अगर आप न्यूली प्रेग्नेंट हैं या कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो आपके मन में प्रेग्नेंसी को लेकर कई सवाल हो सकते हैं। जैसे इस दौरान शरीर में क्या बदलाव आते हैं? आपके अंदर क्या होता है? गर्भ में शिशु की ग्रोथ कैसे होती है? आदि। अगर ऐसा है, तो वीक बाय वीक गाइड से आपको इस बारे में काफी आईडिया हो जाएगा। यही नहीं, प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks) के बारे में सही जानकारी से आप अपनी प्रेग्नेंसी को लेकर अधिक कॉन्फिडेंट और प्रिपेयर भी हो जाएंगी। हर वीक के बारे में इंफॉर्मेशन होना जरूरी है। आज हम प्रेग्नेंसी वीक्स के बारे में आपको बताने वाले हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में कितने वीक होते हैं?
प्रेग्नेंसी में कितने वीक्स होते हैं?
प्रेग्नेंसी में तीन ट्रायमेस्टर्स होते हैं, जिसमें फर्स्ट ट्रायमेस्टर एक वीक से लेकर 13वें हफ्ते तक का समय होता है। सेकंड ट्राइमेस्टर 14वें से लेकर 27वें हफ्ते तक और थर्ड ट्राइमेस्टर 28वें से 40वें हफ्ते तक का समय होता है। यानी, हर ट्राइमेस्टर में 13 से 14 हफ्ते होते हैं। संक्षेप में कहा जाए तो प्रेग्नेंसी में 40 वीक होते हैं। ड्यू डेट को लास्ट मेंस्ट्रुअल पीरियड के पहले दिन की शुरुआत से कैलकुलेट किया जाता है। इस बात को भी दिमाग में रखें कि लगभग 30 परसेंट प्रेग्नेंसीज ही 40 हफ्ते तक पहुंचती हैं।
40 प्रेग्नेंसी वीक्स को नौ महीने काउंट करते हैं। लेकिन, एक महीने में चार वीक होते हैं यानी अगर चालीस हफ्तों की प्रेग्नेंसी होती है, तो इस हिसाब से दस महीने में चालीस हफ्ते बनते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं होता। दरअसल, चार हफ्तों में 28 दिन होते हैं। लेकिन, एक महीने में 30 या 31 दिन होते हैं। यानी हर महीना लगभग 4.3 वीक्स जितना लंबा होता है। अब जानते हैं कि हर ट्रायमेस्टर में कितने प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks) होते हैं?
और पढ़ें: यह हैं प्रेग्नेंसी में बेबी मूवमेंट (Baby movement in pregnancy) के लिए कुछ आसान टिप्स!
प्रेग्नेंसी वीक्स: एक ट्रायमेस्टर में होते हैं कितने हफ्ते?
ऐसा माना जाता है कि अगर आपके गर्भ में सिंगल बेबी है, तो फुल टर्म प्रेग्नेंसी 39 वीक्स की शुरुआत से लेकर 40 वीक्स के एंड के बीच में रहती है। अगर आपके गर्भ में ट्विन्स हैं, तो फुल टर्म प्रेग्नेंसी को 38 वीक्स तक माना जाता है। आइए जानें कि हर ट्रायमेस्टर में कितने वीक्स होते हैं?
ट्रायमेस्टर 1
महीना 1: वीक्स 1 से 4
2 महीना : वीक्स 5 से 8
महीना 3: वीक्स 9 से 13
ट्रायमेस्टर 2
महीना 4: वीक्स 14 से 17
5 महीना: वीक्स 18 से 22
महीना 6: वीक्स 23 से 27
ट्रायमेस्टर 3
महीना 7: वीक्स 28 से 31
8 महीना: वीक्स 32 से 35
महीना 9: वीक्स 36 से 40
यह तो थी जानकारी कि हर ट्रायमेस्टर में कितने वीक होते हैं, इस बारे में। अब जानते हैं हर एक वीक के बारे में विस्तार से।
और पढ़ें: 6 मंथ प्रेग्नेंसी (6 Months Pregnancy) में आपको क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): जानिए क्या होता है हर वीक में?
कॉन्सेप्शन, उस कंडिशन को कहा जाता है जब महिला का एग, पुरुष के स्पर्म से फर्टिलाइज्ड होता है। इस दौरान भ्रूण के जेंडर और इनहेरिटेड कैरेक्टरिस्टिक के बारे में निर्धारित हो जाता है। आइए जानें प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks) के बारे में विस्तार से:
वीक 1 (Week 1)
प्रेग्नेंसी का पहला वीक असल में मेंस्ट्रुअल पीरियड के समय को कहा जाता है। क्योंकि, एक्सपेक्टेड बर्थ डेट को लास्ट पीरियड के पहले दिन से कैलकुलेट किया जाता है। इस वीक को आपकी 40 वीक प्रेग्नेंसी के पार्ट के रूप में काउंट किया जाता है, हालांकि अभी शिशु कंसीव नहीं हुआ होता।
वीक 2 (Week 2)
इस वीक के एंड के नजदीक स्पर्म द्वारा एग की फर्टिलाइजेशन होती है।
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): वीक 3 (Week 3)
कॉन्सेप्शन के तीस घंटों के बाद, सेल दो भागों में स्प्लिट हो जाता है। तीन दिन में बाद सेल यानी जाइगोट (zygote) 16 सेल्स में विभाजित होता है। दो और दिनों के बाद यह सेल फैलोपियन ट्यूब से यूट्रस तक माइग्रेट हो जाता है। कॉन्सेप्शन के सात दिन बाद जाइगोट (Zygote) को ब्लास्टोसिस्ट (Blastocyst) कहा जाता है।
वीक 4 (Week 4)
इस वीक में बेबी एक चावल के दाने से भी छोटा होता है। तेजी से डिवाइड होते सेल्स विभिन्न बॉडी सिस्टम्स को बना रहे होते हैं, जिनमें डायजेस्टिव सिस्टम भी शामिल है।
वीक 5 (Week 5)
इस वीक में न्यूरल ट्यूबर, सेंट्रल नर्वस सिस्टम बन जाती है।
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): वीक 6 (Week 6)
छठे हफ्ते में भ्रूण को एब्रियो (embryo) कहा जाता है, जो लेंथ में लगभग 3 मिलीमीटर होता है। यह विशेष हॉर्मोन रिलीज करता है, जिससे मां का मेंस्ट्रुअल पीरियड रुक जाते हैं।
वीक 7 (Week 7)
इस हफ्ते शिशु का हार्ट बीट करने लगता है। एब्रियो (Embryo) में प्लेसेंटा और एमनियॉटिक सैक का विकास हो चुका होता है।
वीक 8 (Week 8)
आठवें हफ्ते में एब्रियो (Embryo) अब लेंथ में 1.3 सेंटीमीटर का होता है और तेजी से बढ़ रही स्पाइनल कॉर्ड एक टेल के जैसी लगने लगती है।
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): वीक 9 (Week 9)
इस हफ्ते शिशु की आंख, मुंह, जीभ आदि बन रहे होते हैं। छोटी मसल्स से एब्रियो (Embryo) मूव करने लगता है।
और पढ़ें: Yolk Sac: प्रेग्नेंसी में योल्क सेक की भूमिका क्यों है महत्वूर्ण?
वीक 10 (Week 10)
इस हफ्ते से एब्रियो (Embryo) को फीटस कहा जाता है और यह लगभग लेंथ में 2.5 सेंटीमीटर का होता है। इस समय कई ऑर्गन्स बन चुके होते हैं। इसके साथ ब्रेन भी एक्टिव होता है।
वीक 11 (Week 11)
ग्यारवें हफ्ते में शिशु के मसूड़ों में दांत बनने लगते हैं। छोटा से हार्ट भी विकसित होना शुरू होता है।
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): वीक 12 (Week 12)
इस वीक में शिशु की उंगलियों और अंगूठों को पहचाना जा सकता है। इस हफ्ते में डॉक्टर स्क्रीनिंग टेस्ट्स की सलाह देते हैं, जिसमें मेटरनल ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड शामिल है।
और पढ़ें: क्या है प्रेग्नेंसी के बाद होने वाली एप्रन बेली की परेशानी और कैसे करें इसे मैनेज?
वीक 13 (Week 13)
तेहरवें हफ्ते में फीटस काफी जोर से तैर सकता है। अब इसकी लंबाई 7 सेंटीमीटर से अधिक हो गई होती है।
वीक 14 (Week 14)
अब फीटस की आंखें डेवलप्ड हो चुकी होती हैं। आपका शिशु अब म्युटली रो सकता है। अपना अंगूठा चूस सकता है। उसके उंगलियों और अंगूठे में नाखून बनने लगते हैं।
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): वीक 16 (Week 16)
इस वीक में फीटस लगभग लेंथ में 14 सेंटीमीटर हो चुका होता है। आईब्रोव्स और आईलैशेज बन चुकी होती है। अगर आपका फर्स्ट ट्रायमेस्टर टेस्ट न हुआ हो, तो आपको मेटरनल सीरम स्क्रीनिंग के लिए कहा जा सकता है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के बाद लूज स्किन? ये 10 उपाय आ सकते हैं काम
वीक 18-20 (Week 18-20)
इसमें अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है। इस फीटल मॉर्फोलॉजी स्कैन से स्ट्रक्चरल अब्नोर्मलिटी, प्लेसेंटा की पोजीशन और मल्टीपल प्रेग्नेंसी का पता चल सकता है।
वीक 20 (Week 20)
इस वीक फीटस लगभग 21 सेंटीमीटर की लेंथ का होता है। शिशु के कान पूरी तरह से फंक्शनल होता है और शिशु बाहर की आवाजों को सुन सकता है। इस समय अल्ट्रासाउंड में शिशु के जेनिटल्स को पहचाना जा सकता है।
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): वीक 24 (Week 24)
चौबीस हफ्ते में शिशु की लेंथ लगभग 33 सेंटीमीटर होती है। इस समय शिशु अपनी आंखों को खोल और बंद कर सकता है। यही नहीं, शिशु लंग्स के साथ ब्रीदिंग मूवमेंट भी कर सकता है।
वीक 28 (Week 28)
इस समय शिशु का वजन लगभग एक किलो से डेढ़ किलो तक हो सकता है और इसकी लेंथ लगभग 25 सेंटीमीटर हो सकती है। इस दौरान शिशु के सिर का भी विकास हो चुका होता है।
वीक 32 (Week 32)
बत्तीसवें हफ्ते में शिशु अधिकतर सोता है। इस समय उसकी मूवमेंट स्ट्रांग और कोऑर्डिनेटेड होती है। इस दौरान शिशु का सिर नीचे की तरफ होता है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान वजन ना बढ़ने के क्या कारण हैं?
प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks): वीक 36 (Week 36)
इस वीक शिशु 46 सेंटीमीटर लंबा होता है। शिशु बर्थ के लिए ऑलमोस्ट तैयार होता है। अगर इस हफ्ते शिशु जन्म ले लेता है, तो उसे सर्वाइव करने की संभावना बहुत अधिक होती है।
वीक 40 (Week 40)
चालीसवें वीक में शिशु की लंबाई 46 सेंटीमीटर होती है और वो पूरी तरह से बर्थ के लिए रेडी होता है। इसके बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं है कि लेबर की शुरुआत का क्या कारण है। इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि ऐसा मां और बच्चे के शारीरिक, हॉर्मोनल और भावनात्मक कारकों के कॉम्बिनेशन के कारण होता है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट (Pregnancy Blood test) कब होता है जरूरी?
यह तो थी पूरी जानकारी प्रेग्नेंसी वीक्स (Pregnancy weeks) के बारे में। इस बात का ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी को चालीस हफ्तों में काउंट किया जाता है। जिसकी शुरुआत मां के लास्ट मेंस्ट्रुअल पीरियड के पहले दिन से होती है। आपकी एस्टिमेटेड बर्थ डेट से आपको इसके बारे में आइडियल मिल सकता है। यही नहीं, जब कॉन्सेप्शन होता है, शिशु का जेंडर उसी दिन डिसाइड हो जाता है। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है तो आप अपने डॉक्टर से उसे अवश्य पूछें। हेल्दी आहार का सेवन करें, नियमित व्यायाम करें और आराम करें, तनाव से बचें और इन नौ महीनों को पूरी तरह से एन्जॉय करें।
[embed-health-tool-ovulation]