टेढ़े-मेढ़े दांतों को सीधे करने के लिए ब्रेसेस का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, सीधे दांत देखने में जितने अच्छे लगते हैं उनको साफ रखने में भी आसानी होती है। दांतों में तार लगाने के लिए आप उत्साहित होंगे, लेकिन उससे पहले जरूर जान लें ये पांच बातें।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
टेढ़े-मेढ़े दांतों को सीधे करने के लिए ब्रेसेस का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, सीधे दांत देखने में जितने अच्छे लगते हैं उनको साफ रखने में भी आसानी होती है। दांतों में तार लगाने के लिए आप उत्साहित होंगे, लेकिन उससे पहले जरूर जान लें ये पांच बातें।
आमतौर पहले यह माना जाता था कि केवल युवावस्था के दौरान ही दांतों में ब्रेसेस लगवाना सही होता है। वास्तव में जब तक आपके दांत और मसूड़े स्वस्थ हैं ब्रेसेस किसी भी उम्र में लगवा सकते हैं। इसलिए दांतों में तार लगाने के लिए उम्र के बारे में न सोचें।
यह साधारण ब्रेसेस हैं और अधिकतर लोग इन्हें ही लगवाते हैं। धातु से बने इन ब्रेसेस को कम से कम एक से डेढ़ साल तक लगाकर रखना पड़ता है।
सफेद और थोड़े-से पारदर्शी ये ब्रेसेस आकार और बनावट में मेटल ब्रेसेस की तरह ही होते हैं। ये दांतों के रंग के साथ आसानी से घुल-मिल जाते हैं। इन्हें एक से दो साल तक लगाकर रखना होता है।
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इनविजिबल या अदृश्य ब्रेसेस के भी दो प्रकार होते हैं। जिन्हें लिंग्वल और क्लियर ब्रेसेस के नाम से जाना जाता है।
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इस तरह के ब्रेसेस दांतों के पीछे की तरफ से लगाए जाते हैं इसीलिए ये ब्रेसेस लगे होने के बावजूद भी दिखाई नहीं पड़ते हैं।
इन ब्रेसेस की सबसे खास बात यही है कि आप इन्हें निकाल कर दोबारा लगा भी सकते हैं। आधुनिक तकनीक से बने क्लियर अलाइनर ब्रेसेस को खाना खाते समय या ब्रश करते समय निकाला भी जा सकता है। ये दिखने में पारदर्शी प्लास्टिक के कवर जैसे दिखते हैं।
अगर आप मेटल, सेरेमिक या लिंग्वल ब्रेसेस लगवाने की सोच रहे हैं तो चॉकलेट और मेवे जैसे कठोर और चिपकनेवाले पदार्थ न खाएं। इन्हें खाने से आपके ब्रेसेस निकल सकते हैं।
हो सकता है आपको ब्रेसेस निकालने के बाद डॉक्टर रिटेनर्स पहनने की भी सलाह दे सकते हैं। इससे दांतों को सही जगह सेट होने में मदद मिलेगी। आर्थोडेंटिस्ट के द्वारा बताएं गए नियमों को सही तरीके से फॉलो करें।
अगर आपने दांतों में ब्रेसेस लगाने के लिए पूरी तरह से मन बना लिया है तो यह भी जान लें कि उपचार के तौर पर डॉक्टर आपको ब्रेसेस के ऊपर एक इलास्टिक बैंड पहनने की भी सलाह दे सकता है। इससे डेंटल ब्रेसेस पर अतिरिक्त फोर्स लगता है जिससे दांतों को अपनी सही स्थिति में आने में काफी मदद मिलती है। अपने आर्थोडेंटिस्ट के बताएं गए निर्देश के अनुसार इसे पहनें। यदि आप बैंड को डॉक्टर द्वारा दी गई हिदायतों के हिसाब से नहीं पहनते हैं, तो हो सकता है कि आपको ट्रीटमेंट में ज्यादा समय लग जाएं।
टीथ ब्रेसेस या डेंटल ब्रेसेस टेढ़े-मेढ़े दांतों को एक साथ लगाने के लिए डेंटिस्ट द्वारा लगाए जाते हैं। इससे भोजन चबाने की प्रक्रिया में भी सुधार होता है और दांतों की हेल्थ भी सुधरती है। दांतों में तार लगाने से दांतों के बीच की खाली जगह भरने में भी मदद करते हैं।
हालांकि, दांतों में तार लगाना हमेशा फायदेमंद ही होता है। लेकिन अगर इस दौरान उचित देखभाल और सावधानियों को नजरअंदाज किया जाए, तो दांतों में तार लगाना सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसीलिए ब्रेसेस लगवाने से पहले आप इसके नुकसान के बारे में भी जरूर जानकारी रखनी चाहिए।
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दातों में ब्रेसेस लगाने के निम्न नुकसान हो सकते हैं, जिसमें शामिल हैंः
दांतों में तार लगे होने की वजह से दांतों के ऊपर थोड़ी जगह बच जाती है जिसमें खानों के टुकड़े फंस सकते हैं। अगर इसकी सफाई अच्छे से न की जाए, तो इससे कारण दांतों पर सफेद रंग के धब्बे पड़ सकते हैं जिन्हें हटाना एक नई समस्या हो सकती है। इसके कारण दांतों में सड़न का भी जोखिम बढ़ जाता है।
ब्रेसेस लगवाने पर दांत अपनी जगह से हिल सकते हैं। ऐसी स्थिति में दांतों के रास्ते की कुछ हड्डियां गल जाती हैं जबकि पीछे की ओर नई हड्डियां बनने लगती हैं। यह दांतों की रूट की लंबाई के कम होने का जोखिम बढ़ा सकता है। साथ ही, यह दांतों के कमजोर होने का भी एक कारण बन सकता है।
दांतों में ब्रेसेस लगाने के बाद उससे होने वाले जोखिम को कम करने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैं, जिसमें शामिल हैंः
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर या डेंटिस्ट की भी सलाह ले सकते हैं।
दांतों की सेहत के बारे में अधिक जानने के लिए आप यह क्विज भी खेल सकते हैं।
डिस्क्लेमर
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