एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal reflux) भी कहा जाता है। यह वो स्थिति है जब पेट से अन्नप्रणाली में एसिड बैकफ्लो होता है। रिफ्लक्स का कभी-कभी होना सामान्य है, लेकिन इस परेशानी का बार-बार होना गंभीर हो सकता है और इसे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) या GERD के नाम से जाना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि नींद और GERD (Sleep and GERD) एक दूसरे से कनेक्टेड हैं। यानी, GERD नींद में समस्या का कारण बन सकता है। आज हम नींद और GERD (Sleep and GERD) के बारे में बात करने वाले हैं। आइए जानें कि क्या है यह समस्या और किस तरह से पाया जा सकता है इससे छुटकारा?
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज किसे कहा जाता है?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज एक डायजेस्टिव डिसऑर्डर है जो अन्नप्रणाली और पेट के बीच के मसल्स रिंग को प्रभावित करता है। इससे जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। इस रिंग को लोअर इसोफेजियल स्फिंक्टर (Lower Esophageal Sphincter) कहा जाता है। अगर आपको यह परेशानी है, तो आपको हार्टबर्न या एसिड इंडायजेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अधिकतर मामलों में GERD के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए डायट और जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है। लेकिन, कुछ लोगों को दवाईयों और सर्जरी की जरूरत हो सकती है। नींद और GERD (Sleep and GERD) के लिंक के बारे में जानने से पहले GERD के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।
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क्या हैं गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षण?
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज एक परेशान करने वाली कंडिशन है, जिसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- छाती में बर्निंग सेंसेशन, आमतौर पर जो खाने के बाद होती है। यह रात को बदतर हो सकती है।
- छाती में दर्द
- निगलने में समस्या
- गले में लम्प की सेंसेशन
अगर आपको नाइट टाइम एसिड रिफ्लक्स हो, तो आप इन लक्षणों का अनुभव भी कर सकते हैं:
- क्रॉनिक कफ
- लेरिन्जाइटिस (Laryngitis)
- अस्थमा का बदतर होना
- नींद में समस्या
यह तो थी जानकारी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के बारे में। अब जान लेते हैं नींद और GERD (Sleep and GERD) के बारे में।
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नींद और GERD (Sleep and GERD) के बीच क्या है कनेक्शन?
GERD को अक्सर नींद संबंधी समस्याओं से जोड़ा जाता है। लेटने पर GERD के लक्षणों का बढ़ना आपके सोने में बाधा बन सकता है। इसके साथ ही कई अन्य नाईटटाइम बाधाओं का कारण बन सकता है जैसे हार्टबर्न, चेस्ट पेन और खांसी। इस समस्या से पीड़ित लोगों में ऐसा पाया गया है कि इसके लक्षण लो स्लीप क्वालिटी से संबंधित हैं। आइए जानें नींद और GERD (Sleep and GERD) के बारे में और अधिक।
GERD और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया
रिसर्च के अनुसार GERD और ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया के बीच में भी लिंक है। ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें एयरवे ब्लॉकेज शामिल होती है, जो नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट पैदा करती है। लेकिन, अभी इस बात के बारे में जानकारी नहीं है कि क्या GERD, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया का कारण बनती है या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया, GERD का कारण है या ऐसा है कि यह दोनों एक जैसे रिस्क फैक्टर्स शेयर करते हैं। नींद और GERD (Sleep and GERD) से पहले इस बारे में जानकारी भी जरूरी है।
ऐसा भी हो सकता है कि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज एयरवे और सांस लेने की क्षमता को सामान्य रूप से प्रभावित करे। जिससे रात को नींद में समस्या आ सकती है। ऐसे में ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया से पीड़ित लोग रात को लगातार जागते हैं और GERD के लक्षणों का अनुभव करते हैं। इसके साथ ही एल्कोहॉल, स्मोकिंग और मोटापा जैसे फैक्टर्स इन दोनों समस्याओं के जोखिम को और बढ़ा सकते हैं। अब जानिए कि लेटने के बाद GERD कैसे बदतर हो सकता है?
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लेटने के बाद GERD की समस्या बदतर कब हो सकती है?
लेटने के बाद रात को GERD की समस्या कई कारणों से बदतर हो सकती है। नींद और GERD (Sleep and GERD) के बारे में इसके बारे में जानना भी जरूरी है। लेटने के बाद GERD की समस्या के बदतर होने के कारण इस प्रकार हैं:
- लेटते समय, ग्रेविटी पेट के एसिड को डाउन रखने में मदद नहीं करती है, जिससे रिफ्लक्स होना आसान हो जाता है।
- नींद के दौरान निगलने में कमी एक महत्वपूर्ण फाॅर्स को कम करती है, जो पेट के एसिड को नीचे की ओर धकेलती है।
- स्लाइवा पेट के एसिड को बेअसर करने में मदद कर सकता है, लेकिन नींद की गहरी अवस्था के दौरान स्लाइवा का उत्पादन कम हो जाता है। उम्मीद है कि नींद और GERD (Sleep and GERD) से सम्बन्धित यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अब जानते हैं कि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) से पीड़ित लोग अच्छी नींद कैसे ले सकते हैं?
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GERD से पीड़ित लोग कैसे पा सकते हैं बेहतर नींद?
GERD से पीड़ित लोगों को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि वो कैसे लक्षणों को कम कर सकते हैं और बेहतर नींद पा सकते हैं। इसके कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
नींद और GERD: डॉक्टर से बात करें (Talk to your doctor)
अगर आपको इस रोग के क्रॉनिक या गंभीर लक्षण नजर आते हैं और आपको सोने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें। क्योंकि, यह कोई काम्प्लेक्स मेडिकल प्रॉब्लम हो सकती है। इसमें डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट्स की सलाह देंगे ताकि कारणों के बारे में जाना जा सके। कारण के अनुसार ही रोगी का इलाज किया जायेगा। इसके ट्रीटमेंट ऑप्शंस में मेडिकल और नॉन-मेडिकल अप्रोच दोनों शामिल हैं।
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जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes)
GERD के पोटेंशियल ट्रिगर्स को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। जैसे कम स्पाइसी या एसिडिक फ़ूड का सेवन, हेल्दी वजन को मेंटेन रखना और स्मोकिंग न करना आदि। जैसे की अधिकतर GERD प्रॉब्लम्स रात को होती है, ऐसे में कुछ बदलावों से आपको अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है, जैसे:
- रात को लेट खाने की आदत को छोड़ें। सोने से तीन घंटे पहले डिनर करने से आपके स्टमक को उसे डायजेस्ट करने में समय मिल सकता है, जिससे रिफ्लक्स की संभावना कम हो जाती यह।
- अपनी लेफ्ट साइड सोएं। ऐसा पाया गया है कि लेफ्ट साइड सोने से भी इस परेशानी से राहत मिल सकती है।
- बेड के हेड को ऊपर उठा दें। अपने बेड के सिरे को कम से कम छह इंच ऊपर उठा देने से जब आप लेटते हैं, तो रिफ्लेक्स के कम होने की संभावना रहती है। इसके साथ ही बेड फ्रेम को एडजस्ट करने और सही मेट्रेस के चुनाव से भी आपको राहत मिल सकती है।
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नींद और GERD: दवाईयां (Medication)
कुछ दवाइयां भी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) के उपचार के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं क्योंकि हर मामले में जीवनशैली में बदलाव से लाभ नहीं होता। ओवर-द-काउंटर मेडिकेशन्स जैसे एंटासिड (Antacid) से रोगी को टेम्पररी रिलीफ मिल सकता है। अन्य ड्रग्स जैसे प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स (Proton pump inhibitors) और H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers) के इस्तेमाल से स्टमक में एसिड कम बन सकता है। डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन दवाइयों को लें। दुर्लभ मामलों में लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाइयों दोनों से कोई लाभ नहीं होता है, तो ऐसे में खास तरह की सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्लीप हाइजीन को सुधारें (Improve Sleep Hygiene)
GERD से पीड़ित लोग जो अच्छी नींद चाहते हैं, उनके लिए अपनी स्लीप हाइजीन को सुधारना जरूरी है। इससे नींद में बाधाओं से राहत मिलेगी और आप आराम से सो पाएंगे। हेल्दी स्लीप के लिए आप सोने से पहले कैफीन और एल्कोहॉल के सेवन से बचें, स्टेबल स्लीप शेड्यूल बनाएं और एक शांत व कम्फर्टेबल बेडरूम में सोएं।
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यह तो थी नींद और GERD (Sleep and GERD) के बारे में जानकारी। इन इफेक्ट्स के कॉम्बिनेशन से स्टमक एसिड का अन्नप्रणाली में रिसाव हो सकता है और एसिड लम्बे समय तक पेट में रह सकता है और संभावित रूप से अधिक गंभीर GERD सिम्पटम्स पैदा कर सकता है, जिसमें वे भी शामिल हैं जो नींद में खलल डाल सकते हैं। यह समस्या और भी अधिक हो सकती है यदि कोई व्यक्ति खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर जाता है या ऐसे खाद्य पदार्थ खाता है जिससे यह परेशानी बढे।
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