आपका बच्चा 9 महीने का हो चुका है और जल्द ही उसका बर्थडे आना वाला है और हाल ही में आपको पता चला है कि आप फिर से प्रेग्नेंट हैं, तो ऐसे में आपके मन प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) को लेकर कई सवाल आ सकते हैं। क्योंकि ऐसे में महिला की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। उसे अपने बड़े शिशु का भी ध्यान रखना होता है और आने वाले बच्चे का भी। ऐसे में आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) दोनों सुरक्षित हो। क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ऑक्सिटॉसिन (Oxytocin) हॉर्मोन रिलीज होता है। जो कि माइल्ड यूटेराइन कॉन्ट्रैक्शन (Uterine contractions) का कारण बन सकता है।
इसलिए प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। चलिए जान लेते हैं उनके बारे में।
सबसे पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें (Ask to your doctor first)
जब बच्चों का सवाल हो तो हम जरा भी लापरवाह नहीं हो सकते। सामान्य तौर पर प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) दोनों का एक साथ होना सुरक्षित है। यद्यपि ब्रेस्ट मिल्क में प्रेग्नेंसी हॉर्मोन (Pregnancy Hormone) की थोड़ी मात्रा मौजूद हो सकती है, लेकिन ये ब्रेस्ट फीड करने वाले बच्चे के लिए नुकसानदेह नहीं है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान रिलीज होने वाला ऑक्सिटॉसिन हॉर्मोन कम मात्रा में रिलीज होता है। इसलिए ये प्रीटर्म लेबर (Preterm labor) को इंड्यूस नहीं करता। इस हॉर्मोन के कारण होने वाला संकुचन बहुत मामूली होता है जिससे मिसकैरिज (Miscarriage) की आशंका बेहद कम होती है।
हालांकि, कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर बच्चे का दूध छुड़ाने की सलाह दे सकता है। जो निम्न हैं।
- अगर प्रेग्नेंसी हाय रिस्क (High risk Pregnancy) है या मिसकैरिज का रिस्क है।
- अगर आप ट्विन्स बच्चों की मां बनने वाली हैं।
- अगर आपको यूटेराइन में दर्द या ब्लीडिंग हो रही है।
- अगर प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स ना करने की सलाह दी गई है।
अपने डॉक्टर से बात करें कि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्टफीडिंग करानी चाहिए या नहीं। अगर वे किसी प्रकार की विशेष स्थिति को देखते हुए मना करते हैं, तो परेशान ना हों। ब्रेस्टफीडिंग के लिए कुछ ऑल्टरनेटिव ऑप्शन्स भी उपलब्ध हैं। जिनमें फॉर्मूला मिल्क, सप्लिमेंट्स आदि शामिल हैं। डॉक्टर आपको इसके बारे में जानकारी देंगे।
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ब्रेस्टफीडिंग के समय लेट जाएं (lie down while breastfeeding)
यह बात तो सभी जानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग में एनर्जी की जरूरत होती है। शिशु को ब्रेस्टफीड कराना और डेवलपिंग बेबी का ध्यान रखना थकाने वाला हो सकता है। इसलिए ब्रेस्टफीडिंग के दौरान लेट जाएं। ऐसे में आपको आराम करने का अतिरिक्त समय मिल जाएगा। जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी का समय बढ़ता जाएगा। आपको ब्रेस्टफीड कराने के लिए नई-नई पॉजिशन को आजमाना होगा। जो कि वर्तमान शिशु के साथ ही आने वाले शिशु के लिए भी आरामदायक हों। साथ ही खुद के कंफर्ट का भी ध्यान रखना होगा। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आपको प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) को मैनेज करना होगा।
मिल्क सप्लाय को मॉनिटर करें (Monitor your milk supply)
ज्यादातर महिलाओं में बच्चे के जन्म के 4 से 5 महीने बाद मिल्क सप्लाय का होना कम होने लगता है। इसलिए जरूरी है कि इस दौरान बच्चे की पोषक तत्वों की पूर्ति का ख्याल रखें। अगर वे ब्रेस्ट मिल्क से सटिस्फाय हो रहे हैं और ग्रोथ और वेट मार्कर्स को हिट कर रहे हैं, चिंता की कोई बात नहीं है। दूसरे पोषक तत्व बच्चे के ब्रेस्ट मिल्क के इंटेक को कम कर सकते हैं। इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
एक बार जब आपका नया बच्चा आ जाता है, तो उसके लिए कोलोस्ट्रम (Colostrum) या आपका अर्ली मिल्क मिलना महत्वपूर्ण होता है। इसे ध्यान में रखते हुए, आप नए बच्चे के जन्म के बाद इन महत्वपूर्ण पहले कुछ दिनों के दौरान अपने बड़े बच्चे को पहले दूध पिलाने और/या अस्थायी रूप से अपने बड़े बच्चे के दूध पिलाने को सीमित करने का निर्णय ले सकते हैं और इस प्रकार प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) को मैनेज कर सकते हैं।
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बड़े बच्चे का दूध कैसे छुड़ाएं? (How to wean your older child)
अगर आप कई सारे एडजस्टमेंट नहीं कराना चाहतीं और आपने बच्चे का दूध छुड़ाने का निणर्य कर लिया है, तो ऐसा धीरे-धीरे करें। इसके लिए दिन में जितनी बार फीड कराती थी उसमें कमी लाएं, देर से दूध पिलाएं और कम समय के लिए दूध पिलाएं। अगर बच्चा इतना बड़ा हो चुका है कि वह समझने लगा तो उससे कहें कि दूध पिलाने से निप्पल में दर्द होता है।
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डायट का ध्यान रखें (Consider your diet)
अब तक आप जान चुकी होंगी कि प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) दोनों के ही दौरान हेल्दी डायट कितनी महत्वपूर्ण है। इस दौरान एडिशनल कैलोरीज का सेवन बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग दोनों में अधिक मात्रा में कैलोरीज की जरूरत होती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप अपनी ओवरऑल हेल्थ को ध्यान में रखकर पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज ले रहे हैं। जिसके लिए निम्न रूल है।
- यदि आपका ब्रेस्टफीड करने वाला बच्चा अन्य खाद्य पदार्थ भी खा रहा है तो 500 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता है या यदि वह 6 महीने से कम उम्र का है तो 650 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता है।
- यदि आप अपनी गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में हैं तो 350 अतिरिक्त कैलोरी आवश्यक है। वहीं यदि आप अपनी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में हैं, तो 450 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता है।
- अधिकांश हेल्थ केयर प्रोवाइड इस बात से सहमत हैं कि यदि आप अपनी गर्भावस्था की पहली तिमाही में हैं, तो अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता नहीं है, जिसे अक्सर उन मांओं के लिए पॉजिटिव माना जाता है जो मॉर्निंग सिकनेस या मतली का अनुभव कर रही हैं।
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निप्पल केयर (Nipple care) है जरूरी
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) दोनों के दौरान निप्पल केयर बेहद जरूरी है क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में दर्द की समस्याओं से अक्सर महिलाओं को गुजरना पड़ता है। वहीं प्रेग्नेंसी के लक्षणों में से एक है निप्पल में दर्द होना। इसलिए सेल्फ केयर की जरूरत काफी ज्यादा हो सकती है। ऐसे में लैनोलिन और हाइड्रोजेल पैड lanolin and hydrogel pads जैसे उत्पादों का उपयोग करने से कुछ आवश्यक राहत मिल सकती है।
टैंडेम फीडिंग (Tandem feeding) क्या है?
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) को मैनेज करने के लिए टैंडेम फीडिंग एक अच्छा ऑप्शन है। आप नवजात शिशु के साथ ही बड़े बेबी को भी फीड करना चालू रख सकती हैं। इसे ही टैंडेम फीडिंग कहा जाता है। ऐसे में भी न्यूबोर्न को कोलेस्ट्रम मिलेगा। आपको ओल्डर चाइल्ड के इंटेक को कम करने की जरूरत भी नहीं है। टेंडेम फीलिंग के कई तरीके हैं। आप दोनों बच्चों को एक ही समय पर फीड करा सकती हैं या आप पहले न्यूबोर्न को फीड कराने के बाद ओल्डर चाइल्ड को फीड करा सकती हैं। ऐसे में लेटकर फीड कराना ज्यादा आसान होगा।
आप ऐसा महसूस कर सकती हैं कि ओल्डर चाइल्ड हर वक्त दूध पीना चाहता है क्योंकि आपके ब्रेस्ट में काफी सारा मिल्क है। अगर आप चाहें तो आप उसके फीड को सीमित कर सकती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि नवजात शिशु को बहुत अधिक दूध के उत्पादन से परेशानी हो रही हो। ऐसे में आप पहले बड़े बच्चे को दूध पिला सकती हैं। नवजात शिशु को दूसरे ब्रेस्ट या सेम ब्रेस्ट से दूध पिला सकती हैं।
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टैंडेम नर्सिंग (Tandem Nursing) के साथ ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) की आपूर्ति कैसे बनी रहती है?
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग को मैनेज करने के लिए अगर आप टैंडेम नर्सिंग का सहारा ले रही हैं और आपके मन भी यही सवाल है, तो बता दें कि हमारा शरीर एक अद्भुत मशीन है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं एक बार में दो बच्चों के लिए पर्याप्त दूध का उत्पादन कर सकती हैं। जैसे कि जुड़वा बच्चों की मांएं करती हैं। जैसा कि आपने शायद अपने बड़े बच्चे के साथ सीख लिया होगा कि स्तनपान डिमांड और सप्लाय पर आधारि है। जब ब्रेस्ट से अधिक मिल्क निकाल लिया जाता है, तो वे उत्पादन को बढ़ा देते हैं, इसलिए महिला के पास दोनों बच्चों के लिए पर्याप्त मिल्क होगा।
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ये ना भूलें
इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना होगा। यह सुनिश्चित करना न भूलें कि जन्म देने के बाद शुरुआती दिनों में आपके नवजात शिशु को कोलोस्ट्रम की पूर्ति हो जाती है, लेकिन एक बार जब मैच्योर मिल्क आ जाए, तो याद रखें कि आपका नवजात भोजन और अन्य तरल पदार्थों से कैलोरी के लिए आपके दूध पर निर्भर है, तो सामान्य तौर पर, यह अच्छा होगा कि उसे पहले उसे भरे ब्रेस्ट से मिल्क पिलाया जाए।
आप अपने नवजात शिशु के संकेतों पर ध्यान देकर अपनी आपूर्ति पर भी नजर रख सकती हैं। उसे 24 घंटे की अवधि में कम से कम आठ से 12 बार दूध पिलाना चाहिए। यदि ये बैंचमार्क पूरे नहीं हो रहे हैं या आपको अन्य चिंताएं हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ से बात करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग (Pregnancy and breastfeeding) दोनों को कैसे मैनेज किया जा सकता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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