अगर आपने बच्चे को समय पर पोलियो वैक्सीन नहीं पिलाई है और बच्चा पोलियो से ग्रस्त हो चुका है, तो ऐसे में वैक्सीन का असर नहीं दिखता है क्योंकि एक बार संक्रमण हो जाने पर उसे ठीक नहीं किया जा सकता है बल्कि बीमारी के लक्षणों को कम ही किया जा सकता है। बच्चों को पोलियो वैक्सीन (IPV) के चार डोज दिए जाते हैं। इसका पहला डोज 2 मंथ में, दूसरा डोज 4 मंथ में, तीसरा डोज 6-18 महीने और चौथा डोज 4-6 वर्ष की उम्र में दिया जाता है। अगर आप बच्चे को पोलियो ड्राप पिला रहे हैं, तो डॉक्टर से जानकारी लें कि बच्चे को कब ड्राप पिलानी चाहिए।
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अगर बच्चे को पोलियो हो जाता है और उसे लकवे की शिकायत हो जाती है, तो डॉक्टर पेन किलर के साथ ही फिजिकल थेरिपी (Physical therapy) की सलाह देते हैं। मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए हीटिंग पैड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। डॉक्टर मसल्स में हो रही समस्याओं को कम करने के लिए कुछ दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है। इस आर्टिकल में हमने आपको बायोमेड पोलियो वैक्सीन (Biomed polio vaccine) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।