परिचय
गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia) क्या होता है?
गैलेक्टोसेमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर चीनी को मेटाबोलाइज यानी पचाने में सक्षम नहीं होता है। गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia) से प्रभावित व्यक्ति किसी भी प्रकार के डेयरी उत्पादों को पचाने में असमर्थ होते हैं। ऐसे लोगों को गैलेक्टोज यानी मिठास युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। डेयरी उत्पाद (Dairy product) और दूध शरीर में गैलेक्टोज के जमा होने का कारण बनता है। इससे लिवर (Liver), गुर्दे (Kidney), आंखों (Eye) और मस्तिष्क (Brain) की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। वहीं रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार क्लासिक गैलेक्टोसिमिया 1 से 30,000 नवजात शिशुओं में 60,000 में होता है।
यह एक अनुवांशिक बीमारी (Genetic disease) होती है जो पीढ़ियों से चली आती है। शोधकर्ताओं ने कई प्रकार के गैलेक्टोसेमिया की पहचान की है।
· क्लासिक गैलेक्टोसेमिया टाइप-1 (Classic Galactosemia Type 1) इस बीमारी का एक प्रकार है। यह एक आम बीमारी है, लेकिन इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। क्लासिक गैलेक्टोसेमिया (Classic Galactosemia) वाले बच्चों को कम-गैलेक्टोज वाले आहार खिलाकर तुरंत उनका इलाज करना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं किया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। इस बीमारी से प्रभावित शिशुओं में खाने-पीने में परेशानी, ऊर्जा की कमी (सुस्ती), वजन न बढ़ना , त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का पीला होना (पीलिया) जैसे लक्षण दिखते हैं। इस बीमारी के अन्य गंभीर परिणामों में बैक्टीरिया संक्रमण (Bacterial Infection) (सेप्सिस) भी शामिल है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के विकास में देरी, बोलने में परेशानी और बौद्धिक विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है। क्लासिक गैलेक्टोसेमिया के चलते महिलाओं को प्रजनन (Female reproductive) समस्याएं हो सकती हैं। गैलेक्टोसिमिया टाइप 2 (Galactosemia Type 2) और टाइप 3 (Galactosemia Type 3) के लक्षण अलग तरह के होते हैं। गैलेक्टोसिमिया टाइप 2 से प्रभावित शिशु को मोतियाबिंद (Cataract) हो जाता है। शरीर में लंबे समय तक चलने वाली कुछ बीमारी भी होती हैं। गैलेक्टोसेमिया टाइप 3 (Galactosemia Type 3) के संकेत और लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसमें मोतियाबिंद, विकास में देरी, बौद्धिक विकलांगता, यकृत रोग और गुर्दे की समस्याएं (Kidney disease) शामिल होती हैं।
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कितना आम है गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia)?
गैलेक्टोसेमिया आम बीमारी नहीं है। यह आयरिश आबादी के बीच देखी जाने वाली है। क्लासिक गैलेक्टोसेमिया 30,000 से 60,000 नवजात शिशुओं में 1 में होता है। गैलेक्टोसेमिया टाइप 2 (Galactosemia Type 2) संभवतः 100,000 नवजात शिशुओं में 1 को प्रभावित करता है और टाइप 3 बहुत दुर्लभ बीमारी है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
लक्षण
गैलेक्टोसेमिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Galactosemia)
गैलेक्टोसेमिया के लक्षण (Symptoms of Galactosemia) कुछ इस प्रकार सामान्य हैं-
- वजन में कमी (Weight loss) आना
- कमजोरी (Weakness) और सुस्ती
- थकान महसूस होना
- दूध पीने से मना करना
- चिड़चिड़ापन (Irritating) महसूस होना
- झटके लगना
- जल्दी सीख न पाना
- ठीक से बोल न पाना
- लिवर पर नेगेटिव प्रभाव पड़ना
- पीलिया (Jaundice) होना
- मूत्र का पीला होना
- मिट्टी के रंग का मल
- पीली त्वचा (Yellow skin) होना या त्वचा का पीला पड़ना
- पीली आँखें (Yellow Eye) होना
- मतली और उल्टी
- दस्त (Diarrhea)
इन लक्षणों के साथ-साथ गैलेक्टोसेमिया के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों को इग्नोर ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर दिए गए लक्षणों में से कुछ भी नजर आए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। हालांकि जन्म के समय ही डॉक्टर को मां से बच्चे को होने वाली इस बीमारी का पता चल जाता है। फिर भी ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
कारण
गैलेक्टोसेमिया के कारण क्या हैं? (Cause of Galactosemia)
यह एक आनुवांशिक बीमारी है। अगर मां और पिता को ये बीमारी होती है तो बच्चे को भी होने की पूरी संभावना होती है। यह एक जैनेटिक डिसऑर्डर (Genetic disorder) है। यदि माता-पिता में से किसी को ये है तो फिर यह डिजीज बच्चे को भी हो सकता है।
- डेयरी उत्पादों में मौजूद लैक्टोज (Lactose) को लैक्टेज नामक एंजाइम ग्लूकोज (Enzyme glucose) और गैलेक्टोज में विभाजित कर देता है। जिससे शरीर इन खाद्य पदार्थों को तुरंत पचा लेता है।
- एंजाइम की कमी
- लैक्टेज एंजाइम की कमी, गैलेक्टोसेमिया 2 (Galactosemia Type 2) से पीड़ित रोगी में पाई जाती है।
गैलेक्टोज कब विषाक्त (Toxic) हो जाता है-
- गैलेक्टोज की ज्यादा मात्रा यकृत, गुर्दे, दिमाग (Brain) की बीमारी के साथ आंख की रोशनी जाने का कारण बनती है।
गैलेक्टोसेमिया गैलेक्टोज एपिमेरेज डेफिशिएंसी (टाइप 3), गेल जीन में उत्परिवर्तन के कारण और एंजाइम यूडीपी-गैलेक्टोज 4-एपिमेरेज (enzyme UDP-galactose-4-epimerase) की कमी के कारण होने वाली बीमारी है। इसलिए अगर आपको इस बीमारी के लक्षण समझ आ रहें हैं, तो देर ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
जोखिम
क्या चीजें हैं जो गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia) की संभावना को बढ़ा सकती हैं?
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि डेयरी उत्पाद और दूध की चीजें खाने से गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia) की संभावना बढ़ जाती है। इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
उपचार
गैलेक्टोसेमिया का परीक्षण कैसे किया जा सकता है?(Diagnosis of Galactosemia)
- यूरिन परीक्षण (Urine test)
यूरिन परीक्षण से इन चीजों के बारे में पता चलेगा-
- अमीनो अम्ल
- यूरिन में कीटोन
- यूरिन में गैलेक्टोज का ज्यादा होना
- इसके अलावा डॉक्टर खून की जांच भी कर सकता है।
गैलेक्टोसेमिया टेस्ट नवजात बच्चों के लिए-
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- 3 एंजाइमों का परीक्षण
गैलेक्टोसेमिया का इलाज कैसे करें? (Treatment for Galactosemia)
- इसके लिए सबसे पहले बच्चे को डेयरी प्रोडक्ट देना बंद कर दें।
- दिए गए लक्षणों में कुछ दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
- दूध भी गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia) बीमारी वाले बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।
- ये बीमारी अनुवांशिक होती है इसलिए जन्म के समय ही बच्चे के टेस्ट कराने चाहिए।
- इसके अलावा कोई भी जानकारी के लिए डॉक्टर आपका मार्गदर्शन कर पाएंगे।
जीवन शैली और घरेलू उपाय
जीवनशैली बदलाव और घरेलू उपाय (Home Remedies of Galactosemia)
ये जीवन शैली और घरेलू उपचार आपको गैलेक्टोसेमिया से निपटने में मदद
दिला सकते हैं—
- किसी भी प्रकार के डेयरी उत्पाद (Dairy product) से बचें
- स्तनपान (Breastfeeding) कराने से बचें
- भोजन से लैक्टोज और गैलेक्टोज (Galactosemia) को हटा दें।
- डेयरी उत्पाद की तरह प्रोटीन (Protein)-विटामिन (Vitamin) और कैल्शियम वाली अन्य चीजें
बच्चों को खिलाएं।
- सोया खिलाएं
- मांस का सेवन कराएं
- लैक्टोज-मुक्त (Lactose free) खाना खिलाएं
- कैल्शियम (Calcium) की खुराक दें
हेलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, परीक्षण या उपचार प्रदान नहीं करता है। नीचे दिए गए टूल्स भी सहायक हो सकते हैं।
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