कीटोजेनिक या कीटो डायट बहुत लो कार्ब, हाय फैट डायट होती है जिसके कई फायदे हैं। आजकल बच्चों में एपिलेप्सी और ब्रेन कैंसर के इलाज के लिए कीटो डायट का उपयोग किया जाता हे। हालांकि यह डायट बच्चों के लिए तो सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन जब तक कि डॉक्टर इसे प्रिस्क्राइब न करें। इस आर्टिकल में बच्चों के लिए कीटो डायट (Keto diet for kids) का महत्व बताया जा रहा है।
कीटो डायट (Keto diet) क्या है?
कीटोसिस मेटाबोलिज्म प्रक्रिया है, जो शरीर के पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है। कीटो डायट (Ketosis Diet) लेने से लिवर में कीटोन बनना शुरू हो जाते हैं जिन्हें हमारा शरीर ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करने लगता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इसमें कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) कम और फैट ज्यादा होता है इसीलिए जब हमारे शरीर में एनर्जी बनाने के लिए भोजन में पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट नहीं मिलता तो फैट बर्न होता है।
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बच्चों के लिए कीटो डायट का उपयोग (Uses of the keto diet for children)
बच्चों के लिए कीटो डायट (Keto diet for kids) का उपयोग रेफ्रेक्टरी एपिलेप्सी (Refractory epilepsy) के इलाज के लिए 1920 से किया गया है। एपिलेप्सी को रेफ्रेक्टरी एपिलेप्सी तब कहा जाता है जब दो ट्रेडिशनल एंटीएपिलेप्टिक दवाएं फेल हो जाती हैं। एनसीबीआई (NCBI) में छपी स्टडी के अनुसार इस कंडिशन का सामना कर रहे बच्चों में सीजर की फ्रिक्वेंसी 50 प्रतिशत से कम हो जाती है। कीटो डायट का एंटी सीजर इफेक्ट कई फैक्टर्स का परिणाम होता है। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- मस्तिष्क की उत्तेजना में कमी (Reduced brain excitability)
- बढ़ाया हुआ मेटाबॉलिज्म (Enhanced energy metabolism)
- ब्रेन एंटीऑक्सीडेंट इफेक्ट्स (Brain antioxidant effects)
वयस्कों और बच्चों में कुछ प्रकार के मस्तिष्क कैंसर के इलाज में मदद करने के लिए पारंपरिक कीमोथेरेपी के साथ खाने के इस तरीके (कीटो डायट) का भी उपयोग किया गया है। लगभग सभी ट्यूमर ऊर्जा के लिए कार्ब्स (ग्लूकोज) पर निर्भर करते हैं। कहा जाता है कि कीटो डायट ग्लूकोज की ट्यूमर कोशिकाओं को भूखा रखती है। इस प्रकार ट्रीटमेंट के अन्य रूपों के साथ शामिल होने पर ट्यूमर के आकार को कम करने में मदद करती है।
जबकि कई एनिमल स्टडीज की गई हैं और ह्यूमन स्टडीज चल रही हैं, बच्चों में मस्तिष्क कैंसर के इलाज के लिए कीटो डायट की दीर्घकालिक प्रभावशीलता को स्थापित करने के लिए और डेटा की आवश्यकता है।
बच्चों के लिए कीटो डायट (Keto diet for kids) एपिलेप्सी मैनेजमेंट में हो सकती है मददगार
बच्चों में एपिलेप्सी का इलाज करने के लिए जब कीटो डायट फॉलो की जाती है तो लगातार परिणाम सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट आहार का पालन किया जाता है। डायट आमतौर पर डॉक्टर, रजिस्टर्ड नर्स और रजिस्ट्रेटेड डायटीशियन की देखरेख में ही फॉलो की जाती है। आहार शुरू करने से पहले, बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों को निर्धारित करने और मील प्लान निर्धारित करने के लिए एक रजिस्टर्ड डायटीशियन से कंसल्ट किया जाता है। परंपरागत रूप से, डायट में 90% फैट, 6-8% प्रोटीन और 2-4% कार्ब्स होते हैं।
प्रोग्राम अक्सर पहले 1-2 सप्ताह के लिए अस्पताल या आउट पेशेंट सेटिंग में शुरू होता है। पहले दिन, कुल कैलोरी लक्ष्य का एक तिहाई हासिल किया जाता है, इसके बाद दूसरे दिन दो-तिहाई और तीसरे दिन 100% हासिल किया जाता है। बच्चे और पेरेंट्स को डायट के बारे में पूरी तरह से शिक्षित किया जाता है, और घर लौटने से पहले आवश्यक सोर्सेस उपलब्ध कराए जाते हैं। डायट को आमतौर पर लगभग दो वर्षों तक फॉलो किया जाता है। जब इसे बंद किया जाता है या इसकी जगह एटकिन्स डायट को एड कर दिया जाता है। एनसीबीआई में छपी स्टडी के अनुसार कीटो डायट इंफेंट्स और टॉडलर्स में एपिलेप्सी के इलाज के लिए सुरक्षित है।
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बच्चों के लिए कीटो डायट के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? (What are the side effects of keto diet for kids?)
किसी भी अन्य डायट की तरह जो एक या अधिक फूड ग्रुप्स को रिस्ट्रिक्ट करती हैं उनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। बच्चों और किशोरों में साइड इफेक्ट्स का रिस्क बढ़ जाता है क्योंकि उनकी बॉडी ग्रोथ कर रही होती है। बच्चों के लिए कीटो डायट (Keto diet for kids) के नुकसान निम्न प्रकार हैं।
- डीहायड्रेशन (Dehydration)
- इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस (Electrolyte imbalance)
- डायजेशन से जुड़ी परेशानियां जैसे कि जी मिचलाना, उल्टी, डायरिया और कब्ज
- लो ब्लड शुगर (Low blood sugar)
- विटामिन और मिनरल डेफिसिएंशी (Vitamin and mineral deficiencies)
- बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल
- विकास में कमी
चिकित्सीय सेटिंग में, प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए उचित उपाय किए जाते हैं। जब बच्चों के लिए कीटो डायट (Keto diet for kids) का उपयोग मिर्गी या कैंसर के इलाज में मदद के लिए किया जाता है, तो चिकित्सा मार्गदर्शन अनिवार्य है। इसके बिना, गंभीर दुष्प्रभावों का खतरा बढ़ जाता है, किसी भी संभावित लाभ से अधिक। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों के लिए कीटो डायट को फॉलो न करें।
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विकास कर रहे बच्चों के लिए कीटो डायट सेफ है? (Is the Keto Diet Safe for Developing Children?)
बच्चे अपने जीवन के एक ऐसे चरण में होते हैं जिसमें वे एक बढ़ी हुई दर से ग्रोथ कर रहे होते हैं, साथ ही साथ अपनी फूड प्रिफरेंसेस को भी विकसित कर रहे होते हैं। इस महत्वपूर्ण समय के दौरान, पर्याप्त पोषण महत्वपूर्ण है। कुछ खाद्य या सूक्ष्म पोषक समूहों के आहार सेवन को अत्यधिक प्रतिबंधित करना, जैसा कि कीटो डायट में किया जाता है, विकास और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
कीटो डायट को फॉलो करने से दोस्तों और परिवार के साथ भोजन करते समय बच्चे के कल्चर एक्सपीरियंस पर भी असर पड़ेगा। बचपन में मोटापे की उच्च दर को देखते हुए, कई बच्चे कम कार्ब सेवन से लाभान्वित हो सकते हैं। हालांकि, कीटो आहार औसत स्वस्थ, बढ़ते बच्चे के लिए बहुत अधिक प्रतिबंधात्मक (Restrictive) है।
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बच्चों के लिए कीटो डायट वेट लॉस करने में मदद कर सकती है? (Can keto diet for kids help with weight loss?)
किशोर अपनी बॉडी इमेज के प्रति काफी कॉन्सियश रहते हैं, लेकिन अधिक रेस्ट्रिक्टिव डायट को फॉलो करने से अनहेल्दी विहेवियर्स हो सकते हैं और वे बच्चों के फूड के साथ रिलेशनशिप को प्रभावित कर सकती है। अनहेल्दी विहेवियर्स से ईटिंग डिसऑर्डर हो सकते हैं जो अधिकांश किशोरों में होते हैं। हालांकि, एनसीबीआई के एक अध्ययन से पता चलता है कि कीटो डायट किशोरों में वजन घटाने के लिए प्रभावी हो सकता है, लेकिन कई दूसरे भी कम रेस्ट्रिक्टिव डायट प्लान भी हैं जिन्हें लंबे समय तक फॉलो करना भी आसान है जैसे कि होल फूड्स बेस्ड डायट्स।
मिर्गी और मस्तिष्क कैंसर वाले बच्चों और किशोरों के इलाज के लिए पारंपरिक उपचारों के साथ कीटो आहार का उपयोग किया जाता है। इसके लिए चिकित्सा मार्गदर्शन अनिवार्य है जो इसके साइड इफेक्ट्स जैसे कि डीहायड्रेशन और डायजेस्टिव ईशूज को कम करने में मदद कर सकता है। यह डायट इतनी रेस्ट्रिक होती है कि यह अधिकांश स्वस्थ बच्चों और किशोरों के लिए आहार उचित नहीं है और न ही सुरक्षित है।
उम्मीद करते हैं कि आपको बच्चों के लिए कीटो डायट (Keto diet for kids) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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