परिचय
पिनवॉर्म क्या है?
पिनवॉर्म वो छोटे परजीवी हैं, जो मनुष्य के पेट या गुदा में जीवित रह सकते हैं। पिनवॉर्म छोटे, पतले और सफेद रंग के परजीवी होते हैं जो आधे इंच से भी छोटे हो सकते हैं। इन्हें थ्रेडवॉर्म भी कहा जाता है क्योंकि यह देखने में धागे की तरह लगते हैं। इनसे होने वाला संक्रमण सबसे सामान्य संक्रमणों में से एक है।
व्यक्ति के सोने के बाद मादा परजीवी अपना काम करती है। वो गुदा से होते हुए आंतों से बाहर निकल आती है और आसपास की त्वचा पर अपने अंडे देती है। जब बिना जाने आप इन अंडों को अपने शरीर के अंदर ले जाते हैं। तो कुछ ही महीनों में यह अंडे वयस्क परजीवी में परिवर्तित हो जाते हैं और इंफेक्शन का कारण बनते हैं।
इंफेक्शन कैसे फैलता है?
यह अंडे कपड़ों, बिस्तर और अन्य चीज़ों में आसानी से जीवित रह सकते हैं। जब आप इन अंडों को हाथों से छूते हैं तो यह नाखूनों में चिपक जाते हैं। खाना खाने या उंगली मुंह में डालने पर यह अंडे मुंह के अंदर चले जाते हैं। इस तरह से यह फैलते और संक्रमण का कारण बनते हैं। पिनवॉर्म से संक्रमित व्यक्ति को कोई खास लक्षण महसूस नहीं होते लेकिन कुछ लोग खुजलीऔर नींद में समस्या का अनुभव कर सकते हैं। किशोरों में यह इंफेक्शन बहुत ही सामान्य है।
लक्षण
पिनवॉर्म के लक्षण क्या हैं?
पिनवॉर्म के लक्षण बच्चों और वयस्कों दोनों में एक समान होते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं :
- गुदा या योनि के आसपास तीव्र खुजली (प्रुरिटस)
- गुदा या योनि के आसपास रैशेस और त्वचा में समस्या
- त्वचा में समस्या के कारण नींद न आना या नींद आने में समस्या होना
- पिनवॉर्म को अक्सर गुदा त्वचा पर या मल में देखा जा सकता है। कभी-कभी इन्हें योनि में भी पाया जाता है और यह कई बार योनि स्राव (Discharge) का कारण बन सकते हैं।
ऐसे लक्षण जो कम देखने को मिलते हैं, वो इस प्रकार हैं:
- पेट में दर्द
- बेचैनी
- मूत्रनली या मूत्राशय के संक्रमण के कारण पेशाब में जलन होना या मूत्राशय में समस्या होना
- मल में पिनवॉर्म की उपस्थिति
- बच्चों में गुदा में पिनवॉर्म की उपस्थिति
कई संक्रमित बच्चों या वयस्कों में इस समस्या के बहुत कम या बिलकुल लक्षण भी देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन, अगर इंफेक्शन गंभीर है तो ऐसे ही इसके लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं।
कारण
पिनवॉर्म का कारण क्या है?
- अगर कोई व्यक्ति बिना जाने पिनवॉर्म के अंडों को निगल या सांस के माध्यम से निगल ले, तो उसे पिनवॉर्म इंफेक्शन हो सकता है। यह बहुत छोटे अंडे भोजन, पानी या उंगलियों के माध्यम से भी शरीर में पहुंच सकते हैं। शरीर में जाने के बाद यह अंडे पेट में कुछ ही हफ़्तों के अंदर वयस्क परजीवी में परिवर्तित हो जाते हैं।
- यह अंडे मनुष्य की उंगलियों के माध्यम से कपड़ों, खिलौनों,बिस्तर आदि में भी फ़ैल सकते हैं। इससे भी यह अन्य व्यक्तियों तक पहुंच सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। यह अंडे किसी भी सतह पर दो या तीन हफ़्तों तक जीवित रह सकते हैं।
जोखिम
पिनवॉर्म के जोखिम क्या हैं?
पिनवॉर्म संक्रमण कुछ लोगों और परिस्थितियों में जोखिम भरा हो सकता है:
- उम्र : ऐसे माना जाता है कि पिनवॉर्म संक्रमण पांच से दस साल के बच्चों में अधिक देखने को मिलता है। इसके अंडे संक्रमित व्यक्ति के साथ-साथ उनके परिवार वालों में भी फैल सकते है। हालांकि, दो साल से छोटे बच्चों में यह संक्रमण सामान्य नहीं है।
- भीड़ वाली जगह : जो लोग भीड़ वाली जगह में रहते या काम करते हैं, उन में यह संक्रमण होने की संभावना अधिक रहती है। बच्चे जो डे-केयर, प्री-स्कूल में जाते हैं, वो भी जल्दी इस संक्रमण का शिकार होते हैं
- गंदगी : वो बच्चे और वयस्क जो साफ़-सफाई का ध्यान नहीं रखते या हाथ अच्छे से नहीं धोते। उनमें भी इस समस्या का जोखिम अधिक होता है। जिन बच्चों को अंगूठा मुंह में डालने की आदत होती है, उन में भी यह रोग होने की संभावना अधिक रहती है।
उपचार
पिनवॉर्म के उपचार क्या हैं?
पिनवॉर्म इंफेक्शन के निदान के लिए सबसे पहले आपसे लक्षण जाने जाएंगे। इस इंफेक्शन के निदान के लिए एक टेस्ट कराया जाता है जिसे ‘टेप टेस्ट’ कहा जाता है। यह थ्रेडवॉर्म इंफेक्शन के बारे में जानने का सबसे बेहतरीन तरीका है।
टेप टेस्ट
मादा परजीवी गुदा के बाहर अपने अंडे देती है। अगर बच्चे को यह समस्या है तो आप उनके गुदा को जांच सकते हैं। उनके गुदा पर आपको सफेद, छोटे, धागे के जैसे परजीवी या अंडे दिखाई दे सकते हैं। टेप टेस्ट करने का सबसे अच्छा समय है सुबह का, क्योंकि मादा रात को अंडे देती है।
टेप टेस्ट कैसे होता है
- इस टेस्ट को इस तरह से किया जाता है
- सबसे पहले गुदा पर कुछ सेकंड के लिए 1-इंच (2.5 सेन्टीमीटर्स) की सिलोफ़न टेप लगा दें। ऐसा करने से अंडे टेप पर लग जाएंगे।
- इसके बाद इस टेप को गिलास स्लाइड पर लगा दें। अब इस टेप के टुकड़े और प्लास्टिक के बैग में ड़ाल दें और बैग बंद कर दें।
- अपने हाथों को अच्छे से धो लें।
- इस बैग को डॉक्टर को दे दें। आपके डॉक्टर अंडों की जांच करेंगे।
- इस टेप टेस्ट को अगल-अगल तीन दिनों तक कराया जाएगा ताकि अंडों की अच्छे से जांच हो सके।
- इसके लिए आपको खास पिनवॉर्म टेस्ट किट भी दी जा सकती है।
- अगर इस टेप पर अंडे डॉक्टर को दिखाई देते हैं तो इसका अर्थ है कि आपको पिनवॉर्म इंफेक्शन है। इसके लिए रोगी और उसके पूरे परिवार का इलाज करना अनिवार्य है।
दवाइयां
डॉक्टर इस इंफेक्शन का उपचार दवाइयों के द्वारा करेंगे। हालांकि यह परजीवी बहुत आसानी से फैल जाते हैं, इसलिए दवाइयों के साथ साफ़-सफाई का खास ध्यान रखना आवश्यक है।
इस इंफेक्शन के उपचार के लिए जो दवाईयां प्रयोग होती है, वो इस प्रकार हैं:
- मेबेन्डाज़ोल(Vermox)
- एल्बेंडाजोल (Albenza)
- पिरेंटल पैमोट(Reese’s Pinworm Medicine)
पिनवॉर्म से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों का पूरा कोर्स करना आवश्यक है। ओरल के साथ ही आपको क्रीम या मरहम भी दी जा सकती है, जिन्हे लगाने से गुदा के आसपास होने वाली त्वचा को खुजली से राहत मिलेगी।
घरेलू उपाय
पिनवॉर्म के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?
- यह परजीवी रात को अपने अंडे देते हैं। इसलिए सुबह उठ कर अपने गुदा धोने से इनके अंडों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है।
- अपना अंडरवियर और बेडशीट आदि को रोजाना बदले, यह अंडों से राहत पाने में प्रभावी है।
- अपने कपड़ों जैसे बेडशीट, कपड़े, अंडरवियर, तौलिये आदि को गर्म पानी से धोएं। इससे अंडे नष्ट हो जायेगे। इसके साथ ही इन्हे तेज धूप से सूखने के लिए डालें।
- गुदा स्थान पर खुजली करने से बचे। बच्चों के नाख़ून काटें ताकि उनमे अंडे न जमा हो सके। उन्हें उंगली मुंह में डालने या नाख़ून चबाने से रोके।
- इस इंफेक्शन को होने और फैलने से बचाने के लिए अपने हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद धोते रहें।
नुस्खे
कई ऐसे प्राकृतिक और घरेलू नुस्खे है, जिन्हे अपना कर आप पिनवॉर्म इंफेक्शन से कुछ राहत पा सकते है। हालांकि, इस बात की पूरी तरह से जानकारी नहीं है कि यह इस इंफेक्शन में कितने प्रभावी हैं। लेकिन, आप निम्नलिखित चीज़ों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं:
- लहसुन
- नारियल
- अंगूर के बीज का अर्क और पेस्ट
- पीसी हुई गाजर
- प्याज का जूस
- कद्दू के बीज
- वॉर्मवुड अर्क
यह केवल कुछ नुस्खे हैं, लेकिन इनका प्रयोग करने से अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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