परिचय
एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया का अर्थ है बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए दवाईयां (एंटीबायोटिक्स) लेने के बाद दिन में तीन या अधिक बार दस्त होना। एंटीबायोटिक्स वो दवाईयां हैं जिनका प्रयोग बैक्टीरियल इंफेक्शन के उपचार के लिए किया जाता है। लेकिन, कई बार एंटीबायोटिक्स उपचार के कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं जैसे डायरिया। एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया बहुत ही आम हैं। एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया हल्का होता है और इसके लिए उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह डायरिया आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, जब आप एंटीबायोटिकस लेना बंद कर देते हैं। अधिक गंभीर एंटीबायोटिक से संबंधित दस्त की स्थिति में एंटीबायोटिक दवाओं को न लेना अनिवार्य हो सकता है।
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लक्षण
अगर आप एंटीबायोटिक ले रहे हैं, तो यह दवाई आंतों के जीवाणुओं की आबादी में हल्का बदलाव ला सकती है, जिससे कुछ दिनों के लिए दस्त या हल्का डायरिया भी हो सकता है। यह लक्षण तब कम हो सकते हैं जब आपका एंटीबायोटिक का उपचार बंद होगा। यह लक्षण इस प्रकार हैं:
- पानी की तरह डायरिया
- पेट में ऐंठन
- पेट दर्द
- पेट का कोमल होना
- बुखार
- मल में मवाद या खून आना
- जी मिचलाना
- कुछ मामलों में, डायरिया शुरू होने से पहले कई दिनों तक पेट में दर्द हो सकता है
इसके अलावा कुछ लोग ऊपर दिए लक्षणों के अलावा भी कई अन्य समस्याओं को महसूस कर सकते हैं।
कारण
हमारी आंतों में ऐसे कई हज़ारों बैक्टीरिया हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। जब एंटीबायोटिकस हानिकारक बैक्टीरिया (जो इंफेक्शन का कारण हैं) को नष्ट करते हैं, तो उसके साथ ही वो अच्छे बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देते हैं। डायरिया का कारण यह बैक्टीरिया एक बार नष्ट हो जाते हैं लेकिन फिर से आंतों में पनप सकते हैं। इसका अर्थ है कि एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया तब होता है जब जठरांत्र पथ (gastrointestinal tract) में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाए। यानी, इस डायरिया कर कारण बैक्टीरिया ही है।
जो बैक्टीरिया इस रोग का कारण हैं वो इस प्रकार हैं:
- सेफालोस्पोरिन्स, जैसे कि सेफडिनिर और सेफडोडॉक्साइम
- पेनिसिलिन, जैसे एमोक्सिसिलिन और एम्पीसिलीन
जोखिम
एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, जो भी एंटीबायोटिक्स लेता है। लेकिन एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया होने के जोखिम इन स्थितियों में बढ़ सकता है:
- अगर आपको पहले एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया की समस्या है।
- अगर आप अधिक समय से एंटीबायोटिक दवाईयां ले रहे हैं।
- अगर आप एक से अधिक एंटीबायोटिक दवाई ले रहे हों।
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उपचार
एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे इसके लक्षण और आपके स्वास्थ्य के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही आपके एंटीबायोटिक उपचार के बारे में भी जानकारी ली जायेगी। अगर आपके डॉक्टर को यह संदेह होगा कि आपको C. डिफ़्फीसिल इंफेक्शन है तो आपके मल का सैंपल लिया जा सकता है, ताकि जीवाणुओं का टेस्ट किया जा सके।
एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया का उपचार इसके लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है:
हलके एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया का उपचार
अगर आपको हल्का यानी कम डायरिया है तो इसके लक्षण एंटीबायोटिक उपचार को ख़त्म करने के कुछ दिनों के बाद कम हो जाएंगे या आपको पूरी तरह से इन समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी। कई मामलों में डॉक्टर डायरिया कम होने तक एंटीबायोटिक थेरेपी को बंद करने की सलाह दे सकते हैं।
गंभीर एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया का उपचार
अगर रोगी C. डिफ़्फीसिल इंफेक्शन से पीड़ित है तो डॉक्टर जो भी आप एंटीबायोटिक ले रहे हैं, उन्हें तुरंत बंद करा सकते हैं। इसके साथ ही वो एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया के मुख्य कारण बैक्टीरिया को ख़त्म करने के लिए कुछ एंटीबायोटिक्स की सलाह दे सकते हैं। इस तरह के इंफेक्शन से पीड़ित लोगों में यह समस्या फिर से हो सकती है और इसके लिए फिर से इसी उपचार को दोहराने की आवश्यकता पड सकती है।
प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक्स वो सप्लीमेंट्स हैं, जिनमे स्वस्थ बैक्टीरिया होते हैं। हालांकि अभी इस बात की सही जानकारी नहीं है कि प्रोबायोटिक्स एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया का उपचार करने और उससे छुटकारा पाने में प्रभावी हैं। लेकिन आप इस रोग में प्रोबायोटिक्स युक्त आहार ले सकते हैं और बच्चों को भी दे सकते हैं जैसे सादा दही। लेकिन, इस के प्रयोग से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
दवाईयां
एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई न लें। खासतौर पर, एंटी डायरियल दवाईयां जैसे लोपेररिमाइड। इससे आंतों में सूजन की समस्या बढ़ सकती है।
घरेलू उपचार
उचित आहार
- डायरिया में अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए और खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए। डायरिया के दौरान शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए।
- इसके साथ ही चीनी,नमक और पानी का घोल बना कर लें। कम चीनी वाला फ्रूट जूस लें।
- इसके साथ ही ऐसे पेय पदार्थों को लेने से बचें जिनमें अल्कोहल, कैफीन हो। इसके साथ ही अधिक चीनी युक्त पेय पदार्थों से भी बचे।
- डायरिया होने पर शिशुओं और बच्चों के लिए ओरल रीहाइड्रेशन सलूशन का प्रयोग करें।
- अधिक बसा युक्त और मिर्च-मसालेदार खाने से बचे। हलका और सादा भोजन खाएं। ऐसा खाना तब तक खाएं जब तक डायरिया के लक्षण कम न हों।
- डायरिया में अन्य फलों की जगह, केला या सेब खाएं। उबले आलू, चावल, मच्छली , वाइट ब्रेड, दही का सेवन करें।
दवाईयां
डॉक्टर से एंटी डायरियल दवाईयों के बारे में अवश्य पूछें। हलके एंटीबायोटिक से संबंधित डायरिया में डॉक्टर आपको एंटी डायरियल दवाईयों जैसे लोपरामाइड (इमोडियम ए-डी) दे सकते हैं। लेकिन, इनसे पहले भी डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
साफ़-सफाई
अपने हाथों को लगातार साफ़ करते रहें खासतौर पर बाथरूम जाने के बाद, कुछ भी खाने से पहले आदि। अगर साबुन उपलब्ध न हो तो सैनिटाइज़र का प्रयोग करें। बच्चों को भी साफ़ सफाई का ध्यान रखना सिखाएं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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