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लाइफ की विभिन्न स्टेज में कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking)
कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking) सभी उम्र में एक जैसी नहीं होती है। यानी कि जब बच्चा पैदा होता है और उसके बाद जब बच्चा किशोरावस्था में पहुंचता है, तो इस दौरान उसकी सोच में विभिन्न प्रकार के बदलाव होते हैं। जानिए कि यह बदलाव किस प्रकार के होते हैं?
बच्चों में कॉन्क्रीट थिंकिंग: बचपन में (Early childhood)
जब बच्चा छोटा होता है, तो उसके अंदर किसी भी चीज को समझने की क्षमता कम होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपने आसपास की चीजों के साथ इंटरेक्ट करता है और उन्हें समझने की कोशिश भी करता है। एक समय ऐसा भी आता है जब बच्चा अपनी भावनाओं के बारे में इशारों के माध्यम से बताता है या फिर अपनी इच्छा जाहिर करता है। 2 से 7 साल की उम्र में उसकी सोच में बदलाव दिखता है।
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बच्चों में कॉन्क्रीट थिंकिंग: एलिमेंट्री स्कूल ईयर (Elementary school years)
7 वर्ष की आयु से लेकर लगभग 11 वर्ष की आयु तक, बच्चे अभी भी कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking) पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं।एक्सपर्ट के अनुसार इस एज में एब्स्ट्रेक्ट थिकिंग (Abstract thinking) की शुरुआत हो जाती है। बच्चे इस दौरान सिर्फ फिजिकल शब्दों पर ध्यान नहीं देते बल्कि वह बातों की गहराइयों को भी समझने लगते हैं।
बच्चों में कॉन्क्रीट थिंकिंग: किशोरावस्था और वयस्कता (Adolescence and adulthood)
जैसे-जैसे हम मैच्योर होते हैं, हम अनुभव प्राप्त करते हैं। हम उन चीजों के बारे में गहराई से समझने लगते हैं, जो हमने पहले सुनी हैं। ठोस व्यक्तिगत अनुभवों और टिप्पणियों का इस्तेमाल कर परिकल्पना करना इस उम्र की विशेषता होती है। इस समय विकल्पों पर विचार करना और प्लान बनाने के लिए विचार का इस्तेमाल किया जाता है।
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कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking) के कारण होने वाली समस्याएं क्या हैं?
बच्चों में कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking in kids) समस्या पैदा करती है। ऐसे बच्चे अक्सर सहानभूति पाते हैं। बच्चों में कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking in kids) के कारण उन्हें सामाजिक संकेतों को समझने में समस्या पैदा हो सकती है।बच्चों में कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking in kids) के कारण क्रिएटिविटी में रूकावट भी पैदा हो सकती है। उन्हें प्रॉब्लम को सॉल्व करने में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कुछ क्रिएट करने के लिए इमेजिनेशन जरूरी होता है, जो कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking) से नहीं हो पाता है।कॉन्क्रीट थिंकिंग (Concrete Thinking) वाले बच्चे शब्दों पर अधिक ध्यान देते हैंस इसलिए अन्य लोगों के साथ जल्दी मनमुटाव पैदा हो सकता है।