मूल बातों को जानें
कोलसिस्टाइटिस क्या है? (What is Cholecystitis?)
लिवर के अंदर पाई जाने वाली एक थैली को हम लिवर गॉलब्लेडर कहते हैं। इस थैली में बाइल इकट्ठा होता है और खाना खाने पर ये बाइल इंटेस्टाइन में खाने के साथ मिलता है, जिसकी वजह से खाना अच्छी तरह से पच सके। बाइल की मदद से खाने में पाए जाना वाला फैट जल्दी गल जाता है। कोलसिस्टाइटिस (Cholecystitis) गॉलब्लेडर (Gallbladder) में होन वाली सूजन को कहते हैं। इसे गॉलब्लेडर अटैक (Gallbladder Attack) भी कहा जा सकता है। आमतौर पर कोलसिस्टाइटिस गॉलब्लेडर की नली में फसने वाली पथरी की वजह से होता है। अगर लंबे वक्त तक इसका इलाज न करवाया जाये तो शारीरिक परेशानी बढ़ सकती है।
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कोलसिस्टाइटिस होना कितना आम है? (Is Cholecystitis common?)
कोलसिस्टाइटिस बहुत आम बीमारी है, ये स्थिति पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होती है। इसके साथ ही उम्र बढ़ने पर ये समस्या ज्यादा हो सकती है। और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
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लक्षणों को जानें
कोलसिस्टाइटिस के क्या लक्षण हो सकते हैं? (Symptoms of Cholecystitis)
कोलसिस्टाइटिस में आपको एब्डोमेन के ऊपरी हिस्से में दर्द रहेगा और साथ ही क्रैम्प्स (Cramps) की समस्या भी हो सकती है। इसके साथ ही शरीर के बाकी हिस्से भी प्रभावित रहेंगे। जैसे कि :
- पेट के ऊपर हिस्से में दर्द होना
- कंधे, सीने और पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द रहेगा
- उल्टी आना
- स्टूल का रंग बदलना (क्ले कलर)
- बुखार आना
- शरीर और आंखों का रंग पीला पड़ना
- खाना खाने के बाद दर्द होना
- अत्यधिक ठंड लगना
- पेट फूलना
अगर बाईल को इंटेस्टाइन में लाने वाली ट्यूब में पथरी हो जाती है तो भी आपकी त्वचा में खुजली हो सकती है।
संक्रमित गॉलब्लेडर की वजह से आपको बुखार हो सकता है और ठण्ड भी लग सकती है।
अपने डॉक्टर से कब मिलें ?
ऊपर बताये गये लक्षणों के साथ-साथ किसी भी तरह के अन्य लक्षण नजर आने पर अपने डॉक्टर से जरूर मिलें। कोई भी शारीरिक परेशानी होने पर खुद से इलाज न करें।
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कारणों को जानें
कोलसिस्टाइटिस किन कारणों की वजह से हो सकता है? (Cause of Cholecystitis)
गॉलब्लेडर में पथरी होने की वजह से कोलसिस्टाइटिस (Cholecystitis) हो सकता है। इसके अलावा गॉलब्लेडर (Gallbladder) में बनने वाले बाइल में समस्या होने की वजह से भी कोलसिस्टाइटिस हो सकता है। इसे एकल्क्यूल्स (Acalculus) कहते हैं। सिकल सेल एनेमिया (Sickle cell anemia), मधुमेह (Diabetes) और संक्रमण (Infection) की वजह से भी कोलसिसटाइटिस हो सकता है।
- एकल्क्यूल्स ज्यादातर बुजुर्गों, बीमार लोगों में या फिर बिस्तर पर लेटे रहने वाले मरीजों में हो सकता है।
- ट्यूमर होने की स्थिति में भी कोलसिसटाइटिस की संभावना बढ़ जाती है।
- अगर कोलसिसटाइटिस अटैक (Cholecystitis attack) बार-बार हो तो खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एक्यूट कोलसिसटाइटिस (Acute Cholecystitis) का खतरा ज्यादा रहता है या होता है।
खतरों को समझें
कोलसिस्टाइटिस के खतरे को क्या बढ़ा देता है? (Risk factor of Cholecystitis)
पथरी और इस बीमारी के खतरे को बढ़ाने वाले कारण लगभग एक जैसे ही हैं। कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
- बढ़ती उम्र
- महिलाओं में ये बीमारी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है।
- मोटापा (Obesity) होना
- बहुत ज्यादा दवाएं लेना
- गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान
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जांच और इलाज
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। अपनी स्थिति के अनुसार सही इलाज के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
कोलसिसटाइटिस की जांच कैसे की जा सकती है? (Diagnosis of Cholecystitis)
डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखेंगे साथ ही आपकी ऊपरी जांच की जाएगी। एक्स-रे (X-Ray), ब्लड टेस्ट (Blood Test) और अल्ट्रासोनोग्राफी (Ultrasonography) की मदद से जांच पूरी की जा सकती है। अगर अल्ट्रासोनोग्राफी के नतीजे साफ नहीं है तो डॉक्टर HIDA स्कैन भी करवा सकते हैं।
कोलसिसटाइटिस का इलाज कैसे किया जा सकता है ? (Treatment of Cholecystitis)
इसका इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे-
- इलाज के लिए आपके गॉलब्लेडर से पथरी (Stone) को निकाला जाएगा जिससे पूरी की जा सके। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) एक आम तरीका है जिसकी मदद से आप कोलसिसटाइटिस से छुटकारा पा सकते हैं।
- इस प्रक्रिया सर्जरी करने पर घाव जल्दी भर जाएंगे और ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
- अगर आपकी स्थिति में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करना संभव नहीं है तो सामान्य सर्जरी की जाएगी और इसकी रिकवरी के लिए आपको अस्पताल में ज्यादा दिनों के लिए रुकना पड़ सकता है।
- गॉलब्लेडर को निकालने पर ज्यादा परेशानी नहीं होगी और आपकी सामान्य जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ऑपरेशन के छह से 12 महीने तक कभी-कभी अपच की समस्या हो सकती है लेकिन, ये भी कुछ दिनों के बाद चली जाएगी।
- नियमित लो फैट डायट (Diet) से भी इसका इलाज किया जाता है।
दवाओं की मदद से भी पथरी का इलाज किया जा सकता है लेकिन इस प्रक्रिया में समय लग सकता है।
घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव
इन घरेलू उपायों और बदलावों की मदद से कोलसिसटाइटिस (Cholecystitis) को नियंत्रित किया जा सकता है :
अगर आपको पथरी की वजह से दर्द हो तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
अगर आपको एब्डोमेन में दर्द हो रहा हो तो भी डॉक्टर की सलह अवश्य लें।
- अपना वजन नियंत्रण (Weight control) में रखें।
- बहुत अधिक वसा (फैट) वाला खाना न खाए।
- क्रैश डायट और लम्बे व्रत न रखें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। अगर आप जिम जा कर वर्कआउट नहीं कर पा रहें हैं, तो घर पर ही एक्सरसाइज करें। अगर यह भी संभव नहीं हो पा रहा है तो आप वॉकिंग (Walking) करें या स्विमिंग (Swimming) करें।
- पेपरमेंट वाली चाय (Tea) पीएं। यह सेहत के लिए अच्छा होने के साथ-साथ दर्द में भी राहत देता है।
- गॉलब्लेडर में दर्द होने पर एप्पल साइड विनेगर (Apple cider vinegar) का सेवन भी फायदेमंद होता है।
- अपने आहार में गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, ब्राउन राइस, साबुत अनाज, मछली (Fish), ऑलिव ऑयल (Olive Oil), बीन्स, सिट्रस फ्रूट (विटामिन-सी (Vitamin-C) वाले फल) और डेयरी प्रोडक्ट जिनमें फैट की मात्रा कम हो उसका सेवन रोजाना करना चाहिए।
- दर्द से राहत पाने के लिए हल्दी का सेवन भी लाभदायक होता है। हल्दी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर को इंफेक्शन समेत अन्य परेशानी से बचा सकते हैं।
- मैग्नेशियम की कमी के कारण भी परेशानी हो सकती है। इसलिए वैसे आहार का सेवन करें जिनमें मैग्नेशियम मौजूद हों। डॉक्टर की सलाह से मैग्नेशियम पाउडर का सेवन किया जा सकता है।
अगर आप कोलसिस्टाइटिस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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