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5 month pregnancy: 5 मंथ प्रेग्नेंसी के बारे में पाएं पूरी इंफॉर्मेशन!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/06/2022

    5 month pregnancy: 5 मंथ प्रेग्नेंसी के बारे में पाएं पूरी इंफॉर्मेशन!

    प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला के शरीर में अलग-अलग बदलाव होते हैं। हर महीने के गुजरने के साथ आप इन बदलावों को महसूस कर सकती हैं। अगर बात की जाए, 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) की, तो 5 मंथ प्रेग्नेंट होते ही गर्भवती महिला की बेबी बेली पूरी तरह से विजिबल होती है। इस महीने ग्रोइंग बंप के साथ आपको कई अन्य एडजस्टमेंट्स भी करने पड़ते हैं। इस दौरान शिशु का विकास भी तेजी से हो रहा होता है। पांचवां महीना सेकंड ट्रायमेस्टर में आता है और सेकंड ट्रायमेस्टर को प्रेग्नेंसी का सबसे सुखद समय माना जाता है। आइए पाएं 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से। सबसे पहले इस दौरान नजर आने वाले लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।

    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में गर्भवती महिला को कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं?

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि सेकंड ट्रायमेस्टर में महिलाएं कम परेशानियों का अनुभव करती हैं। लेकिन, इस समय भी कुछ लक्षणों को महसूस करना सामान्य है, जैसे:

    पैरों का सूजन (Swollen feet)

    गर्भावस्था में वजन के बढ़ने, फ्लूइड रिटेंशन और प्रेग्नेंसी हॉर्मोन्स के कारण कई समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें से एक है पैरों में सूजन। शरीर के लूज मसल्स शरीर को चाइल्डबर्थ के लिए तैयार करते हैं और इससे पैरों के जॉइंट्स भी लूज हो सकते हैं, जिससे फीट एक्सपैंड होते हैं। ऐसे में पैरों में सूजन में ठंडे पानी से फुट बाथ से राहत मिल सकती है।

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    लोअर बैक पेन (Lower back pain)

    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में आपका पोस्चर ग्रोइंग बेली को एडजस्ट करने के परिणामस्वरूप बदलता है। जैसे-जैसे बंप ग्रो होता है, सेंटर ऑफ ग्रेविटी शिफ्ट होती है। इससे लोअर बैक में स्ट्रेन हो सकता है क्योंकि इस दौरान अतिरिक्त वजन और बॉडी शेप के बदलने से मसल्स को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। ऐसे में एक्सरसाइजेज करने से आपकी बैक मसल्स को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।

    चक्कर आना (Dizziness)

    जैसे-जैसे गर्भ में शिशु बढ़ता है, ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव होता है। इससे हेड तक ब्लड फ्लो कम होता है। इससे जब आप खड़ी होती है या अचानक पोजीशन बदलती हैं, तो आपको चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए धीरे-धीरे अपनी पोजीशन बदलें या खड़े हों।

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    नेजल कंजेशन (Nasal congestion)

    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में आप स्टफी नोज, नोज ब्लीड या नाक का बहना जैसी परेशानियों का महसूस कर सकते हैं। इसका कारण भी प्रेग्नेंसी हॉर्मोन्स को माना जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप सेलाइन ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy): सोने में समस्या (Difficulty sleeping)

    बेली के बढ़ने से आपको सोने में समस्या हो सकती है। इसके साथ ही इस दौरान होने वाली परेशानियां भी आपकी नींद में बाधा बन सकती हैं। नींद की समस्या से बचने के लिए आप तकिये का इस्तेमाल करें। सोने से पहले सूदिंग बाथ लें या रेगुलर वॉक करें जैसे वॉकिंग, योगा या स्विमिंग आदि। इन लक्षणों के अलावा भी आपको कुछ अन्य लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे हार्टबर्न (Heartburn), लेग क्रैम्प्स (leg cramps), कब्ज (Constipation), सिरदर्द (Headache), स्किन में बदलाव (Skin changes) आदि। अब जानते हैं कि 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में होने वाली मां में कौन-कौन से शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं?

    5 मंथ प्रेग्नेंसी, Five month pregnancy

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    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव

    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में भी गर्भवती महिला के शरीर और दिमाग में कई चेंजेज आते हैं। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से:

  • ग्रोइंग बेली (Growing belly) : इस महीने में बेली ग्रो होता है और स्किन के स्ट्रेच होने से खुजली होती है
  • एंलार्ज ब्रेस्ट (Enlarged breast): पांचवें महीने में माइल्ड प्रोडक्शन होना शुरू हो जाती है, जिससे ब्रेस्ट्स बड़े और फुल नजर आते हैं।
  • कोलोस्ट्रम (Colostrum): निप्पल से येलो लिक्विड डिस्चार्ज होने लगता है, जो जन्म के बाद शिशु इसे सबसे पहले पीता है।
  • स्ट्रेच मार्क्स (Stretch marks): यूट्रस के ग्रो होने के कारण स्किन टिश्यू में टाइनी टीयर्स हो जाते हैं, जिनसे स्ट्रेच मार्क्स होते हैं।
  • मूड स्विंग्स (Mood swings): 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में मूड स्विंग्स का कारण भी हॉर्मोन्स में बदलाव होता है।
  • स्ट्रेस (Stress): इस दौरान आप स्ट्रेस का अनुभव भी कर सकती हैं। यही नहीं, हार्मोनल फ्लक्चुएशन के कारण आप चीजों को भी भूल सकती हैं। अब जानते हैं कि इस मंथ गर्भ में शिशु का क्या विकास होता है?
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    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में बेबी डेवलपमेंट

    जैसा कि पहले ही बताया गया है कि इस समय शिशु का विकास तेजी से होता है। इस समय उसकी लेंथ  13 से 25 cm और वजन लगभग 200 से 300 ग्राम्स तक हो सकता है। इसके साथ ही शिशु में इस दौरान यह बदलाव भी हो सकते हैं:

    • गर्भावस्था के पांचवें महीने में शिशु की स्किन थिक और प्रोटेक्टिव कवरिंग से कोट हो जाती है। इससे शिशु की नाजुक स्किन का एमनियॉटिक फ्लूइड (Amniotic fluid) से प्रोटेक्शन में मदद मिलती है।
    • आपके शिशु की मसल्स और हड्डियां डेंस हो जाती और उनके हाथ, टांगे, उंगलियां आदि भी बन चुकी होती हैं।
    • उनकी आइब्रो, आइलिड, बाल, कान, नाखून आदि भी इस महीने बन रहे होते हैं।
    • इस समय बेबी स्ट्रेच करने, अपनी आंखों को खोलने, अंगूठा चूसने और किक करने आदि में सक्षम होता है।
    • 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में वो घूमने और ट्विस्ट करने लगता है।
    • इसके साथ ही शिशु के जेनिटल्स भी बन गए होते हैं और शिशु आवाजों को सुन सकता है।
    • शिशु का ब्रेन और इम्यून सिस्टम में भी विकास होता है।

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    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में अल्ट्रासाउंड स्कैन

    डॉक्टर शिशु के स्वास्थ्य और प्रेग्नेंसी को चेक करने के लिए मिड-प्रेग्नेंसी स्कैन की सलाह दे सकते हैं। इस कम्प्रेहैन्सिव स्कैन (Comprehensive scan) को एनोमली स्कैन (Anomaly scan)  कहा जाता है। क्योंकि, इस स्कैन का पर्पस फीटस में स्ट्रक्चरल अब्नोर्मलिटीज की जांच करना है। इस स्कैन के माध्यम से डॉक्टर शिशु का चेहरा, लिंब और मेजर ऑर्गन्स जैसे हार्ट आदि को देखा जा सकता है। यदि, अल्ट्रासाउंड में असामान्यता का पता चलता है, तो आपका डॉक्टर कॉम्प्लीकेशन्स और उपचार के लिए अतिरिक्त स्कैन की सलाह दे सकते हैं। अब जानते हैं कि 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में आपको क्या करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए?

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    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में क्या करें?

    अगर आप पांच महीने की गर्भवती हैं, तो आपको कई चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करना आपके शिशु और आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आइए जानें इस दौरान आपको किन चीजों को करना चाहिए?

    • विटामिन सी इंटेक को बढ़ाएं
    • नेचुरल सप्लीमेंट्स लें जैसे बादाम, अखरोट, खजूर आदि
    • हाय फाइबर डायट का सेवन करें
    • सही पोस्चर में बैठे
    • अधिक देर तक बैठने या खड़े होने से बचें
    • पर्याप्त आराम करें
    • आरामदायक स्लीपिंग पोजीशन अपनाएं
    • कम्फर्टेबल फुटवेयर पहनें
    • डॉक्टर की सलाह के अनुसार व्यायाम करें
    • तनाव से बचें

    यह तो थी वो चीजें जिन्हें आपको इस समय करना चाहिए। अब जानिए कि इस दौरान आपको किन चीजों को करने से बचना चाहिए?

    • जंक फ़ूड का सेवन करने से बचें
    • अचानक मूवमेंट से बचें
    • अधिक समय तक यूरिन को न रोके
    • नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें

    जानिए इस दौरान आपकी डायट के बारे में।

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    5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में कैसी होनी चाहिए आपकी डायट?

    इस महीने आपको अपने आहार में अधिक हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, फल आदि को शामिल करें। ऐसे आहार को लें, जिसमें कैल्शियम अधिक मात्रा में हो। यह शिशु की हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी है।

    इस समय आयरन का सेवन करने से रेड ब्लड सेल्स की प्रोडक्शन में मदद मिलती है। इसलिए फिश, हरी सब्जियां, ड्राय फ्रूट, बीन्स आदि को अपने आहार में शामिल करें।

    इसके साथ ही फोलिक एसिड का भी सेवन करना जरूरी है। जो आप हरी सब्जियों, दालों, नट्स, खट्टे फलों आदि से पा सकते हैं। विटामिन डी, हेल्दी आइसाईट और बोन व दांतों के लिए आवश्यक है। 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में प्रोटीन डायट लेना भी जरूरी है जैसे अंडे, सोया, बीन्स,दूध आदि। यह मसल्स और ब्रेन के लिए जरूरी है। 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) में आपको अपना और अपने शिशु का खास ख्याल रखना चाहिए। इसके साथ ही कुछ स्थितियों में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए जैसे:

    • वजाइनल ब्लीडिंग (Vaginal bleeding)
    • गंभीर क्रैम्प्स या बैक पेन (Severe cramps or back pain)
    • बुखार (Fever)
    • पेनफुल यूरिनेशन (Painful urination)
    • गंभीर वोमिटिंग (Severe vomiting)
    • यूरिन या वजाइनल एरिया से दुर्गन्ध आना (Bad smells coming from  urine or vaginal area)

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    यह तो थी जानकारी 5 मंथ प्रेग्नेंसी (5 month pregnancy) के बारे में। इस समय अधिकतर महिलाएं कोई भी परेशानी महसूस नहीं करती हैं। लेकिन, फिर भी शारीरिक बदलावों के कारण कुछ समस्याएं होना सामान्य है। अगर इस और सेकंड ट्रायमेस्टर के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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