बच्चे के अंदर अच्छी आदतों का विकास बचपन से ही किया जाए तो अच्छा है। चाहे वो खाने की आदत हो या सोने की। तीन साल की उम्र के बच्चे अपनी पसंद और नापसंद के बारे में बताने लगते हैं। ऐसे में बतौर माता-पिता बच्चे के अंदर अच्छी आदत विकसित करने के लिए आपकी भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इसके लिए पेरेंट्स (Parents) को लंच या डिनर टाइम पर बच्चे के साथ बैठ कर खाना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों का खाना चुनते समय पेरेंट्स को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा बच्चे को खाना खिलाते वक्त पेरेंट्स फॉलो करें ये टिप्स:
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बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट आप खुद चुनें
तीन साल के उम्र के बच्चे खाने के लिए काफी उत्सुक होते है। वह खाने के मामले नखरे दिखाने लगते हैं। ऐसे में बच्चे को एक ही चीज के अलग-अलग व्यंजन खाने के लिए दे सकते हैं। बच्चे को अगर आप रोज एक ही चीज खिलाएंगे तो वह परेशान हो जाएगा। ऐसे में वह अपनी पसंदीदा चीज खाने में भी आनाकानी करने लगेगा। उदाहरण के तौर पर अगर आपके बच्चे को खाने में दाल बहुत पसंद है, तो आप उसे एक दिन दाल दें। फिर अगले दिन भी अगर दाल देंगे, तो वह फिर भी खाएगा। लेकिन, अगर आप उसे रोज-रोज दाल देती रहेंगी तो वह बोर हो जाएगा। दाल खाने से कतराने लगेगा। इसके साथ ही वह दाल देख के चिढ़ भी सकता है। ऐसे में आप बच्चे को दाल अलग-अलग तरह से खिला सकती हैं। जैसे कभी दाल को फ्राई कर दें, कभी उसमें पालक मिला दें या दाल का पराठा बना दें। इसके अलावा, बच्चे के सामने दाल व उससे बना व्यंजन रखें और उसे चुनने दें कि वह क्या खाना चाहता है। बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट बनाते समय तेल-मसालों का भी खास ख्याल रखें।
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बच्चों का खाना (Baby food) ऐसे चुनें कि वे कुछ नया ट्राई कर सकें
एक साल के बाद बच्चे ठोस भोजन खाना शुरू करते हैं। उनके लिए कोई नया व्यंजन चखना खुद में एक अलग ही अनुभव होगा। इसलिए बच्चे को जब कोई नई चीज खाने के लिए दें तो उसे समझने की कोशिश करें। उसे जो भी चीज पहली बार टेस्ट कराएं थोड़ी मात्रा में कराएं। अगर बच्चे को पसंद आए तो उसे और दें। वरना कोई भी चीज खिलाने के लिए जबरदस्ती न करें। बच्चों का खाना समय-समय पर थोड़ा बदलते रहें। ऐसा करने से वह नई चीजों को खाने के लिए तैयार रहेगा।
बच्चों का खाना हेल्दी होना है जरूरी
आपके तीन साल के बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पौष्टिक आहार जरूरी है। ऐसे में बतौर माता-पिता आप बच्चों का खाना (Baby food) ऐसा चुनें जिसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद हों। बच्चे के सामने हमेशा पौष्टिक चीजें ही रखें इससे उसके अंदर हमेशा हेल्दी चीजों को चुनने की आदत बनेगी। उदाहरण के तौर पर बच्चे के सामने कभी ना कहें कि तुम ये नहीं खा सकते हो। बल्कि ये कहें कि तुम ये खा सकते हो। इससे बच्चे का हौसला बढ़ता है और वह पौष्टिक भोजन लेने की आदत डाल लेगा। अगर बच्चा किसी चीज को खाने के मना कर दे तो उस वक्त जबरदस्ती ना करें। बल्कि कुछ समय बाद फिर से खाने के लिए कहें। साथ ही हर तीसरे-चौथे दिन उस व्यंजन को बना कर उसके सामने पेश करें।
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बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट खिलाते समय टीवी बंद कर दें
आज के दौर में लोग अक्सर खाना खाते समय टीवी देखते हैं। वहीं पेरेंट्स इस बात पर ध्यान देते कि टीवी में आ रहे विज्ञापनों को तीन साल के बच्चे आसानी से समझ जाते हैं। टीवी में अनहेल्दी स्नैक्स के विज्ञापन बच्चे का मन ललचाते हैं और वह पैरेंट्स से उसे दिलाने की जिद करता है। बच्चे चॉकलेट या अन्य मीठे खाद्य पदार्थों के विज्ञापनों की तरफ जल्दी आकर्षित होते हैं। इसलिए खाते समय और बिस्तर पर जाते समय घर में ‘मीडिया कर्फ्यू’ लगा दें। ताकि, बच्चा अस्वस्थ्य चीजों की तरफ आकर्षित न हो। साथ ही तीन साल के बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट चुनते समय भी पेरेंट्स इस बात का खास ख्याल रखें कि इस उम्र में उन्हें जरूरी पोषक तत्व मिलें।
तीन साल के बच्चे के लिए सैंपल मेन्यू चार्ट
भोजन का समय | आहार |
सुबह का नाश्ता (Breakfast) | आधा कप दूध+ आधा कप आयरन फोर्टिफाइड अनाज या एक अंडा+ 1/2 कप फल |
स्नैक्स (Snacks) | आधा कप दूध+ आधा कप फल+ आधा कप योगर्ट |
दोपहर का खाना (Lunch) | आधा कप दूध+ मीट या सब्जियों से बनी आधी चीज़ सैंडविच+ सलाद+ आधा कप ओटमील+ हरी सब्जियां |
शाम का स्नैक्स (Evening Snacks) | गेंहू से बने एक ब्रेड पर एक चम्मच पीनट बटर+ चार या पांच क्रैकर |
रात का खाना (Dinner) | आधा कप दूध+ दो चम्मच मीट, चिकन या मछली+ 1/2 कप पास्ता, चावल या आलू+ ¼ कप सब्जियां |
नोट : ये सैंपल मेन्यू लगभग 15 से 16 किलोग्राम वजन के बच्चे के लिए है।
इस मेन्यू के साथ आप बच्चे को सही पोषण दे सकते हैं। साथ ही बच्चे के अंदर भोजन को लेकर अच्छी आदतें भी डाल सकते हैं। हमेशा कोशिश करें की पूरा परिवार खाने के लिए एक साथ बैठें। इससे बच्चे के मन में भावनात्मक जुड़ाव भी पैदा होगा।
बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट और ज्यादा पोषक बनाने के तरीके
क्योंकि तीन साल का बच्चा बहुत ही तेजी से बढ़ रहा होता है। बढ़ते बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट उसके शरीर को ज्यादा पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। जरूरी नहीं की जो आहार आप बच्चे को दे रहें हैं उसमे इतना पोषक तत्त्व हो, जो बच्चे की पोषण की जरूरतों को पूरा कर सके। ऐसे मैं आप बच्चों के आहार में पोषक तत्त्व बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैं:
- काजू और बादाम को तवे पे हल्का भून कर उसे ग्राइंडर में पीस लें। पिसे हुए काजू और बादाम के पाउडर को एयर टाइट कंटेनर में बंद कर के रख दें। जब कभी आप हलवा या बच्चों के लिए पुडिंग बना रहें हों, तो उसमे एक चम्मच काजू और बादाम का पिसा पाउडर पकाते वक्त मिला दें।
- बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट तैयार करते वक्त आप उसमे डेयरी प्रोडक्ट्स भी मिला सकते हैं। जैसे की चीज, दही, पनीर। इससे बच्चे में कैल्शियम की जरूरत पूरी होगी।
- जब बच्चा सुबह सो कर उठता है, तो आप उसे एक कप दूध के साथ दो बादाम दे सकते हैं। बादाम को रात भर पानी में भिगो कर रख दें। बच्चे को सुबह देने से पहले उसका छिलका निकाल दें। बच्चे को जबरदस्ती खिलाने की कोशिश न करें।
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बच्चे के खानपान पर ध्यान न देने पर उन तक जरूरी पोषण नहीं पहुंच पाएगा और वो कमजोर भी हो सकते हैं। आपको इस बारे में डॉक्टर से भी राय लेनी चाहिए कि बच्चे की डायट में क्या एड करें और क्या नहीं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों का खाना (Baby food) या बेबी डायट के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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