिर जाने पर मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं।
अंगूठे में लिगामेंट टीयर
जब अंगूठा किसी कारणवश चोटिल हो जाता है तो लिगामेंट में बुरा इफेक्ट पड़ता है। स्कीइंग करते समय उलनार कोलेटरल लिगामेंट में चोटिल हो जाता है।
गर्दन में लिगामेंट टीयर
गर्दन में लिगामेंट टीयर चोट के कारण हो सकता है या फिर किसी झटके की वजह से भी समस्या हो सकती है। लिगामेंट टीयर की वजह से मांसपेशियों, हड्डियों और नर्व को भी डैमेज होता है। ठीक इसी तरह पीठ के हिस्से में भी भारी सामान उठाने की वजह से समस्या पैदा हो सकती है।
लिगामेंट टीयर का डायग्नोज
लिगामेंट टीयर का डायग्नोज फिजिकल एक्जामिनेशन और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर पेशेंट से चोट के बारे में जानकारी ले सकता है। साथ ही दर्द वाली जगह में डॉक्टर छू कर जांच कर सकता है। साथ ही डॉक्टर हड्डी की जांच एक्स-रे के माध्यम से करता है कि कहीं बोन टूट तो नहीं गई है। लिगामेंट टीयर की जांच करने के लिए डॉक्टर मैग्नेटिक रीजोनेंस इमेजिंग की भी मदद ले सकता है।
लिगामेंट टीयर को निम्न ग्रेड में विभाजित किया जा सकता है।