छोटे बच्चों में दूध का दांत टूटना स्वाभाविक है, आमतौर पर छह साल की उम्र हो जाने पर दूध के दांत टूटने लगते हैं। बच्चों में जन्म के बाद निकले दांत (Babies teeth) लगभग छह साल की उम्र में स्थायी दांतों के लिए जगह बनाने में लेते हैं। हालांकि कभी-कभी इसमें थोड़ा लंबा समय लग जाता है, जो साल तक का भी हो सकता है। आमतौर पर शिशु के बाहर निकलने वाले प्राथमिक दांत में दो निचले सामने वाले दांत और दो ऊपर के सामने वाले दांत होते हैं, उसके बाद ऐनसाइजर्स (आगे के नुकीले दांत) मोलर्स (चौ, या चबाने के दांत) आदि विकसित होते हैं।
बच्चों के छह साल की उम्र तक पहुंचने तक उनके मुंह में आने वाले स्थायी दांत की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिसके कारण बच्चों के दूध के दांत (Babies milk teeth) टूट जाते हैं। बच्चे के दांत आमतौर पर तब तक बने रहते हैं जब तक कि उन्हें स्थायी दांतों से बाहर नहीं निकाल दिया जाता।
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जब आपका बच्चा अपने दूध के दांत (Babies milk teeth) खोना शुरू कर देता है, तो उचित दंत चिकित्सा की देखभाल सुदृढ़ करना चाहिए। जैसे –
बच्चों के दूध के दांत (Babies milk teeth) के दांत टूटने पर हमेशा करें मुंह की सफाई
छोटे बच्चों के मुंह की सफाई को बिलकुल भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। बच्चे को हर बार दूध पिला कर बाद बच्चे के मसूड़ों और जीभ को साफ करना चाहिए। इसके लिए सिल्क का एक कपड़ा ले लें, इसे गुनगुने पानी में भिगोकर उससे बच्चे का मुंह साफ करें। सिल्क का कपड़ा मुलायम होता है। जिससे, मुंह के छिलने या घीसने का खतरा नहीं रह जाता।
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बच्चों के दूध के दांत (Babies milk teeth) टूटकर स्थायी दांत निकल रहे हों
आमतौर पर बच्चों में दूध के दांत टूटने पर कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आने लगती है। इस दौरान बच्चों में डायरिया और बुखार की शिकायत होने लगती है। दांत निकलने के दौरान बच्चे के मसूरों में खुजली होती है, जिस वजह से बच्चा बार-बार मुंह में हाथ डालता है। गंदे हाथ की वजह से मुंह के रास्ते उससे इन्फेक्शन हो जाता है, जो बुखार आदि का कारण बनता है। इस वक्त बच्चे के हाथों की सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए।
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बच्चों के दूध के दांत (Babies milk teeth) की देखभाल में कैविटी को न भूलें
दांतों में कैविटी का होना सिर्फ बच्चे ही नहीं, वयस्कों में भी एक गंभीर समस्या है। बच्चों में होनेवाली कैविटीज की समस्याओं के होने का प्रमुख कारण में बच्चों को ‘नर्सिंग बॉटल केरीज’ यानी बोतल से दूध पिलाने की वजह से होनेवाली कैविटी है। घर में बच्चों के मुंह में दूध का बोतल लगा कर छोड़ दिया जाता है, जिससे बाद में उसके दांतों में कीड़ा लग सकता है। अगर बच्चे के दांतों में चॉकलेट (Chocolate) के रंग का दाग दिखे, तो डेंटिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
बच्चे के दूध के दांत (Babies milk teeth) टूटने के बाद बिगाड़ सकती है बच्चों की खूबसूरती टेढ़े-मेढ़े दांत
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दूध के दांत में एक बार भी क्राउडिंग हो जाए, तो बच्चों के स्थायी दांतों में भी क्राउडिंग होने की चांसेस बढ़ जाती है। क्राउडिंग का मतलब होता है, दांतों का टेढ़ा-मेढ़ा या ऊंचे-नीचे एक-दूसरे पर चढ़े हुए। दांतों के क्राउडिंग होने के कई वजह हैं। जिनमें बच्चों दवारा जीभ से दांतों पर बार-बार दबाव डालने, अंगूठा चूसने, और मुंह से सांस लेने की वजह से ये समस्याएं होती हैं। थोड़ी सी देख भाल से इसे रोका जा सकता है, लेकिन फिर भी अगर बच्चे का दांत (Babies teeth) ज्यादा टेढ़े-मेढ़े या ऊंचे-नीचे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चे को ‘ऑर्थो ट्रेनर’ लगा सकते हैं। ऑर्थो ट्रेनर फ्लेक्सिबल और टेंपररी होते हैं।
बतौर माता-पिता इन बातों पर भी विचार करना चाहिए :
बच्चों का अंगूठा, उंगलियों आदि का चूसना सामान्य है। ज्यादातर बच्चे इस आदत को बढ़ती उम्र के अनुसार छोड़ देते हैं, लेकिन अगर बच्चा चार साल की उम्र के बाद भी चूसने की आदत नहीं छोड़ रहा है, तो अपने किसी डेंटिस्ट से सलाह लें। वे आपके बच्चे के दांत (Babies teeth) के विकसित होने की समस्याओं को देख सकते हैं। ज्यादातर बच्चों में, 6 साल की उम्र तक चूसने की आदत के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है, जब सामने वाले स्थायी दांत अंदर आते हैं।
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अपने डॉक्टर से ऐसे प्रश्न पूछ सकते हैं
- क्या आपके बच्चे को ओरल फ्लोराइड की खुराक लेने की आवश्यकता है?
- टूथब्रश करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
- क्या मेरा बच्चा माउथवॉश (Mouthwash) का उपयोग कर सकता है?
- कितनी बार डेंटिस्ट (Dentist) के पास विजिट किया जाना चाहिए?
- क्या टीथ एक्स-रे (X-ray) करवाना बच्चे के लिए सुरक्षित हैं?
- अगर बच्चा चुइंगम चबाता है, तो क्या यह ठीक है?
बच्चों के दूध के दांत (Babies milk teeth) से जुड़ी ऊपर बताई गई बातों को अवश्य ध्यान रखें।
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शिशु का पहला दांत (Babies teeth) निकलना हर पेरेंट्स के लिए अत्यधिक खुशी की बात होती है। बच्चे का पहला दांत बच्चे को हल्का ठोस खाद्य पदार्थों के सेवन की ओर इशारा करता है। ऐसी स्थिति में दर्द (Pain), बुखार (Fever) आना या बच्चे का चिड़चिड़ापन जैसे अन्य शारीरिक परेशानी शुरू हो सकती है। ऐसे में घरेलू उपाय और आर्टिकल में दी गई महत्वपूर्ण जानकारी आपके और आपके शिशु के लिए लाभकारी हो सकती है। हालांकि अगर आपके बच्चे को ज्यादा परेशानी हो रही है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करना और उनके द्वारा बताई गई बातों को फॉलो करना चाहिए।
नोट: बच्चे के दूध के दांत (Babies milk teeth) पर कई तरह के शारीरिक परेशानी शुरू हो जाती है। ऐसे में पेरेंट्स परेशान ना हों।
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