क्या आपकी डिलिवरी डेट सर्दी के मौसम के आस-पास है? क्या आपने अभी-अभी ठंड के मौसम में शिशु को जन्म दिया है? अभी आपको चिंता सता रही है कि कहीं यह सर्दी नवजात शिशु को प्रभावित न करें। सर्दियां आने से पहले यही सवाल हर पेरेंट्स का रहता है। सामान्य जुकाम, बुखार (वायरल फीवर), निमोनिया, ब्रोंकाइटिस (यह न्यूबॉर्न बेबीज को सर्दियों में होने वाली आम समस्या है) गला खराब होना आदि सर्दियों में नवजात शिशु को होने वाली आम बीमारियां हैं। बच्चों को सर्दी जुकाम से बचाने के लिए बेबी विंटर केयर टिप्स फॉलो करना जरूरी है। “हैलो स्वास्थ्य’ से हुई बातचीत के दौरान चाइल्ड स्पेशलिस्ट डा. आर. के. ठाकुर (आर. के. क्लिनिक, लखनऊ) ने बेबी विंटर केयर टिप्स बताएं। इन बेबी हेल्थ केयर टिप्स को अपनाकर आप भी अपने बच्चों को सर्दी जुकाम के प्रभाव से बचा सकते हैं-
बच्चों को सर्दी जुकाम किस वजह से होता है?
क्योंकि छोटे बच्चे सर्दी जुकाम के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं, इसलिए मौसम बदलते ही शिशु इसकी चपेट में आ जाते हैं। नीचे बच्चों में सर्दी जुकाम के कारण बताए जा रहे हैं-
- सर्दी जुकाम एक वायरल इंफेक्शन (viral infection) है और यह किसी दूसरे के माध्यम से आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में नवजात शिशु की देखभाल ज्यादा करने की जरुरत होती है। अगर घर के किसी सदस्य या बाहर से आने वाले किसी भी इंसान को सर्दी जुकाम है, तो इस वायरस से शिशु भी संक्रमित हो सकता है।
- नवजात शिशु का इम्यून पावर कम होती है। इसलिए, बच्चों को सर्दी जुकाम जल्दी होता है।
- कई बार बाहर के दूषित वातावरण से भी नवजात शिशु प्रभावित होता है। यह बच्चों को सर्दी जुकाम दे सकता है।
- सर्दी जुकाम से संक्रमित इंसान द्वारा उपयोग की गई वस्तु अगर शिशु के कॉन्टैक्ट में आती है, तो इससे भी बच्चों को सर्दी जुकाम की आंशका बढ़ जाती है।
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बच्चों को सर्दी जुकाम की वजह से होने वाली समस्याएं-
वैसे तो सर्दी जुकाम कोई जटिल समस्या नहीं है। लेकिन, शिशु के स्वास्थ्य पर इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है। जैसे-
- बच्चों को सर्दी जुकाम की वजह से शिशु में नाक बंद होने की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही गले में खराश और खांसी भी हो सकती है। इससे शिशु को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- शिशु में सर्दी जुकाम कभी-कभी बुखार का कारण भी बन सकता है।
- बच्चों को सर्दी जुकाम दो सप्ताह तक बच्चे को परेशान कर सकता है।
- बच्चों को सर्दी जुकाम होने पर वे भोजन करना बंद कर देते हैं।
- कुछ श्वसन संबंधी वायरस बच्चों में गंभीर बीमारी पैदा कर सकते हैं। जैसे- ब्रोंकोलाइटिस (घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई), क्रुप (गला बैठना, खांसी आना) गले में खराश और गर्दन की ग्रंथि में सूजन आदि।
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बच्चों को सर्दी जुकाम से बचाने के टिप्स
शिशु को सर्दी जुकाम से बचाने के लिए पेरेंट्स ये कुछ टिप्स आजमाएं-
जरूरत से ज्यादा गर्म कपड़े न पहनाएं
सर्दियों में नवजात शिशु की देखभाल के लिए उसे पर्याप्त कपड़े जरूर पहनाएं लेकिन, ध्यान रहे कि वुलन के कपड़े इतने भी ज्यादा न पहना दिए जाए कि शिशु असहज होने लगे। सर्दियों में नवजात शिशु के कपड़े खरीदते समय यह याद रखें कि कपड़े मुलायम और आरामदायक हो। दरअसल, बच्चों की स्किन काफी मुलायम और संवेदनशील होती है, जिससे कई बार ऊनी कपड़ों से उन्हें एलर्जी (allergy) हो जाती है। एलर्जी के चलते शरीर पर रैशेज भी हो सकते हैं इसलिए, बच्चे को सीधा ऊनी कपड़े पहनाने की बजाय पहले कॉटन के कपड़े पहनाने चाहिए। पैरों में भी वॉर्मर पहनाने के बाद ही पजामा पहनाएं।
मसाज है जरूरी
बच्चों को सर्दी जुकाम से बचाने के लिए शरीर की रोजाना 10-15 मिनट मालिश किसी भी नैचुरल ऑइल (सरसों, जैतून, बादाम) से जरूर करें। इससे ब्लड सर्क्युलेशन बढ़ता है और मसल्स मजबूत होती हैं। ध्यान दें कि मसाज हमेशा नीचे से ऊपर की ओर करनी चाहिए। मसाज अगर नैचुरल सनलाइट में की जाए तो इसका फायदा ज्यादा होता है। वहीं, नहलाते समय सुनिश्चित करें कि शिशु को ज्यादा देर तक टब में न रहने दें और केवल गुनगुने पानी से ही शिशु को नहलाएं।
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बच्चों को सर्दी जुकाम से बचाने के लिए स्तनपान कराएं
सर्दी के दौरान नवजात शिशु को स्तनपान कराना बहुत जरूरी होता है। मां के दूध में एंटीबॉडी (antibody) और पोषक तत्वों का खजाना पाया जाता है जो शिशु को उसकी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करने और सर्दी जुकाम से बचाने में मदद करता है। बेबी विंटर केयर टिप्स फॉलो करते समय इसको बिलकुल भी न भूलें। शिशु को हाइड्रेट रखने के लिए सर्दी के मौसम में समय-समय पर उसे ब्रेस्टफीडिंग कराते रहें।
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खुद की भी साफ-सफाई है जरूरी
बेबी विंटर केयर के दौरान खुद की हाइजीन पर भी ध्यान दें। सर्दी के समय फ्लू (flu) और जुकाम होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए, नवजात शिशु को छूने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके हाथ साफ हों। इससे शिशु को रोगाणुओं से बचाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही कोई मेहमान भी अगर शिशु को स्पर्श करता है, तो भी हाइजीन का ध्यान दें या फिर किसी को सर्दी है तो उन्हें बच्चे से दूर रखें।
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रेगुलर चेकअप है जरूरी
हो सकता है आपका शिशु देखने में स्वस्थ हो लेकिन, फिर भी शिशु को डॉक्टर के पास नियमित रूप से ले जाएं। इससे शिशु को होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद मिलेगी। समय-समय पर डॉक्टर की सलाह से शिशु का टीकाकरण करवाते रहें ताकि वह वायरस और बैक्टीरिया से दूर रहे।
सर्दियों में शिशु का ध्यान ज्यादा रखने की जरूरत होती है क्योंकि उन्हें इंफेक्शन या बच्चों को सर्दी जुकाम होने की संभावना ज्यादा रहती है। ये पांच बेबी हेल्थ केयर टिप्स सुनिश्चित करेंगे कि सर्दी में भी आपका नवजात शिशु सुरक्षित और स्वस्थ रहे। यदि बच्चे में किसी तरह का संक्रमण दिखे, तो डॉक्टर से सलाह लें। बच्चों को सर्दी जुकाम का होना सामान्य है। लेकिन, कोई असामान्य लक्षण दिखे या सर्दी जुकाम का कोई लक्षण लंबे समय तक बना रहे तो ऐसे में डॉक्टर की तुरंत सलाह लें। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा। इससे जुड़ा कोई भी सवाल या सुझाव आपके पास है तो हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें।
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