और द्वारा फैक्ट चेक्ड Bhawana Awasthi
पीठ के बल सोते हुए आपका शिशु अपना कंधा और सिर ऊपर उठा सकता है। पांचवे महीने के आखरी सप्ताह में आप अपने शिशु में यह कुछ बदलाव दिखाई दे सकते हैं।
20 सप्ताह के शिशु (20 week old baby) का विकास यानी आपके 5 महीने के बच्चे के शारीरिक विकास में कई तरह की गतिविधियां और बदलाव होते हैं, जिनमें उनका कद, वजन, सिर के बालों के विकास के साथ-साथ उनके हाव-भाव में भी कई तरह के बदलाव आप देख सकते हैं, जो निम्न हो सकते हैंः
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 3 माह तक के बच्चों का कद 3.5 सेमी प्रति माह की दर से बढ़ता है। इसके बाद 2 सेमी प्रति माह की दर से उनका कद बढ़ता है। अगर शिशु जन्म के बाद पूरी तरह से स्वस्थ्य है तो पांचवे माह में उसका वजन जन्म से दोगुना हो सकता है। उदाहरण के लिए, मान लिजिए अगर आपके शिशु का वजन जन्म के समय 2 किलो था, तो 20 सप्ताह के शिशु (20 week old baby) के विकास के दौरान उसका वजन 4 से 5 किलो हो सकता है। जो पूरी तरह से स्वस्थ्य माना जाता है।
एक बात का ध्यान रखें, 20 सप्ताह के शिशु (20 week old baby) के विकास के दौरान होने वाले शारीरिक विकास हर बच्चे में अलग-अलग हो सकते हैं। जो उनके स्वास्थ्य और देखभाल के तौर-तरीकों पर भी निर्भर कर सकता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर या बाल रोग विशेषज्ञ की मदद लें सकते हैं।
20 सप्ताह के बच्चे (20 week old baby) के विकास के दौरान आपके शिशु में इस तरह के भी विकास होते हैं, जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए, जो हैंः
पांचवें महीने में आपका बच्चा तेजी से चीजों को समझना शुरू कर देता है क्योंकि उसका ब्रेन काफी विकसित होने लगता है। वह अपनी पसंद की खिलौनों के प्रति अपनी रूझान भी जाहिर कर सकता है।
20 सप्ताह का शिशु उन व्यक्तियों को पहचाना शुरू कर देता है, जो हमेशा उसके आस-पास रहते हैं या जो उससे अक्सर मिलने के लिए आते रहते हैं।
आपके पांच महीने के शिशु को तेज आवाजें विचलित कर सकती हैं और मधुर आवाजे सुनने पर उनमें उत्साह का संचार भी हो सकता है।
आपका 20 सप्ताह का शिशु खिलौने आदि को देखकर ‘प’ और ‘ड’ जैसे शब्दों के बोलने का प्रयास कर सकता है।
आपका पांच माह का बच्चा शारीरिक रूप से पहले के मुकाबले काफी मजबूत हो सकता है और उसमें शारीरिक तौर पर निम्न बदलाव आप नोटिस कर सकते हैं, जो हैंः
आपका शिशु अपने हाथों से पैर की उंगलियों को पकड़ने की कोशिश करते हैं। साथ ही, किसी भी वस्तु जैसे खिलौनों या दूध की बोतल पर भी इनकी पकड़ मजबूत हो सकती है।
आपका 20 सप्ताह का शिशु पेट के बल लेट कर चीजों को पकड़ने का प्रयास कर सकता है या बेट के बल से आगे की तरफ खिसकना भी शुरू कर सकता है।
अब आपका शिशु बैठने का भी प्रयास करना शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उनके किसी सहारे की जरूरत हो सकती है।
एक बात का ध्यान रखें, कि आपका पांच माह का शिशु खुद पर निर्भर होने के लिए आपने पेट का अधिक इस्तेमाल कर सकता है, इसलिए उसे हमेशा ऐसा करने से रोकें। अपने बच्चे को हमेशा पीठ के बल पर ही सुलाएं।
जब आप अपने शिशु को लिटाते है तो वह अपनी बाहें और पैर फैला लेते हैं। यह उनके लिए अच्छा भी है,इससे शिशु की मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है।शिशु की अच्छी नींद के लिए आप उसे सुलाने से पहले नहला सकती हैं। उन्हें खाना खिलाते, नहलाते या कपडे पहनाते हुए उसे कहांनिया सुना सकती हैं और फिर उसके बाद शिशु को सोने के लिए डालें। इन कुछ आदतों की वजह से आपके शिशु को बेहतरीन नींद मिल सकती है और आपको खुद के लिए कुछ ज्यादा समय।
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हर डॉक्टर का परिस्थितिनुसार शिशु का इलाज करने का अपना एक तरीका होता है। शिशु के टेस्ट और उसका इलाज यह शिशु की जरूरत के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। आपका डॉक्टर इनमें से कुछ चीजे कर सकते हैं।
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20 सप्ताह के शिशु (20 week old baby) के बारे में कुछ चीजें हैं जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए।
शेकन बेबी सिंड्रोम शिशुओं में होने वाली एक भयावह स्वास्थ्य स्थिती है। यह शिशु को ज्यादा हिलाने से या उछालने से होता है। इसके दौरान शिशु का मस्तिष्क खोपड़ी के अंदर चला जाता है। इसके परिणाम स्वरुप शिशु में अंधापन, पागलपन, लकवा या कई बार शिशु की मृत्यू भी हो सकती है।
माता-पिता के शिशु के साथ खेलने से, उसे थप्पड़ मारने से धक्का देने से शेकन बेबी सिंड्रोम नहीं होता। लेकिन अगर आप शिशु के साथ कुछ असाधारण हरकतें करते हैं जैसे कि शिशु को जोर से हवा में उछालना, शिशु को गोल गोल घुमाना इत्यादि तो यह सभी कहीं न कहीं शेकन बेबी सिंड्रोम का कारण बन सकती हैं। यह सभी हरकतें शायद आपके लिए एक आसान खेल हों लेकिन शिशु के नाजुक और अविकसित शरीर के को क्षति पहुंचाने के लिए बस इतना ही काफी होता है।
शेकन बेबी सिंड्रोम के लक्षणों में नींद न आना, उल्टी करना, खाना न खाना, सांस लेने में तकलीफ होना इत्यादि हैं। अगर आपके शिशु में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अगर आपका शिशु काले रंग की शौच करता है तो इसका कारण उसके रक्त में लोह की मात्रा का ज्यादा होना है। कुछ शिशुओं के शरीर में जब बाहरी सूक्ष्मजीव प्रवेश करते हैं तो उनका इम्यून सिस्टम सूक्ष्मजीवों का खत्मा कर उन्हें शौच के माध्यम से शरीर के बाहर फेंक देता है और साथ में थोड़ा लोह भी शरीर के बाहर फेंका जाता है जिससे शौच का रंग काला हो जाता है। अब कुछ लोग अपने शिशु लोह की कमी पूरी करने के लिए आयरन सप्लीमेंट पिलाने लगते हैं जो की पूरी तरह गलत है। दूध से मिलने वाला आयरन शिशु के लिए पर्याप्त है। अगर ज्यादा दिनों तक शिशु को काली शौच होती हैं तो उसे अपने डॉक्टर को दिखाएं।
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देखा गया है कि ज्यादातर माता-पिता शिशु के शारीरिक विकास की तुलना में मानसिक विकास पर ज्यादा ध्यान देते हैं। इस में कोई शंका नहीं है कि एक बेहतरीन विकास के लिए शिशु का मानसिक विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन शारीरिक विकास का भी उतना ही महत्त्व रखता है। आप अपने शिशु को हाथ पकड़कर अपने साथ चलाएं। उसे खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। सही समय पर उसे खाना खिलाएं उससे बात करें। यह चीजें 20 सप्ताह के शिशु (20 week old baby) को मानसिक और शारीरिक रूप से बढ़ने में मदद करेंगी।
कार की सीट हो या पालना आपका शिशु बैठे-बैठे आलसी बन सकता है। इस उम्र में शिशु को सक्रीय होना चाहिए। लगभग पांचवे महीने तक आपका शिशु पलट सकता है, वस्तुओं को पकड़ने के लिए घुटनों के बल दौड़ सकता है, अपने हाथ पैरों को चलकर खुद के साथ खेल सकता है। आप उसे यह करने दें। उसकी सुरक्षा का ध्यान रखें लेकिन उसे रोकें नहीं।
20 सप्ताह के शिशु (20 week old baby) के लिए एक आईने की तरह होती हैं। आपका शिशु क्योंकि आप ही को देखकर बड़ा होता है इसलिए वह आपको कॉपी करने की कोशिश करता है। इसलिए अपने शिशु के सामने ऐसे कोई कार्य न करें जो उस पर एक बुरा प्रभाव डालें। अपने शिशु के लिए आदर्श बनने की कोशिश करें।
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