भले ही आप को इस बात का एहसास होता है या फिर नहीं लेकिन बच्चे जन्म के बाद सीखना शुरू कर देते हैं। आप बच्चे के सामने जो भी बोलते हैं या जो भी एक्टिविटी करते हैं, बच्चे उन्हें ध्यान से देखते हैं। धीरे-धीरे वह उनसे सीखते हैं और फिर 9 से 14 महीने की उम्र में बच्चे अक्षर बोलना शुरू कर देते हैं। बच्चे कितना जल्दी बोलना शुरू करते हैं यह कहीं ना कहीं आपकी उनसे बात करने, उनके साथ इशारों में खेलने आदि एक्टिविटी पर भी निर्भर करता है। धीमे-धीमे बच्चों की जो स्पीच होती है, वह प्रोग्रेस करती है। सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ बच्चे को जल्दी बोलना सीख जाते हैं, वहीं कुछ बच्चों को थोड़ा समय भी लग सकता है। लेकिन यह चिंता का विषय बिल्कुल नहीं है।
4 महीने की उम्र से बच्चे कुछ बुदबुदाना या समझ न आने वाले स्वरों में बोलना शुरू कर देते हैं। आप अगर ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि 4 महीने के बाद बच्चे के रोने के तरीके को भी बदल देते हैं। यानी कि अगर उन्हें भूख लगी है तो उनका रोना अलग होगा। वही अगर उन्हें नींद आ रही है या वह थके हुए हैं, तो वह अलग तरीके से रो सकते हैं। कई बार बच्चे अपनी जिद मनवाने के लिए भी रोते हैं। यानी वो चार माह की उम्र में ही चीजों को समझने लगते हैं और अपनी तरह से संचार शुरू कर देते हैं।
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बच्चों का बात करना: 6 और 9 माह की उम्र में बच्चों का बोलना
6 महीने की उम्र तक बच्चे अपनी चीजों की समझ रखने लगता है। यानी कि उसे पता चल जाता है कि कौन-सी चीज उसकी हैं। साथ ही वह लगातार अपने आसपास की बातों को सुन रहा होता है और कई शब्दों को शामिल कर रहा होता है।”आह,” “एह” और “ओह” “एम” और “बी” जैसे व्यंजन भी उसके बोल में आपको सुनाई दे सकते हैं। 9 महीने तक पहुंचते-पहुंचते बच्चा मा-मा, बा-बा जैसी कुछ आवाज निकाल सकता है। घरों में अक्सर बच्चों को मम्मा, पापा बोलना पहले सिखाया जाता है। ऐसे में आप 9 महीने में बच्चे से उम्मीद कर सकते हैं कि बच्चा मम्मी या पापा बोलना सीख जाए। लेकिन अगर 9 माह तक बच्चा ऐसा नहीं कर पा रहा है, तो आपको घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।