प्रेग्नेंसी वीक 20 तक आते-आते शिशु की लंबाई करीब 16 सेंटीमीटर और वजन 315 ग्राम के आसपास हो जाता है। प्रेग्नेंसी वीक 20 के दौरान आपका शिशु गर्भ में ज्यादा जगह लेने लगता है। इस समय आपके फेफड़ों, पेट, ब्लैडर और किडनी पर ज्यादा दवाब पड़ने लगता है, क्योंकि आपका शिशु बहुत तेजी से बढ़ रहा होता है। वैक्स की सुरक्षात्मक परत के नीचे शिशु का फैट मोटा होने लगता है और त्वचा विकसित होती रहती है। प्रेग्नेंसी वीक 20 में भी आपके शिशु के बाल और नाखून बढ़ने चालू रहते हैं। आपके शिशु का नर्वस सिस्टम और सुनने की क्षमता भी बेहतर होती रहती है।
प्रेग्नेंसी वीक 20 को ऐसे समझें
प्रेग्नेंसी वीक 20 में आपके शिशु की उंगलियां और अंगूठे लचीले होते रहते हैं। इस समय कभी-कभी आपका शिशु अपने चेहरे को छू सकता है और अपने अंगूठे को चूस सकता है, जिसे आप अल्ट्रासोनिक टेस्ट की मदद से देख भी सकती हैं। प्रेग्नेंसी के 20 वे हफ्ते के दौरान आप अपने शिशु के साथ ‘टच डायलॉग’ की शुरुआत कर सकती हैं। जैसे, जब आपका शिशु पेट में एक बार पैर मारे, तो आप बाहर से पेट पर हल्की थपकी मार सकती है, जिसके बाद शिशु दूसरी बार पैर मारकर आपकी थपकी का जवाब दे सकता है।
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प्रेग्नेंसी वीक 20 में शारीरिक और दैनिक जीवन में परिवर्तन
प्रेग्नेंसी वीक 20 के दौरान मेरे शरीर में क्या-क्या बदलाव आएंगे?
प्रेग्नेंसी वीक 20 के समय तक आप करीब 4.5 किलोग्राम वजन बढ़ा चुकी होंगी। इसके बाद हर हफ्ते करीब एक पाउंड तक आपका वजन बढ़ सकता है। अगर, प्रेग्नेंसी शुरू होने के समय आप अंडरवेट थी, तो आपको ज्यादा वजन बढ़ाना चाहिए। इसके दूसरी ओर, अगर आप प्रेग्नेंसी शुरू होने के समय ओवरवेट थी तो आपको कम वजन बढ़ाना चाहिए। सही वजन की जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए। इसके अलावा, आपको हेमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करने वाले आयरन की पर्याप्त मात्रा का सेवन करना चाहिए। क्योंकि आपके शरीर को शिशु और प्लासेंटा के लिए और ब्लड वॉल्यूम बढ़ाने के लिए पर्याप्त आयरन की जरूरत होती है।
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प्रेग्नेंसी वीक 20 के दौरान मुझे किन बातों के बारे में ध्यान रखना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 20 वे हफ्ते के दौरान आपको शिशु के कॉर्ड ब्लड की बैंकिंग को कंसीडर करना चाहिए। बैंकिंग कॉर्ड ब्लड एक प्रक्रिया है, जिसमें शिशु की गर्भनाल (Umbilical Cord) से जन्म के तुरंत बाद गर्भनाल रक्त निकाल लिया जाता है, ताकि भविष्य में संभावित स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल किया जा सके। कॉर्ड ब्लड स्टोर करने के दो तरीके होते हैं, जैसे
पब्लिक- भविष्य में इसकी जरूरत वाले मरीजों के इस्तेमाल के लिए पब्लिक बैंक कॉर्ड ब्लड को निकालेंगे और स्टोर करेंगे।
प्राइवेट- जो फैमिली या लोग यह सर्विस देने के लिए तैयार हैं, वो सेंटर के कॉर्ड ब्लड के कलेक्शन और स्टोरेज को सुपरवाइज करेंगे और यह कॉर्ड ब्लड सिर्फ इसको देने वाली फैमिली के लोगों के लिए ही भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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प्रेग्नेंसी वीक 20 में डॉक्टरी सलाह
इस दौरान मुझे डॉक्टर को क्या-क्या बताना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 20 या गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान किए जाने वाले लेवल 2 अल्ट्रासाउंड की मदद से आप और डॉक्टर शिशु के विकास को ज्यादा बेहतर तरीके से देख सकते हो। अगर आपको इस अल्ट्रासाउंड से संबंधित कोई भी चिंता है, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात कीजिए।
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इस दौरान मुझे किन टेस्ट्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 20 के दौरान अगर आपके डॉक्टर ने एम्नियोसेंटेसिस टेस्ट को आपके लिए सुरक्षित पाया और आपने उसके लिए हां की होगी तो ही आप इस टेस्ट को दे सकती हैं। एम्नियोसेंटेसिस टेस्ट चुनिंदा कारणों के लिए किया जाता है और यह कोई पीरियोडिक टेस्ट नहीं है। इस टेस्ट में एक लंबे मेडिकल उपकरण को आपके यूट्रस के अंदर डाला जाता है, जिसे यह पता लगाया जा सके कि क्या आपके शिशु को डाउन सिंड्रोम या एडवर्ड्स सिंड्रोम जैसी कोई आनुवंशिक असामान्यता है या नहीं। इस टेस्ट की वजह से गर्भपात होने की एक प्रतिशत से भी कम आशंका है। जरूरी यह है कि इस टेस्ट को करवाने से पहले आप डॉक्टर से इसके फायदे, नुकसान के बारे में अच्छी तरह जानकारी ले लें।
प्रेग्नेंसी वीक 20 के दौरान आपका डॉक्टर एक अल्ट्रासाउंड करवा सकता है, जिसमें तस्वीर बनाने के लिए साउंड वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की मदद से शिशु का आकार और स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। प्रेग्नेंसी के 20 वे हफ्ते में इससे शिशु में अगर कोई हड्डी या अंगों से जुड़ा विकार है, तो वो भी पता लग जाता है। आपके शिशु की पुजिशन के मुताबिक आपका डॉक्टर आपको यह भी बता सकता है कि आप इंटरकोर्स कर सकती हैं या नहीं। अल्ट्रासाउंड की मदद से गर्भनाल, प्लासेंटा और एम्नियोटिक फ्लूड जैसे शिशु के अन्य अंगों को भी चेक किया जा सकता है।
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Pregnancy Week 20 में स्वास्थ्य और सुरक्षा
प्रेग्नेंसी वीक 20 के दौरान मुझे स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी किन बातों के बारे में पता होना चाहिए?
ऑर्गेनिक या इनॉर्गेनिक फूड- ऑर्गेनिक और इनॉर्गेनिक फूड से सबसे बड़ा अंतर होता है कि ऑर्गेनिक फूड आपके स्वास्थ्य के लिए लॉन्ग टर्म में फायदेमंद होते हैं। इनके पोषण में कुछ ज्यादा फर्क नहीं होता। हां, इनॉर्गेनिक फूड में कीटनाशक का इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन उसे धोने, छिलने और पकाने के बाद कम किया जा सकता है। हालांकि, रोजाना 5-9 बार फल और सब्जियां खानी चाहिए। अगर, आपकी आर्थिक स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है तो ऑर्गेनिक फूड खाना ही जरूरी नहीं है।
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ज्यादा देर तक खड़े रहना- प्रेग्नेंसी वीक 20 या गर्भवस्था में ज्यादा देर तक खड़े रहना सही नहीं है। हां, अगर आप टहल रही हैं, तो खड़े रहने में कोई दिक्कत नहीं है। ज्यादा देर तक खड़े रहने से ब्लड प्रेशर लो होता है और गर्भवस्था में यह समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है। ब्लड प्रेशर लो होने से आप बेहोश भी हो सकती हैं। इससे बचने के लिए आप घर के अंदर या बाहर थोड़ा टहल सकती हैं। गर्भावस्था की दूसरी और तिसरी तिमाही में पेट को सपोर्ट करने और वजन को बांटने के लिए मैटर्निटी बेल्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अगले आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी वीक 21 के बारे में बात करेंगे।
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