वो पल जब आपके बच्चे के पहले दांत निकल रहे होते हैं, तो हर मां उसे हमेशा याद रखना चाहती है। दांत निकलने से पहले बच्चे मसूड़ों से दूध पीते हैं लेकिन दांत निकलते यानी टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग करते समय वे काटना शुरू कर देते हैं। जिसके बाद से हर मां के लिए स्तनपान दर्द भरा हो सकता है। कई बार माएं टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग दर्द के डर के कारण कुछ दिनों के लिए स्तनपान बंद कर देती हैं। हालांकि, स्तनपान बंद कराना इस समस्या का कोई समाधान नहीं होता। यहां जानिए कुछ ऐसे उपाए जिनसे टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराते समय होने वाले दर्द और बच्चों के काटने से बच सकते हैं।
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दूध पिलाने के तरीके को बदलें
टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराते सबसे पहले यह ध्यान रखें कि बच्चों की त्वचा आपके स्तनों से भी कई गुना नाजुक और कोमल होती है। ऐसे में कोशिश करें कि स्तनपान के दौरान बच्चे का मुंह पूरी तरह खुला हो। ऐसा करने पर बच्चे को दूध पीने में आसानी होगी और वो आपको काट भी नहीं पाएंगे। थोड़े समय बाद जब बच्चे का काटना आपको महसूस होने लगे तो दूध पिलाने की अवस्था को बदल दें।
टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग करना बच्चे को सिखाएं
बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं उन्हें बहुत कुछ सीखने की धुन रहती है। आपने देखा भी होगा कि स्तनपान करने के बाद जब बच्चे का पेट भर जाता है तो वो स्तनों से खेलने की कोशिश करता है। ऐसे में कई बार वो स्तनों को दांत से काट भी लेता है। बच्चा यह अचानक ही करता है, लेकिन बच्चे के ऐसा करने के तुरंत बाद ही उसे ऐसा करने से रोकें और बच्चे को ऐसा दोबारा न करने के लिए भी सिखाएं। जब भी बच्चा स्तन पर काटने का प्रयास करे आप सावधानी से किनारे की तरफ से उसके मुंह के अंदर अपनी एक उंगली लगा दें। फिर धीरे-धीरे छुड़ाने का प्रयास करें। बच्चा जब भी ऐसी हरकत करे तो आप भी उसे ऐसे ही समझाएं इससे बच्चा खुद ही बहुत जल्द काटना बंद कर देगा।
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बच्चे का जगा कर रखें
कई बार बच्चे स्तनपान करते हुए सो जाते है। जब उन्हें झपकी लगती है तो ऐसे वक्त वो काट सकता है। इससे बचने के लिए आपको जब लगे कि अब बच्चे को नींद आने वाली है तो उसके साथ खेलने का प्रयास करें। इससे बच्चे की नींद दूर होगी और वो काट नहीं सकेगा।
आदतों को समझें
बहुत से बच्चे दूध पीने के बाद ही निप्पल को काटते हैं। इससे समझ जाएं कि बच्चे को अब और दूध नहीं पीना है। अगर इसके बाद भी बच्चा स्तनपान की अवस्था में रहा तो वो दोबारा काटने का प्रयास कर सकता है। ऐसे वो फिर से दोहराए इससे पहले ही आप उसकी इस आदत को समझे और पहली ही बार में स्तनपान से उसे रोक दें।
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बच्चे की जरूरत को समझें
दांत निकलने से बच्चों के मसूड़ों में दर्द होता है। इससे बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और काटने लगते हैं। इसलिए जब भी बच्चे के दांत के निकलने लगे तो उन्हें दांत निकलते समय इस्तेमाल किए जाने वाले खिलौने दें, या अपने साफ अंगुली से बच्चे के मसूड़ों की मसाज करें।
शिशु की इस हरकत पर चिल्लाएं नहीं
टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराते समय अगर शिशु आपके स्तनों को काट लेता है, तो ऐसी स्थिति में चिल्लाएं नहीं। आपके चिल्लाने से आपका बच्चा डर सकता है और स्तनपान करना बंद भी कर सकता है। टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराते समय अगर शिशु काट लेता है, तो धीरे से (एकदम नहीं) उसे स्तन से हटा लें। शिशु को अपनी बातों और इशारों से समझाएं कि उसके ऐसा करने से मां को तकलीफ होती है और वो ऐसा न करें। अगर वो ऐसा फिर भी करता है तो उसे दूध मिलने में मुश्किल हो सकती है। हालांकि, आपकी इन बातों को आपका बच्चा एक या दो बार में नहीं समझेगा लेकिन धीरे-धीरे आपके इस तरह से उसे समझाने से वो दो से तीन में ही आपकी बातों को समझ लेगा।
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ज्यादा दर्द होने पर टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग न कराएं
शिशु को दांत निकलते समय मसूड़ों और आसपास की त्वचा में तेज दर्द होता है। जिसके कारण बच्चे अचानक से जोर-जोर से रोना शुरू कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे शिशु भूख लगने पर ही रोते हैं। इसलिए दांत निकलने के दर्द की वजह से शिशु के रोने की आदत को उसकी भूख म समझें। अगर ऐसी गलती करेंगे, तो बच्ची दर्द की वजह से खीज कर आपके स्तनों को जोर से काटने लग सकता है। कोशिश करें कि बच्चे को ज्यादा भूख लगने से पहले ही स्तनपान करवा दें। इससे बच्चे को भूख नहीं लगेगी और वो जब भी दांत के दर्द की वजह से रोना शुरू करेगा तो उसे संभालने में भी आपको ज्यादा आसानी हो सकता है।
मसूड़ों को आराम दिलाने वाले खिलोने दें
मार्केट में ऐसे कई खिलौने भी आते हैं, जिनका इस्तेमाल टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग के लिए किया जा सकता है। दांत निकलने के दर्द के कारण जब भी बच्चा रोना शुरू करे, तो उसे आप वो खिलौना दे सकते हैं। ताकि बच्चा अपनी खींज उस खिलौने पर निकाल सके।
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टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग के क्या कोई फायदे भी हैं।
टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग के लिए मामले पर कई अध्ययन किए गए हैं। जिसमें से एक अध्ययन के आंकड़े के बारे में हम आपको बता रहे हैं। यह अध्ययन 2015 में अमेरिकन बाल रोग विशेषज्ञों ने करवाया था। जिसे साल 2017 में अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के जनर्ल में प्रकाशित भी किया गया है। अध्ययन के दौरान पाए गए आंकड़ो के मुताबिक ऐसे शिशु जिन्होंने जन्म के 6 माह तक लगातार मां का दूध पिया हुआ है, बड़े होने पर उनमें दातों से जुड़ी कई तरह की समस्याओं के होने का जोखिम कम देखा गया। जैसे, दांतो के बीच में जगह बनना, कमजोर दांत, बहुत जल्दी सड़ने वाले दांत या मसूड़ों से जुड़ी तमाम समस्याओं के जोखिम बहुत ही कम हो जाते हैं।
स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच के बीच का लगाव कई गुना तक बढ़ जाता है। दोनों की बीच स्ट्रांग बॉन्डिंग भी होती है। इस दौरान आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी जरूरी होती है। इस तरह की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख कर आप इस पल को और भी ज्यादा आनंदमय और खूबसूरत बना सकती हैं।
अगर आपको टीथिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराने से किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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