जैसे ही नवजात शिशु छह महीने का होता है उसे क्या खिलाना है और क्या नहीं, यही सवाल एक मां के मन में चलता रहता है। कुछ फूड्स होते हैं जिनको उसी दिन से दिया जा सकता है जिस दिन से वीनिंग (स्तनपान छोड़ना) का प्रोसेस शुरू होता है। वहीं, कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो शिशु के आहार में धीरे-धीरे पेश किए जाते हैं और ऐसा ही कुछ देसी घी के साथ है। घी कई पोषक तत्वों से भरपूर शिशु को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही बच्चों के लिए घी मस्तिष्क के विकास में भी मददगार होता है। इस आर्टिकल में इसी बारे में बताया गया है कि बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद है और उन्हें कब से घी देना शुरू करना चाहिए।
घी (ghee) क्या है?
ज्यादातर घरों में इस्तेमाल किया जाने वाला घी क्लैरिफाइड बटर (clarified butter) का एक रूप है। इसका उपयोग केवल खाद्य पदार्थों में ही नहीं बल्कि दवा के रूप में भी किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, सैचुरेटेड फैट के साथ ही अन्य सभी पोषक तत्वों के साथ इसमें कुछ मात्रा में विटामिन ए, ई और डी भी होता है। ओमेगा -3 एस (मोनोअनसैचुरेटेड वसा), कन्ज्यूगेट (conjugated) लिनोलिक एसिड और ब्यूटिरिक एसिड भी घी में भी पाया जाता है। ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे को घी घर का बना हुआ ही देना चाहिए।
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बच्चे को घी कब से देना शुरू करना चाहिए?
छह महीने की उम्र से ही बच्चे घी का सेवन शुरू कर सकते हैं। कुछ जगहों में शिशु के भोजन में इसे मुख्य डायट्री फैट के रूप में दिया जाता है। गाय के दूध का घी, भैंस के दूध का घी जैसे कई तरह के घी मार्केट में उपलब्ध हैं। बच्चों के लिए गाय का घी सबसे सही रहता है। यदि आपके बच्चे को दूध की एलर्जी या लैक्टोज इनटॉलेरेंस है, तो बच्चे को घी देने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
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आप बच्चों को कितना घी दे सकते हैं (Ghee For Kids)?
शिशुओं के लिए घी के सेवन की कोई निर्धारित सीमा नहीं है। सामान्य तौर पर, 12 महीने से कम उम्र के बच्चे हर दिन एक चम्मच घी का सेवन कर सकते हैं। बच्चे की उम्र के लिए घी की सुरक्षित सीमा निर्धारित करने के लिए आप अपने बाल रोग विशेषज्ञ या पीडियाट्रिक डायटीशियन से सलाह ले सकती हैं।
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बच्चे के आहार में घी कैसे शामिल करें?
घी को विभिन्न तरीकों से बच्चे की डायट में शामिल किया जा सकता है। दाल या खिचड़ी में घी की कुछ बूंदें डालकर बच्चे को घी देना शुरू कर सकते हैं। बच्चों के लिए दलिया में घी की कुछ बूंदें डाली जा सकती हैं। टॉडलर्स को चपातियों या पराठों पर घी लगाकर दे सकते हैं। तेल में खाना पकाने की जगह घी का उपयोग कम मात्रा में भी किया जा सकता है। आप ब्रेड पर मक्खन के बजाय घी का उपयोग कर सकते हैं।
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बच्चों के लिए देसी घी के स्वास्थ्य लाभ (Health benefits for Ghee)
नीचे कुछ संभावित लाभ बताए गए हैं, बच्चा घी के नियमित सेवन से ये हेल्थ बेनेफिट्स पा सकता है। जैसे-
- पचाने में आसान: घी बनाने की प्रक्रिया दूध में मौजूद लैक्टोज और कैसिइन कंटेंट को कम करती है। लैक्टोज इन्टॉलरेंस वाले बच्चों के लिए घी को पचाने में मदद मिल सकती है।
- ऊर्जा का स्रोत: एक चम्मच घी शरीर को 112Kcal एनर्जी देता है। इसलिए, बढ़ते हुए बच्चों के लिए घी ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत माना जाता है।
- हेल्दी वेट गेन : नियमित रूप से सीमित मात्रा में सेवन करने से घी स्वस्थ वजन बढ़ाने में मदद कर सकता है। घी में संयुग्मित लिनोलिक एसिड (सीएलए) होता है, जो दूध और मीट प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। अध्ययनों से पता चला है कि सीएलए फैट युक्त मास को कम करके बोन मास में सुधार कर सकता है। घी की यह विशेषता शिशुओं में स्वस्थ वजन बढ़ाने के लिए फायदेमंद है।
- पोषक तत्व : बच्चों को घी जब एक उचित मात्रा में दिया जाता है, तो घी विटामिन-डी, ई और के जैसे वसा में घुलनशील विटामिन शरीर को मिल सकते हैं। यह सीएलए, एससीएफए और एमसीएफए जैसे महत्वपूर्ण बायोएक्टिव यौगिक प्रदान करता है।
- बोन हेल्थ : घी में पाया जाने वाला संयुग्मित लिनोलिक एसिड (सीएलए) बोन मास को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। विटामिन डी और कैल्शियम का एक स्रोत घी स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
- इम्युनिटी : गाय के घी में इम्युनोमोडुलेटरी गुण होते हैं। ये गुण स्पिंगोलिपिड्स नामक लिपिड की उपस्थिति की वजह से होते हैं। ये आंत की परिपक्वता की सहायता करके इम्युनिटी को सपोर्ट करते हैं।
- संज्ञानात्मक विकास (Cognitive development) : गाय के घी में डीएचए, कोलीन और स्पिंगोलिपिडस्टैट मस्तिष्क और संज्ञानात्मक विकास में आवश्यक भूमिका निभाता है।
- एंटी-माइक्रोबॉयल इफेक्ट : वैकल्पिक चिकित्सा में, गाय के घी का उपयोग विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। यह फॉस्फो लिपिड की उपस्थिति के कारण होता है।
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बच्चों के लिए घी के संभावित दुष्प्रभाव
जब कम मात्रा में सेवन किया जाता है, तो घी शायद ही कभी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करे। घी के अधिक सेवन के कुछ संभावित दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं-
- घी के नियमित सेवन से बच्चे को अतिरिक्त कैलोरी मिलती है, जिससे वजन बढ़ सकता है। ज्यादा मात्रा में लंबे समय तक सेवन बच्चे के मोटापे के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- घी का अधिक सेवन अपच और भूख न लगने की समस्या पैदा कर सकता है क्योंकि इससे पेट अधिक समय तक भरा रह सकता है।
अपने बच्चो को घी देते समय सावधानी बरतने से किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने में मदद मिल सकती है।
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बच्चों के लिए घी देते समय सावधानी बरतें
नीचे बताए गए टिप्स शिशु के लिए घी के सुरक्षित सेवन में मदद कर सकते हैं।
- बच्चों के लिए घर का बना ही घी सही होता है। अगर घर पर घी तैयार करना संभव नहीं है, तो फ्रेश ऑर्गेनिक घी खरीद सकते हैं।
मध्यम मात्रा में ही बच्चों को घी दें।
- यदि बच्चे में इन्टॉलरेंस का कोई भी लक्षण दिखे, तो घी देना बंद कर दें।
- यदि आपका बच्चा नियमित रूप से अपच का अनुभव करता है, तो घी देना बंद कर दें और कुछ दिनों तक निरीक्षण करें।
- अगर बच्चे को पीलिया, हेपेटाइटिस या कोई अन्य लिवर डिसऑर्डर है, तो घी का उपयोग करने से बचें।
- आयुर्वेद के अनुसार, सर्दी और खांसी के दौरान घी के सेवन से बचना चाहिए।
याद रखें, बच्चों के लिए घी तब ही फायदेमंद होगा जब इसे शिशु के संतुलित आहार का हिस्सा बनाया जाए।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या बच्चों के लिए आहार में नारियल तेल देना सुरक्षित हैं?
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार नारियल तेल में हेल्दी फैट पाया जाता है। इसलिए, बच्चे के आहार में इसे शामिल करने का सुझाव दिया जाता है। हालांकि, बच्चों के लिए कोकोनट ऑयल का मॉडरेट कंसम्पशन ही लाभदायक होता है।
क्या बच्चों को मक्खन देना सुरक्षित है?
बच्चों के लिए सबसे अच्छा रॉ मक्खन या ऑर्गेनिक बटर अच्छा रहता है। पाश्चराइजेशन सभी आवश्यक पोषक तत्वों को नष्ट कर देता है। इसलिए, कल्चर्ड बटर देना बच्चों की हेल्थ के लिए अच्छा रहेगा। इसमें लैक्टोकोकस लैक्टिस (lactococcus lactis) और लैक्टोबैसिलस प्लांटर (lactobacillus planterum) जैसे अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। ये जीवाणु शरीर के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं।
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