बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा जल्द से जल्द बोलना शुरू कर दे। पेरेंट्स ये उम्मीद करते हैं कि उनका बच्चा बुलाने पर या फिर इशारे करने पर कुछ ना कुछ रिस्पांस दे। उनका यह इंतजार छह महीने बाद खत्म हो जाता है क्योंकि बच्चे इस उम्र में रिस्पांस देना शुरू कर देते हैं। सभी बच्चे एक ही उम्र में रिस्पॉन्स करना शुरू कर दें, ये जरूरी नहीं होता है। कुछ बच्चे ऐसा कुछ ही महीनों बाद करना शुरू कर देते हैं, वहीं कुछ बच्चों को ज्यादा समय लग सकता है। बच्चों का बात करना (When Do Babies Start Talking) कब शुरू होता है, ये सवाल अक्सर ज्यादातर पेरेंट्स के मन में रहता है।
सबसे पहले बच्चा रिस्पॉन्स करना सीखता है यानी जब आप हसेंगे, तो वो भी हंसेगा। वहीं बच्चे की बोलने की उम्र 9 महीने के बाद शुरू हो जाती है। बच्चा किसी भी अक्षर को बार-बार दोहरा सकता है जैसे मा-मा दा-दा आदि। यानी कि अगर कहा जाए कि बच्चे किस उम्र से बोलना शुरू करते हैं तो 9 महीने या 1 साल की उम्र में बच्चों का बात करना (When Do Babies Start Talking) शुरू हो जाताहै। आपको आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से हम बच्चों का बात करना (When Do Babies Start Talking) कब तक शुरू हो जाता है, इस बारे में हम जानकारी देंगे। तो आइए जानते हैं कि आखिर बच्चे बोलना कब शुरू करते हैं।
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बच्चों का बात करना (When Do Babies Start Talking)
भले ही आप को इस बात का एहसास होता है या फिर नहीं लेकिन बच्चे जन्म के बाद सीखना शुरू कर देते हैं। आप बच्चे के सामने जो भी बोलते हैं या जो भी एक्टिविटी करते हैं, बच्चे उन्हें ध्यान से देखते हैं। धीरे-धीरे वह उनसे सीखते हैं और फिर 9 से 14 महीने की उम्र में बच्चे अक्षर बोलना शुरू कर देते हैं। बच्चे कितना जल्दी बोलना शुरू करते हैं यह कहीं ना कहीं आपकी उनसे बात करने, उनके साथ इशारों में खेलने आदि एक्टिविटी पर भी निर्भर करता है। धीमे-धीमे बच्चों की जो स्पीच होती है, वह प्रोग्रेस करती है। सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ बच्चे को जल्दी बोलना सीख जाते हैं, वहीं कुछ बच्चों को थोड़ा समय भी लग सकता है। लेकिन यह चिंता का विषय बिल्कुल नहीं है।
4 महीने की उम्र से बच्चे कुछ बुदबुदाना या समझ न आने वाले स्वरों में बोलना शुरू कर देते हैं। आप अगर ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि 4 महीने के बाद बच्चे के रोने के तरीके को भी बदल देते हैं। यानी कि अगर उन्हें भूख लगी है तो उनका रोना अलग होगा। वही अगर उन्हें नींद आ रही है या वह थके हुए हैं, तो वह अलग तरीके से रो सकते हैं। कई बार बच्चे अपनी जिद मनवाने के लिए भी रोते हैं। यानी वो चार माह की उम्र में ही चीजों को समझने लगते हैं और अपनी तरह से संचार शुरू कर देते हैं।
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बच्चों का बात करना: 6 और 9 माह की उम्र में बच्चों का बोलना
6 महीने की उम्र तक बच्चे अपनी चीजों की समझ रखने लगता है। यानी कि उसे पता चल जाता है कि कौन-सी चीज उसकी हैं। साथ ही वह लगातार अपने आसपास की बातों को सुन रहा होता है और कई शब्दों को शामिल कर रहा होता है।”आह,” “एह” और “ओह” “एम” और “बी” जैसे व्यंजन भी उसके बोल में आपको सुनाई दे सकते हैं। 9 महीने तक पहुंचते-पहुंचते बच्चा मा-मा, बा-बा जैसी कुछ आवाज निकाल सकता है। घरों में अक्सर बच्चों को मम्मा, पापा बोलना पहले सिखाया जाता है। ऐसे में आप 9 महीने में बच्चे से उम्मीद कर सकते हैं कि बच्चा मम्मी या पापा बोलना सीख जाए। लेकिन अगर 9 माह तक बच्चा ऐसा नहीं कर पा रहा है, तो आपको घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।
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बच्चों का बात करना: एक साल तक बच्चा बोल सकता है एक शब्द
जब तक आपका बच्चा 1 साल का हो जाता है, तब तक वह कम से कम एक शब्द कहना शुरू कर सकता है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसे क्या सिखा रहे हैं।एक साल तक बच्चा अपने आसपास के लोगों को उनके नाम से बुला सकता है। जैसे मम्मी, पापा, दादा, दादी आदि। शिशु अक्सर 1 साल की उम्र के आसपास अपना पहला शब्द कहते हैं, लेकिन यह हर बच्चे के लिए अलग-अलग हो सकता है। 18 महीने की उम्र तक बच्चा अधिक स्पष्ट शब्द बोलना शुरू कर देता है।
बच्चों का बात करना: बच्चों को बोलना कैसे सिखाया जाए?
हो सकता है कि कुछ बच्चे 9 माह की उम्र में या फिर 1 साल की उम्र में कुछ बोलना शुरू ना कर पाए। ऐसे में माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है। माता-पिता को यह लगता है कि आखिर बच्चों को कैसे बोलना सिखाया जाए। आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ बच्चे एक साल के बाद बोलना शुरू कर देते हैं। अगर आपको बच्चों को बोलना सिखाना है, तो आपको कुछ अलग से करने की जरूरत नहीं है। आप जो भी एक्टिविटी कर रही हैं, बच्चे उससे बहुत कुछ सीखते हैं। बच्चे के साथ आप रोजाना एक समय फिक्स कर लें, जब आप उससे कुछ बातें करें। ऐसा करने से बच्चे रोज आपकी बातों को सुनेंगे और खुद बोलने की कोशिश करेंगे। जब आप बच्चे को कपड़े पहना रही है या फिर खाना खिला रही है या फिर किसी खिलौने से खिला रही हैं तो आप उन चीजों के नाम बच्चों के सामने ले सकते हैं
आप चाहे तो बच्चों के सामने ऐसी किता भी रख सकती हैं जिनमें बहुत सारे चित्र बने हुए चित्र ऐसे होने चाहिए जो बच्चों के आसपास मौजूद हो और उन्हें आसानी से दिख जाए ऐसे में बच्चे और चित्र को देखकर उनका नाम बोलने का प्रयास करना शुरू कर देते हैं यानी कि बच्चों को बोलना सिखाने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है बस आप उनके सामने वैसे ही करिए जैसे कि आप बाकी घर के सदस्यों के सामने अपनी बातों को रखते हैं।
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बच्चों का बात करना: आप गुनगुना कर सिखा सकते हैं बच्चों को
बच्चों को अगर आप जल्द बात करना सिखाना चाहते हैं, तो आप रोजाना कोई गाना गुनगुना सकते हैं। बच्चे गाने के माध्यम से जल्दी सीखते हैं। आप चाहे तो बच्चे के सामने कोई बुक के माध्यम से भी गाना गुनगुना सकते हैं। नर्सरी राइम के माध्यम से बच्चे जल्दी सीख जाते हैं। आज के समय में बच्चे कम उम्र में ही मोबाइल के संपर्क में आ जाते हैं, तो कि ठीक नहीं होता है। आप बच्चों को मोबाइल देने के बजाय विभिन्न चित्रों वाली पुस्तक दें। बच्चे चित्रों को देखकर और गाने के माध्यम से चीजों को समझना जल्दी शुरू करते हैं।
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इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों का बात करना (When Do Babies Start Talking) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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