के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर (Increased Intracranial Pressure) यानी मस्तिष्क के चारों ओर दबाव का बढ़ना है। यह मस्तिष्क के आसपास तरल पदार्थ की मात्रा में वृद्धि होने के कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, सेरब्रोस्प्य्नल फ्लूइड (Cerebrospinal Fluid-सीएसएफ टेस्ट) की बढ़ी हुई मात्रा हो सकती है, जो स्वाभाविक रूप से मस्तिष्क को आरामदायक परत देती है या चोट के कारण या टूटे हुए ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में खून की वृद्धि करती है।
ICP में वृद्धि मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन होने, किसी तरह की चोट लगने या मिर्गी जैसी बीमारी होने के कारण भी हो सकता है। बढ़ा हुआ आईसीपी मस्तिष्क में चोट लगने के कारण हो सकता है और यह मस्तिष्क में चोट लगने का कारण भी बन सकता है।
बढ़ी हुई ICP जीवन के लिए जोखिम भरी स्थिति हो सकती है। इसके लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत आपातकालीन चिकित्सा की मदद लेनी चाहिए।
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर (ICP) न्यूरोसर्जिकल और न्यूरोलॉजिकल प्रैक्टिस में एक आम समस्या है। इसका विकास तीव्र या पुराना हो सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से पारमर्श करें।
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इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर (ICR) के सामान्य लक्षणों में शामिल हैंः
ये लक्षण बढ़ी हुई ICP के अलावा अन्य गंभीर स्थितियों का भी संकेत दे सकते हैं, जैसे स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर या हाल ही में सिर में लगी कोई चोट।
शिशुओं में बढ़े हुए ICP के लक्षण
शिशुओं में बढ़े हुए आईसीपी चोट के कारण हो सकते हैं, जैसे बिस्तर से गिरना या शेकेन बेबी सिंड्रोम (Shaken baby syndrome)। शेकेन बेबी सिंड्रोम तब होता है, जब किसी छोटे बच्चे को खिलाते समय हवा में उछाला जाता है। इसके कारण बच्चे के दिमाग में कई चोट लग सकती है।
शिशुओं में बढ़ी हुई ICP के लक्षण वयस्कों के लक्षणों से अलग हो सकते हैं। 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं में इसके कुछ अतिरिक्त लक्षण भी देखें जा सकते हैं। क्योंकि बोनी प्लेट्स जो स्कल का निर्माण करती हैं, बड़े बच्चों और वयस्कों की तुलना में शिशुओं में ज्यादा नाजुक होती हैं, वे बढ़ी हुई आईसीपी के साथ शिशु में फैल सकती हैं।
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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किस तरह की स्थितियां कैसी स्थितियां इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, इसके बारे में उचित जानकारी नहीं है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर का निदान करने के लिए आपका डॉक्टर निम्नलिखित प्रक्रिया कर सकते हैंः
इसके उपचार का उद्देश्य स्कल के अंदर के दबाव को कम करना होता है। इसके बाद मस्तिष्क से जुड़ी अन्य स्थितियों का उपचार किया जाता है।
स्कल में दबाव को कम करने के लिए, स्कल में एक छोटा छेद किया जाता है। जिसके माध्यम या रीढ़ की हड्डी के माध्यम से मस्तिष्क में उत्पन्न हुए द्रव पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। हालांकि, इसके उपचार के लिए कुछ तरह की दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, दवाओं का इस्तेमाल अत्यधिक जोखिम भरा हो सकता है। ये रक्तचाप को बढ़ाकर आईसीपी की स्थिति को और भी ज्यादा बदतर बना सकती हैं।
आईसीपी के लिए कम सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
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निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव लाने और घरेलू उपायों से आप इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर के खतरे को कम कर सकते हैंः
बढ़े हुए ICP के स्तर को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन सिर में चोट लगने की स्थिति से बचाव किया जा सकता हैः
घर पर गिरना सिर की चोट का एक सामान्य कारण है। यह वृद्ध वयस्कों में भी सबसे सामान्य कारण हो सकता है। इसलिएः
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपके लिए उचित उपचार बता सकते हैं।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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