विकास और व्यवहार
मेरे 4 सप्ताह के शिशु का विकास कैसा होना चाहिए?
अब आपका शिशु चार सप्ताह का हो गया है और इस चरण में वे कई नई चीजें कर सकता है, जैसे कि अंगूठा चूसना और खिलौने मुंह में डालना आदि। अगर आपके शिशु में भी ऐसी आदत है, तो उसके लिए परेशान न हो और न ही उसकी इस आदत को छुड़ाने की कोशिश करें, क्योंकि शिशु का ऐसा करना स्वाभाविक है। इसके अलावा 4 सप्ताह के शिशु की दृष्टि पहले से ज्यादा बेहतर हो चुकी होती है और अब वे 20-35 सेमी तक की दूरी वाली वस्तुएं असानी से देख सकता है।
मुझे 4 सप्ताह के शिशु या 4 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के विकास के लिए क्या करना चाहिए?
4 सप्ताह के शिशु की सुरक्षा को लेकर इस बात का हमशा ध्यान रखें कि उसे पीठ के बल ही लेटाएं, फिर चाहें वे जाग रहा हो या सो रहा हो। ऐसा करने से आपका शिशु कई तरह के खतरों से बच सकता है।
इस चरण के दौरान कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा वक्त आप अपने शिशु के साथ बिताएं। आप उसके चेहरे के समाने बैठें, जिससे वे आपकी तरफ देखने का प्रयास करेगा। आप चाहें तो खेल की तरह तौलिया या हल्का कपड़ा उसके पैरों पर या सीने पर डालें। इससे शिशु अपने उपर से उसे हटाने की कोशिश करेगा। इस तरह के प्रयास से उसकी मांसपेशियां मजबूत होंगी।
4 सप्ताह के शिशु का स्वास्थ्य और सुरक्षा
मुझे डॉक्टर से क्या बात करनी चाहिए?
इस चरण में डॉक्टर की सलाह के अनुसार आपको अपने शिशु को कुछ परीक्षणों के लिए ले जाना चाहिए, आपका डॉक्टर नीचे दिए गए कुछ जांचे कर सकता है, जैसे कि—
- डॉक्टर शिशु की ऐड़ी से कुछ रक्त ब्लड टेस्ट के लिए ले सकते हैं। इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य पाचन क्रिया और यूरिन संबंधित बीमारियों का पता लगाना होता है।
- कुछ मामलों में डॉक्टर हेपेटाइटिस बी के टीके की सलाह दे सकते हैं। दरअसल जन्म के दो महीनों के भीतर कुछ टीके शिशु को लग जाने चाहिए,जैसे कि सिंथेटिक वैक्सीन डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस इत्यादि। इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
- अपने बच्चे का हियरिंग टेस्ट भी करवाएं ताकि ये पता चल जाए कि शिशु को सुनने की क्षमता में कोई दिक्कत तो नहीं है।
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4 सप्ताह के शिशु या 4 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के लिए मुझ किन बातों की जानकारी होनी चाहिए?
शिशु जन्म के बाद शुरूआती पहले महीने में ज्यादा रोते हैं। लेकिन कुछ शिशुओं में कोलिक की समस्या के कारण ये स्थिति तीन महीनों तक बनी रह सकती है। कोलिक रोग तीन महीने से कम उम्र के लगभग 10 से 25 प्रतिशत शिशुओं को प्रभावित करता है। वैसे तो सामान्य सभी शिशु भी शुरुआत के तीन महीनों तक ज्यादा रोते हैं, तो ऐसे में आपका शिशु कहीं कोलिक की समस्या से परेशान होकर तो नहीं रो रहा है, इसे समझने के लिए कुछ डॉक्टरों ने इसके तीन तरीके बताए हैं, पहला अगर आपका बच्चा जब लगातार तीन घंटो तक रोता है और ऐसी स्थिति तीन सप्ताह चलती रहे, तो यह कोलिक का लक्षण हो सकता है। आमतौर पर, ये तीसरे से छठे सप्ताह के बीच शुरू होता है। ये अक्सर शाम के वक्त होता है। इसके अलावा शिशुओं को पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है। इस दौरान शिशु बहुत तीव्रता से रोने लगता है और अपनी मुट्ठी बंद कर लेता है। लेकिन ये समस्या तीसरे महीने के लगभग ठीक हो जाती है।
वैसे तो इस समस्या के हर बच्चे के विभिन्न लक्षण हो सकते हैं और उन्हें अलग—अलग उपायों से आराम मिल सकता है, इसलिए शिशु को राहत पहुंचाने के लिए यहाँ दिए गए कुछ सुझाव आप अपना सकते हैं:
एक शांत और हल्की गर्माहट वाला वातावरण बनाने की कोशिश करें, जिससे कि शिशु को मां के गर्भ जैसा एहसास हो। आप बच्चे को शिशु को हल्के कम्बल में लपेटकर अपनी गोद में सुलाने की कोशिश करें।
अगर शिशु दर्द के कारण भरी चीखों के साथ रोता है, उसका वजन नहीं बढ़ रहा है या उसे अक्सर बुखार रहता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि ये स्वास्थ्य समस्या की कुछ निशानियां हो सकती हैं।
शिशु का रोना कई बार काफी बार आपके लिए निराशाजनक और तनावदायक भी हो सकता है। कई बार ऐसी भी स्थिति आएगी जैसे कि आप अकेले हैं और आपको बाथरूम जाना है तो ऐसे में शिशु के ख्याल के लिए आप किसी मदद भी ले सकते हैं, या इस स्थिति में आप उसे किसी सुरक्षित स्थान पर लेटा दें। इसे के साथ ये भी ध्यान दें कि उसके आसपास कोई ऐसी वस्तु न रखी हो जिससे शिशु को नुकसान पहुंचे।
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4 सप्ताह के शिशु के लिए महत्त्वपूर्ण बातें
4 सप्ताह के शिशु के लिए मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
4 सप्ताह के शिशु या 4 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा बच्चे के अच्छी सेहत के लिए इस बात का भी ध्यान दें कि धूम्रपान का सेवन करने वाला व्यक्ति शिशु के पास न जाए। यदि आप या परिवार का कोई भी सदस्य धूम्रपान करता है, तो इस आदत को आपको छोड़ना होगा। धूम्रपान का धुआं आपके बच्चे के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, जैसे कि फेफड़ों को कमजोर होना, शिशु को कान में संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है और नींद की समस्या हो जाती है। ये सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम के साथ कई और भी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आप अगर ये सोचते हैं कि धूम्रपान छोड़ने से बेहतर है कि आप बच्चे आसपास नहीं जाएंगे, तो आपकी ये धारणा गलत साबित है। इतना ही नहीं आप घर पर सभी को इसके लिए मना करें।
इसके लिए आप अपने डॉक्टर से पूछें कि धूम्रपान कैसे छोड़ें, यदि आप या परिवार का कोई सदस्य तुरंत धूम्रपान नहीं छोड़ सकता है, तो आप अपने डॉक्टर से पूछें कि ऐसे में शिशु की देखभाल कैसे करें और उसे कैसे इसके दुष्प्रभाव से उसे बचाएं।
4 सप्ताह के शिशु या 4 सप्ताह के बच्चे की देखभाल से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संपर्क करें। शिशु की देखभाल करते समय अगर आपको लग रहा है कि बच्चे को समस्या ठीक नहीं हो रही है तो आप को किसी अन्य से राय लेने की बजाय डॉक्टर से राय लेने चाहिए। अगर बच्चा बीमार है तो बीमारी का इलाज घरेलू ना करें। आप डॉक्टर से जानकारी ले और डॉक्टर ने जो भी दवा लेने की सलाह दी हो, उसे समय पर दें। बच्चे की सेहत बहुत ही नाजुक होती है, ऐसे में आपका एक गलत निर्णय उसकी तबीयत खराब कर सकता है।
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