backup og meta

एपिसीओटॉमी इंफेक्शन से बचने के 11 टिप्स

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


sudhir Ginnore द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/10/2020

    एपिसीओटॉमी इंफेक्शन से बचने के 11 टिप्स  

    एपिसीओटॉमी इंफेक्शन क्या है?

    एपिसीओटॉमी इंफेक्शन (Episiotomy Infection) क्या है, और ये कैसे हो जाता है? गर्भवती महिलाओं को इसके बारे में जानना जरुरी है। एपिसीओटॉमी डिलिवरी में इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रियाओं में से एक है। डिलिवरी के दौरान जब बच्चे के बाहर निकलने में परेशानी आती है तो डॉक्टर गर्भवती महिला की योनि (Vagina) में चीरा लगाकर आकार को बढ़ा देते हैं ताकि बच्चा आसानी से बाहर निकल सके। इस प्रक्रिया को एपिसीओटॉमी कहते हैं। जब गर्भवती महिला थक जाती है, या ऐसी कोई अन्य स्थिति बनती है तब एपिसीओटॉमी की जरूरत पड़ती है तो डॉक्टर इसका इस्तेमाल करते है। एपिसीओटॉमी डिलिवरी के बाद डॉक्टर चीरे पर टांके लगा देते हैं, लेकिन कभी-कभी एपिसीओटॉमी के घाव में संक्रमण भी हो जाता है, जिसे एपिसीओटॉमी इंफेक्शन कहते हैं। एपिसीओटॉमी इंफेक्शन को जल्दी ठीक करना जरूरी है नहीं तो इससे संक्रमण फैल सकता है जिससे और भी समस्याएं हो सकती हैं।

    और पढ़ें : डिलिवरी के बाद 10 में से 9 महिलाओं को क्यों होता है पेरिनियल टेर?

    एपिसीओटॉमी कब की जाती है – When is an Episiotomy done?

    एपिसीओटॉमी डिलिवरी के दौरान इन परिस्थियों में की जाती है-

    एपिसीओटॉमी इंफेक्शन के क्या लक्षण हैं – Symptoms of Episiotomy infection?

    यदि आपकी डिलिवरी एपिसीओटॉमी के जरिए की गई है और उसके बाद आपको निम्न लक्षण दिखाई दें तो आपको एपिसीओटॉमी इंफेक्शन हो सकता है, एपिसीओटॉमी इंफेक्शन के लक्षण निम्न हैं।

    • यदि टांकों में बहुत दर्द हो रहा है तो एपिसीओटॉमी इंफेक्शन हो सकता है।
    • योनि से बदबूदार डिस्चार्ज हो रहा है तो एपिसीओटॉमी इंफेक्शन हो सकता है।
    • शारीरिक संबंध बनाने में दर्द हो रहा है तो एपिसीओटॉमी इंफेक्शन हो सकता है।
    • आईने के जरिये देखें कि जहां कट लगाया गया था, वहां आसपास की स्किन लाल या सूज गई है तो भी एपिसीओटॉमी इंफेक्शन हो सकता है।

    और पढ़ें : सिजेरियन डिलिवरी के बाद ऐसे करें टांकों की देखभाल

    [mc4wp_form id=’183492″]

     एपिसीओटॉमी इंफेक्शन होने पर क्या करें – What to do if  You Have an Episiotomy Infection

    यदि एपिसीओटॉमी के जरिए आपकी डिलिवरी की गई है तो जाहिर है कि कट की वजह से आपको घाव जरूर होगा। जो आगे जाकर एपिसीओटॉमी इंफेक्शन में तब्दील भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि घाव को साफ रखा जाएं। यदि घाव को साफ रखा जाएं तो एपिसीओटॉमी इंफेक्शन से बचा जा सकता है। घाव को साफ रखने के तरीके नीचे दिए गए है।

    और पढ़ें : जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले डायरिया में क्या खाएं?

    1.योनि वाले हिस्से को हमेशा साफ और सूखा रखें

    योनि शरीर का वो हिस्सा है जो सेल्फ लूब्रीकेंट होता है, जिससे इस हिस्से में बैक्टीरिया पनपने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। एपिसीओटॉमी इंफेक्शन होने पर बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए योनि वाले हिस्से को हमेशा सूखा और साफ रखें। इस हिस्से को साफ रखने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें और सूखे कपड़े से साफ करें। सफाई की ये प्रक्रिया समय-समय पर करते रहे ताकि इंफेक्शन से बचा जा सके। एपिसीओटॉमी के घाव को इंफेक्शन से बचाने के लिए 24 घंटे के अंदर घाव को जरूर साफ करें।

    2.घाव को टच करने के समय दस्ताने पहनें

    किसी भी एक्टिविटी के बाद हाथ जरूर अच्छी तरह धोएं। यदि घाव को किसी वजह से टच करना है तो दस्ताने पहन कर टच करें ताकि इंफेक्शन न फैलें। ये प्रक्रिया हर बार अपनाएं ताकि किसी तरह के बैक्टीरिया योनि तक पहुंच नही पाएं।

    और पढ़ें : क्यों आती है योनि से बदबू? जानिए इसके घरेलू उपचार

    3.घाव को साफ करते वक्त जेंटल प्रेशर लगाएं

    यदि घाव से खून निकल रहा है तो एक साफ कपड़े का इस्तेमाल कर धीरे से प्रेशर देकर घाव को ढंक दें। ध्यान रखें कि ब्लीडिंग के समय कपड़े का जेंटल प्रेशर होना जरुरी है। यदि थोड़ी देर में ब्लीडिंग बंद न हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

    4.घाव को हवा लगने दें

    एपिसीओटॉमी के घाव को भरने में समय लगता है इसलिए कोशिश करें कि घाव को साफ करने के बाद हवा लगती रहे जिससे घाव सूखा रहे। घाव को हवा देने के लिए रात में बिना इनरवियर के ही सोएं ताकि घाव खुला रहे और जल्दी से सूख जाएं।

    5.घाव को साफ करने के लिए केमिकल के इस्तेमाल से बचें

    एपिसीओटॉमी के घाव को साफ करने के लिए हाइड्रोजन परोक्साइड या किसी अन्य केमिकल का इस्तेमाल करने से बचें। एपिसीओटॉमी के घाव को साफ करने के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाए साधन का इस्तेमाल करें इसके अलावा गर्म पानी की मदद से घाव को साफ करें।

    6.नाखून छोटे रखें

    एपिसीओटॉमी के घाव को पूरी तरह ठीक होने में समय लगता है इसलिए इस दौरान हाथ के नाखून हमेशा छोटे ही रखें। कई बार घाव को साफ करने या क्रीम लगाते समय नाखून से काटने या टच होने का खतरा रहता है। नाखून में बैक्टीरिया छिपे होते हैं जिनसे इंफेक्शन का खतरा रहता है इसलिए नाखून छोटे ही रखें।

    7.एंटीबायोटिक क्रीम का इस्तेमाल करें

    डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक क्रीम का इस्तेमाल करें। यदि एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से रैशेज हो रहे हैं तो डॉक्टर को जरूर बताएं।

    8.पट्टी या पेड का इस्तेमाल करें

    जरूरत पड़ने पर घाव पर पट्टी या पेड जरूर लगाएं, इससे घाव जल्दी ठीक होंगे और इंफेक्शन का खतरा काम हो जाएगा।

    और पढ़ें : इन घरेलू उपायों से करें प्रेग्नेंसी में होने वाले एनीमिया का इलाज

    9.इनरवियर रोज बदलें

    यदि आपने घाव पर पट्टी का इस्तेमाल नहीं किया है तो आंतरिक वस्त्र रोज बदलें। मार्केट में डिलिवरी के बाद पहने वाले अंडरगारमेंट्स भी मौजूद होते हैं। आप उनका भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

    10. ज्यादा शारीरिक पहल न करें

    जब तक आपके टांके पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते हैं, तब तक आपको किसी भी तरह की शारीरिक पहल करने से बचना चाहिए। उठते-बैठते समय खास सावधानी बरतें। सीधे तौर पर लेटे या बैठें नहीं। इस तरह की स्थितियों के दौरान परिवार के किसी सदस्य की मदद लें। अचानक से उठने-बैठने या लेटने पर टांकों वाले हिस्से पर दबाव बन सकता है जिससे तेज दर्द हो सकता है। ज्यादा जोर पड़ने पर टांके खुल भी सकते हैं। बैठते समय पीठ के पीछे तकीये का इस्तेमाल जरूर करें। और अपने सोने का बिस्तर गद्देदार ही चुनें। समतल या कठोर बिस्तर पर न सोएं।

    11. कब्ज से बचें

    ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जिसकी वजह से आपको कब्ज की समस्या हो। मल त्याग के दौरान दबाव पड़ने से घाव में अधिक दर्द हो सकता है। इसलिए कब्ज से बचाव करें और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। आपको अपनी उचित डायट के बारे में अपने डॉक्टर से भी परामर्श करनी चाहिए। जितना हो सके लिक्विड डायट को अपने आहार में शामिल करें।

    और पढ़ें : गर्भावस्था के दौरान होने वाली कैल्शियम की कमी को दूर सकते हैं ये 9 फूड

    मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

    अधिकांश चीरे या एपिसीओटॉमी आसानी से ठीक हो जाती हैं। लगभग दो महीने में इनके घाव भर सकते हैं जो एक साल में पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। लेकिन, कुछ स्थितियों में ये गंभीर स्थिति का भी कारण बन सकते हैं। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. जिसमें शामिल हैंः

    हम उम्मीद करते हैं कि एपिसीओटॉमी और एपिसीओटॉमी इंफेक्शन से बचने के टिप्स पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोग साबित होगा। अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं या फिर आपका कोई करीबी, तो आप उसे ये टिप्स बता सकती हैं ताकि वह एपिसीओटॉमी इंफेक्शन से बचाव कर सके। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr Sharayu Maknikar


    sudhir Ginnore द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/10/2020

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement