के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
डिस्लेक्सिया सीखने समझने में होने वाली कठिनाई है जो पढ़ने में दिक्कत, लिखने और वर्तनी की समस्याओं का कारण बनती है। यह बुद्धि को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन, बच्चे सीधे अक्षर को उल्टा लिखते हैं, जो एक तरह की लर्निंग डिसेबिलिटी है।
यह ज्यादातर बच्चों में होता है और वयस्क होने तक इसका पता नहीं चल पाता है। बच्चों में होने वाली लर्निंग डिसेबिलिटीज बहुत आम हैं। साथ ही यह भी जान लें कि लर्निंग डिसेबिलिटी को मेंटल रिटायर्डनेस न समझें। इनके कारण बच्चों को नई चीजें सीखने में परेशानी हो सकती है। साथ ही अगर आपके बच्चे को चीजें सीखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो इस परेशानी को पहचान कर किसी प्रोफेशनल की मदद लें और इससे निपटने के लिए रणनीति बनाएं। बच्चों में पाई जाने वाली डिस्लेक्सिया और डिसकैल्कुलिया ऐसी ही आम लर्निंग डिसेबिलिटीज हैं, जिनके कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है।
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डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के सामान्य लक्षण निम्न हैं
कुछ ऐसे लक्षण भी हो सकते है जिन्हें लिस्टेड नहीं किया गया है। यदि आपको किसी लक्षण को लेकर कोई चिंता है, तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
किशोवस्था और वयस्कों में डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के लक्षण
ज्यादातर मामलों में डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के लक्षण बचपन और जवानी में एक जैसे ही होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में इनकी स्थिति ठीक या अधिक गंभीर हो सकती है। यह पूरी तरह से बच्चे की देखभाल और इलाज पर निर्भर करता है।
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जब आप देखते है कि बच्चे में रीडिंग स्पीड कम या आप उसके अंदर ऐसे कुछ सिम्टम्स या साइन देखते है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। बचपन मे यह पकड़ में नहीं आता लेकिन ये बड़े होने तक पनपता रहता है।
डिस्लेक्सिया (Dyslexia) का कारण पर्सनल इंटेलिजेंस या बुद्धिमत्ता नहीं है। इसका संबंध कुछ ऐसे जीन्स से है जो मस्तिष्क के विकास को नियंत्रित करते हैं। यह एक विरासत में मिली हुई स्थिति है जो ब्रेन की अक्षरों और शब्दों को समझने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।
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डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के कारण कई प्रकार की समस्या हो सकती हैं जिनमें शामिल हैं –
बच्चों के लिए समस्या – बच्चों में डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के कारण स्कूल में पढ़ने और बातें याद रखने में समस्या आ सकती है। जिसके कारण वह अपने दोस्तों से अलग महसूस कर सकते हैं। डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के कारण बच्चे को केवल एक ही विषय नहीं बल्कि कई या सभी विषय को समझने और याद करने में मुश्किल हो सकती है।
वयस्कों में समस्या – बचपन की समस्या व्यक्ति को जवानी में और अधिक परेशान कर सकती हैं। इसके कारण उनकी नौकरी और रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।
सामाजिक परेशानियां – यदि बचपन में डिस्लेक्सिया का इलाज नहीं करवाया जाए तो यह आगे जा के व्यक्ति को सामाजिक दिक्कतें पैदा कर सकती है। इस स्थिति के कारण व्यक्ति का आत्मविश्वास कम रहता है, वह लोगों के आगे अपने विचार रखने में हिचकिचाते हैं और साथ ही दोस्त बनाने में मुश्किलें आती है। इसके अलावा डिस्लेक्सिया के कारण व्यक्ति अवसाद, एंग्जायटी और गुस्सैल हो सकता है।
डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के कई रिस्क फैक्टर हैं, जैसे:
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प्रदान की गई जानकारी को किसी भी चिकित्सकीय सलाह के रूप ना समझे । अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
छोटे बच्चों में डिस्लेक्सिया (Dyslexia) का निदान करना कठिन हो सकता है क्योंकि डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के संकेत हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करे।
रोगी का नेचुरल ग्रोथ, एकेडमिक रिजल्ट, मेडिकल हिस्ट्री
परिवार का इतिहास
प्रश्नावली: बच्चे की भाषा पे कितनी अच्छी पकड़ है इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके बच्चे से कुछ सवालों के जवाब देने के लिए कह सकते हैं
दृष्टि, श्रवण और मस्तिष्क (न्यूरोलॉजिकल) टेस्ट
मनोवैज्ञानिक परीक्षण: डॉक्टर सामाजिक मुद्दों की जांच करने के लिए आपके बच्चे की मानसिक स्थिति के बारे में प्रश्न पूछ सकता है, ऐसी कोई बात या चिंता जो उसकी क्षमताओं को प्रभावित कर सकती है
पढ़ना और अन्य एकेडमिक स्किल टेस्ट
डिस्लेक्सिया (Dyslexia) को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल होता है, लेकिन स्कूल और माता-पिता द्वारा समय रहते मानसिक और सामाजिक सहयोग मिलता है तो काफी हद तक इसे ठीक किया जा सकता है।
शैक्षिक प्रेरणा : टीचर कुछ सुनने देखने और महसूस करने वाली टेकनीक का इस्तेमाल कर बच्चे की रीडिंग एबिलिटी में सुधार ला सकते है । एक रीडिंग एक्सपर्ट भी आपके बच्चे को शब्द बनाना सीखा सकता है जैसे वो बच्चे को जोर से पढ़ने को बोल सकता
माता-पिता की देखभाल: बच्चे के माता-पिता को इस समस्या को जल्द से जल्द क्रैक करना चाहिए और बच्चे को रोज जोर से या ऊंची आवाज में पढ़ने की प्रैक्टिस करानी चाहिए
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निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार डिस्लेक्सिया (Dyslexia) से निपटने में मदद कर सकते हैं:
सहायक बनें: बच्चे के सेल्फ रेस्पेक्ट या आत्मसम्मान को बेहतर बनाने के लिए उसे प्रोत्साहित करें
नियमित रूप से शिक्षकों से चर्चा करें।
जो बच्चे डिस्लेक्सिया (Dyslexia) का शिकार होते हैं उनमें हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) होने का खतरा अधिक रहता है। इसके कारण डिस्लेक्सिया (Dyslexia) संबंधित परेशानियां और अधिक बढ़ जाती हैं। बच्चे देर तक अपना ध्यान केंद्रित नहीं रख पता है। इसके साथ ही उसका व्यवहार संवेगशील हो जाता है जिसके कारण डिस्लेक्सिया (Dyslexia) का इलाज कर पाना और भी मुश्किल हो जाता है।
इस आर्टिकल में हमने आपको डिस्लेक्सिया (Dyslexia) से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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